tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post1790132923600228789..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: साहित्य एक तपस्या ब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-24753207855085086882010-01-06T20:45:09.805+05:302010-01-06T20:45:09.805+05:30घर गया था ..आज आया ..
.. नए साल की शुभकामनाएं ..
ब...घर गया था ..आज आया ..<br />.. नए साल की शुभकामनाएं ..<br />बड़ी अच्छी जानकारी मिली .. <br />अच्छी कविताओं से रू-ब-रू होने <br />का सौभाग्य मिलता रहेगा , इससे खुश हूँ ..Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-15837610008803090972010-01-06T04:51:03.071+05:302010-01-06T04:51:03.071+05:30आभाएअ = आभार.आभाएअ = आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-20076969921812517902010-01-06T04:50:38.443+05:302010-01-06T04:50:38.443+05:30एक जानकारीपूर्ण और प्रेरक आलेख.
बहुत आभाएअ आपका.एक जानकारीपूर्ण और प्रेरक आलेख.<br /><br />बहुत आभाएअ आपका.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-41687588766059718622010-01-05T20:25:16.235+05:302010-01-05T20:25:16.235+05:30साफ-सुथरा प्रेरणा देने वाला लेख!
उत्कर्षों के उच्च...साफ-सुथरा प्रेरणा देने वाला लेख!<br />उत्कर्षों के उच्च शिखर पर चढ़ते जाओ।<br />पथ आलोकित है, आगे को बढ़ते जाओ।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-77278390313316117152010-01-05T18:40:41.695+05:302010-01-05T18:40:41.695+05:30"साहित्य एक तपस्या है, साधना है"
सही कहा..."साहित्य एक तपस्या है, साधना है"<br />सही कहा। <br />संयम ही सफलता की कुंजी है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-37822323971716319582010-01-05T17:55:06.080+05:302010-01-05T17:55:06.080+05:30सुन्दर आलेख. वाकई साहित्य एक साधना है. साहित्य ही ...सुन्दर आलेख. वाकई साहित्य एक साधना है. साहित्य ही नही कला का हर क्षेत्र साधना है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-2475551402446214772010-01-05T13:45:26.019+05:302010-01-05T13:45:26.019+05:30आपने बिलकुल सच कहा है , "साहित्य एक तपस्या है...आपने बिलकुल सच कहा है , "साहित्य एक तपस्या है , साधना है ". आभार !Kusum Thakurhttps://www.blogger.com/profile/02345756853367472461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-50724327355810169232010-01-05T12:24:26.121+05:302010-01-05T12:24:26.121+05:30सिर्फ साहित्य ही नहीं .. साधना से ही आपकी खुद की ...सिर्फ साहित्य ही नहीं .. साधना से ही आपकी खुद की पहचान बनती है .. जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है .. प्राचीन काल में भी ऋषि मुनि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबकुछ भूलकर साधना ही करते थे .. कालांतर में उसे एक ऐसे तपस्या के सफल होने के रूप में परिभाषित कया गया .. जहां उन्हें ईश्वर का वरदान मिलता था !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-30981591845716368752010-01-05T12:08:21.410+05:302010-01-05T12:08:21.410+05:30"साहित्य एक तपस्या है, साधना है"
एकदम सह..."साहित्य एक तपस्या है, साधना है"<br />एकदम सही बात , और जो इन दोनों को बस में कर ले तो समझिये कि उसके ही वारे-न्यारे है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-15170118582828662192010-01-05T11:37:53.987+05:302010-01-05T11:37:53.987+05:30sach bat hai.narayan narayansach bat hai.narayan narayanगोविंद गोयल, श्रीगंगानगर https://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-79817876875603336892010-01-05T11:30:23.405+05:302010-01-05T11:30:23.405+05:30प्रेरणादायक लेख!
ऐसा भी होता है कि केवल एक रचना ह...प्रेरणादायक लेख!<br /><br />ऐसा भी होता है कि केवल एक रचना ही कालजयी बन जाती है जैसे कि चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी <b>"उसने कहा था"</b>।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.com