tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post3486483426159408198..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: कहाँ है हमारी सांस्कृतिक विरासत ?ब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-47952400340362244392009-10-27T22:41:45.288+05:302009-10-27T22:41:45.288+05:30भाई फोटो में आपके मुछ बड़ा शानदार दीख रहे हैभाई फोटो में आपके मुछ बड़ा शानदार दीख रहे हैRaju (world's king)https://www.blogger.com/profile/18104793155163808874noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-35193071298247213082009-10-01T21:43:44.269+05:302009-10-01T21:43:44.269+05:30उचित समय पर एक ज्वलंत विषय का चयन एवं उस पर गम्भीर...उचित समय पर एक ज्वलंत विषय का चयन एवं उस पर गम्भीर लेखन हमें कुछ सोचनें पर मजबूर करता है।भारतेन्दुhttps://www.blogger.com/profile/14198298883960934378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-55649154829940115162009-10-01T21:42:35.975+05:302009-10-01T21:42:35.975+05:30उचित समय पर एक ज्वलंत विषय का चयन एवं उस पर गम्भीर...उचित समय पर एक ज्वलंत विषय का चयन एवं उस पर गम्भीर लेखन हमें कुछ सोचनें पर मजबूर करता है।भारतेन्दुhttps://www.blogger.com/profile/14198298883960934378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-89122940830537609052009-10-01T12:15:43.277+05:302009-10-01T12:15:43.277+05:30सेकंड इनिग होम !
पश्चिमी अंधुनिकरण हैसेकंड इनिग होम ! <br /><br />पश्चिमी अंधुनिकरण हैSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-43616185282294709672009-10-01T11:40:53.637+05:302009-10-01T11:40:53.637+05:30SAMVEDNAYEN MAR CHUKI HAIN ..... PASHCHIP KE ANDHA...SAMVEDNAYEN MAR CHUKI HAIN ..... PASHCHIP KE ANDHADHUN DOUD MEIN HAM APKI SAANSKRITI BHOOLTE JAA RAHE HAIN ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-31063674032402243782009-10-01T09:58:13.740+05:302009-10-01T09:58:13.740+05:30हम सब व्यक्तिवादी या केरियर ओरियेण्टेट हो गए हैं...हम सब व्यक्तिवादी या केरियर ओरियेण्टेट हो गए हैं। इसी कारण परिवार, समाज और देश की सीमाएं टूट गयी हैं। हमारा सिद्धान्त था कि सृष्टि को संरक्षण करने का कार्य मनुष्य का है अत: जितना उसका प्राप्य हैं, बस उतना ही लेना है शेष्ा दूसरों के लिए छोड देना है। अब आधुनिक या पश्चिम का विचार यह है कि यह दुनिया मेरे लिए ही बनी है, अत: इसे पाने का मेरा सर्वाधिकार है। जब पाना ही जीवन का लक्ष्य बन जाए तब अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-82956676981154289812009-10-01T09:40:43.811+05:302009-10-01T09:40:43.811+05:30ये बहुत ही गम्भीर विषय है,इसका सामाजिक निराकरण भी ...ये बहुत ही गम्भीर विषय है,इसका सामाजिक निराकरण भी अत्यावश्यक है,ये हमा्री वर्तमान शिक्षा प्रणाली का बहुत बडा दोष है,आपने सही सवाल उठाये,टिपौती लाल "झारखण्डी"https://www.blogger.com/profile/06610656246448854909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-63574217974547585712009-10-01T09:07:48.828+05:302009-10-01T09:07:48.828+05:30बिलकुल सही सवाल है । स्माज से संवेदनायें अपनी संस्...बिलकुल सही सवाल है । स्माज से संवेदनायें अपनी संस्कृ्ति सब गायब हो रहे हैं आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com