tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post4083071820450752206..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: मोबाईल कम्पनियों की खुली लूट एवं धोखाधड़ीब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-91514471081123437022009-10-25T10:54:02.473+05:302009-10-25T10:54:02.473+05:30अविनाश जी जब नाम ही कस्टमर धर दिया तो फ़िर सहना पड़े...अविनाश जी जब नाम ही कस्टमर धर दिया तो फ़िर सहना पड़ेगा,<br />ये ही कस्टमर की नियति है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-7618269160114275792009-10-25T10:51:15.305+05:302009-10-25T10:51:15.305+05:30ज्ञानदत्त जी मैने फ़ीड बर्नर मे जाकर फ़ीड जेनरेट करन...ज्ञानदत्त जी मैने फ़ीड बर्नर मे जाकर फ़ीड जेनरेट करने की कोशिश की थी लेकिन सफ़ल नही हुआ। शायद टे्म्पलेट मे कोई समस्या है, कुछ तक्नीकि विशेषज्ञों से पुछकर देखते है। शायद हल हो जायेब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-23117955938642032242009-10-25T10:42:42.633+05:302009-10-25T10:42:42.633+05:30AAJ KI MAJBOORI HAI KI INKE BINA KAAM NAHI CHALTA,...AAJ KI MAJBOORI HAI KI INKE BINA KAAM NAHI CHALTA, KHAO TO MAJBOORI NA KHAO TO ....Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-51049448334368303922009-10-25T10:10:16.283+05:302009-10-25T10:10:16.283+05:30बहुत सही लिखा है ललित जी। भारत में सर्विस सेक्टर ग...बहुत सही लिखा है ललित जी। भारत में सर्विस सेक्टर गर्त क्लास है।<br /><br /><br />आपका फीड संजोना चाहता था, पर कुछ समस्या है। गूगल फीड रीडर यह ब्लॉग फीड पकड़ नहीं रहा।<br />फीडबर्नर से फीड देना ट्राइ कर देखें।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-83070659706738410572009-10-25T09:06:46.457+05:302009-10-25T09:06:46.457+05:30लुटेरे डाल रहे हैं डाका सरेआम
सुनाते हैं गाना
होता...लुटेरे डाल रहे हैं डाका सरेआम<br />सुनाते हैं गाना<br />होता है फरमान लुटने का<br />बाजार की इस दौड़ में<br />पैसे लूटने की होड़ में<br />कोई पीछे नहीं रहना चाहता<br />कस्टमर को तो मजबूरी में पीछे रहना पड़ता है<br />इसीलिए तो कस्टमर सदा कस्ट से ही मरता है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-9149994912578109282009-10-25T09:01:05.981+05:302009-10-25T09:01:05.981+05:30राम नाम(पैसे) की लूट लगी है
लूट सके तो लूट
लुटेर...राम नाम(पैसे) की लूट लगी है<br /> लूट सके तो लूट<br />लुटेरों की नगरी में कोई कम्पनी रह ना जाए छूटराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-66168212955383893692009-10-25T08:42:29.524+05:302009-10-25T08:42:29.524+05:30मकडजाल है ये तोमकडजाल है ये तोM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com