tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post4691532014003592047..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: सड़क पर बैठे जानवर बाईक सवारों के लिए यमदूतब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-43903360545225937912010-07-20T21:23:33.821+05:302010-07-20T21:23:33.821+05:30जागरूक करने वाली पोस्ट है | शायद कोइ सरकारी नुमाइं...जागरूक करने वाली पोस्ट है | शायद कोइ सरकारी नुमाइंदा जगा ही होगा इसे पढ़ कर | नहीं जगा तो भी कोइ बात नही है पोस्ट का टाईटल तो है ही इसी से काम चला लेते है |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-86793657882086880872010-07-19T15:49:34.295+05:302010-07-19T15:49:34.295+05:30बिलुकल सही कहा आपने। सारे देश का यही हाल है।
........बिलुकल सही कहा आपने। सारे देश का यही हाल है।<br />................<br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">नाग बाबा का कारनामा।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">महिला खिलाड़ियों का ही क्यों होता है लिंग परीक्षण?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-29064083813854655082010-07-19T09:12:55.618+05:302010-07-19T09:12:55.618+05:30जब जब कत्लखाने जा रही गौ माताओं को धर्म सैनिकों की...जब जब कत्लखाने जा रही गौ माताओं को धर्म सैनिकों की मदद से पुलिस ने पकड़ा है, तब तब मैंने ये सवाल उठाया है की क्या रास्ते की माताएं गौ माताएं नहीं हैं? अगर नहीं इनके ठिकानों तक इन्हें पहुँचाया क्यों नहीं जाता. कांजी हाउस क्यों बनाता है नगर निगम? वहां की कहानी पर भी कुछ काम किया है मैंने. कांजी हाउस में तो उन माताओं को ही जगह मिलती है जिनका मालिक सेठ होता है. अब समस्या ये है की इन माताओं के पीछे अहफ़ाज रशीदhttps://www.blogger.com/profile/11864735552236215372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-65138864446767780032010-07-19T08:19:07.624+05:302010-07-19T08:19:07.624+05:30यही हाल जबलपुर का भी है..क्या कहें...घर घर माटी के...यही हाल जबलपुर का भी है..क्या कहें...घर घर माटी के चूल्हें हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-9939351401727669282010-07-19T07:17:41.236+05:302010-07-19T07:17:41.236+05:30अच्छी व्यवस्था की पोल खोलती पोस्ट ,ऐसे ही लिखते रह...अच्छी व्यवस्था की पोल खोलती पोस्ट ,ऐसे ही लिखते रहिये क्या पता कभी बहरे सुनने लगे और अंधे देखने लगे ....! अच्छा व उम्दा प्रयास |honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-89523358755408571132010-07-19T05:04:15.812+05:302010-07-19T05:04:15.812+05:30ये हर शहर की कहानी है ...
बरसात से पहले टूटी सड़कें...ये हर शहर की कहानी है ...<br />बरसात से पहले टूटी सड़कें और बरसात के दौरान इनका निर्माण ...ये नजारा भी सारे आम है ...सड़क पर आराम फरमाती इन गाय - भैंसों की ही तरहवाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-11029050361281586692010-07-19T04:59:27.868+05:302010-07-19T04:59:27.868+05:30हर शहर की यही कहानी है ...
बरसात से पहले हुए सड़क क...हर शहर की यही कहानी है ...<br />बरसात से पहले हुए सड़क के गड्ढे ...और बरसात में सड़क निर्माण करते ठेकेदार और मजदूर भी नजर आ जाते हैं ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-91826989800674100172010-07-18T23:57:26.529+05:302010-07-18T23:57:26.529+05:30ऐसे दृश्य आम हैं जो साबित करते हैं कि हमारे पूरा द...ऐसे दृश्य आम हैं जो साबित करते हैं कि हमारे पूरा देश एक सामान नीति पर काम करता है. <br /><b>जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड</b>राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-78356812456074405552010-07-18T23:01:13.716+05:302010-07-18T23:01:13.716+05:30ललित जी,
रात के अँधेरे में आपने कैमर...ललित जी,<br /> रात के अँधेरे में आपने कैमरे की आँखों में जो कैद किया वह सराहनीय है. पर क्या करें जिम्मेदार लोंगों को दिन के उजाले में भी यह दिखाई नहीं देता.रायपुर की स्थिति तो ऐसी ही है कि,"ऐ भाई जरा देख के चलो आगे भी नहीं जरा पीछे भी,ऊपर ही नहीं जरा नीचे भी"....भाई साहब यहाँ तो नजर हटी और दुर्घटना घटी .... आप सकुशल घर पहुँच गए इसकी बधाई!<br />नारायण भूषणियानारायण भूषणियाhttps://www.blogger.com/profile/17748675913703520058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-79144071919859341642010-07-18T22:08:28.382+05:302010-07-18T22:08:28.382+05:30... ये अपना शहर रायपुर है ... कभी कभी हो जाता है !...... ये अपना शहर रायपुर है ... कभी कभी हो जाता है !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-24670624560475320542010-07-18T20:07:06.399+05:302010-07-18T20:07:06.399+05:30यही होता है... बढ़िया तस्वीरें और विवरण..यही होता है... बढ़िया तस्वीरें और विवरण..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-28178166899046440512010-07-18T19:09:52.419+05:302010-07-18T19:09:52.419+05:30बचपन से समझाया जाता रहा है, सर उठा कर चलो।
मनोवैज्...बचपन से समझाया जाता रहा है, सर उठा कर चलो।<br />मनोवैज्ञानिक कहते हैं, सर नीचा कर चलने से "परस्नैलिटी" पर फर्क पड़ता है।<br />अमिताभ ने भी ठोकर खाने के बाद ही डायलाग मारा था, आज तो बहुत खुश होगे........ <br /><br />फिर तापमान नियंत्रित गाड़ियों और सत्ता का मद नीचे कहां देखने देता है भाई।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-12765802218365454112010-07-18T19:09:18.223+05:302010-07-18T19:09:18.223+05:30अरे वाह कितने खूबसूरत गड्ढे और मवेशी थे ...बिल्कुल...अरे वाह कितने खूबसूरत गड्ढे और मवेशी थे ...बिल्कुल सडक से मैंचिंग ....और आप हैं कि खामख्वाह इन्हें दोष दिए जा रहे हैं ...वो तो शुक्र मनाईये कि सडक के इन गड्ढों से और मवेशी बैठकी से भी , जाने अनजाने लोगों को ये कंफ़र्म होता रहता है कि..अपने ..शहर /सडक ...से भटके तो नहीं है ...इन्हें तो हर सडक पर कंपल्सरी सबजेक्ट हिंदी की तरह कर देना चाहिए ...क्योंकि सडक और हिंदी ..दोनों की हालत एक जैसी ही है ...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-81248522956339793572010-07-18T14:30:56.242+05:302010-07-18T14:30:56.242+05:30हम सब आजाद है, सब की मर्जी है जो चाहे वो करो... जो...हम सब आजाद है, सब की मर्जी है जो चाहे वो करो... जो देश भगवान के सहारे चल रहा हो वहां ऎसी छोटी मोटी बाते तो आम है जी, अंधी पीस रही है ओर कुतिया चाट रही है यह हाल है इस देश का,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-30584984078498605182010-07-18T12:56:35.213+05:302010-07-18T12:56:35.213+05:30आप तो गड्ढों में सड़क ढूँढते चलिए....कागजों में तो...आप तो गड्ढों में सड़क ढूँढते चलिए....कागजों में तो पूरी बनी हुई सड़क होगी.....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-44829957213203952932010-07-18T12:28:50.968+05:302010-07-18T12:28:50.968+05:30मैनपुरी में भी आप यही हाल पायेंगे !मैनपुरी में भी आप यही हाल पायेंगे !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-82471862929117889852010-07-18T11:31:22.783+05:302010-07-18T11:31:22.783+05:30क्या कहा जाय , शायद ऐसी ही सड़कों पर व्यंग्य चलता ...क्या कहा जाय , शायद ऐसी ही सड़कों पर व्यंग्य चलता है कि 'गड्डों में सड़क बनी होती है' , जानवर तो सब दुरुस्त ही कर देंगे , इंसान इन्हीं के भरोसे तो सब छोड़ रहा है ... और खुद जानवर होता जा रहा है ! सच दिखाती पोस्ट ! आभार !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-758734669984346662010-07-18T10:25:38.443+05:302010-07-18T10:25:38.443+05:30आप भी ललित जी! सड़क के गड्ढे को पटवाकर भारत के सड़क ...आप भी ललित जी! सड़क के गड्ढे को पटवाकर भारत के सड़क की पहचान ही खत्म कर देना चाहते हैं। गड्ढ़े तो भारत की सड़कों की शान हैं!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-7246230984822640332010-07-18T10:12:42.690+05:302010-07-18T10:12:42.690+05:30zidgi raam bahrose chal rahi hai.. poore desh me.....zidgi raam bahrose chal rahi hai.. poore desh me.. aap surakshit hain yaani aap par ishwar kee kripa haiअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-16688311882440749922010-07-18T09:57:40.921+05:302010-07-18T09:57:40.921+05:30राम राम सब जगहें यहीं हाल है ... गड्डे भी मस्त और...राम राम सब जगहें यहीं हाल है ... गड्डे भी मस्त और राहगीर भी मस्त... भैय्या जी .....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-29936996505350629492010-07-18T09:47:07.048+05:302010-07-18T09:47:07.048+05:30रायपुर हो या जयपुर सब जगह एक से ही हाल है............रायपुर हो या जयपुर सब जगह एक से ही हाल है.....................Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-84930859278301532222010-07-18T09:23:55.942+05:302010-07-18T09:23:55.942+05:30इससे साबित होता है कि रायपुर भी भारत में है ,क्यों...इससे साबित होता है कि रायपुर भी भारत में है ,क्योंकि पूरे देश में ये स्थिति है ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-70617515504454206482010-07-18T09:17:17.909+05:302010-07-18T09:17:17.909+05:30अहा...मैं तो समझता था कि ये नज़ारे केवल दिल्ली के ...अहा...मैं तो समझता था कि ये नज़ारे केवल दिल्ली के ही हैं :-))Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-43527816930597885792010-07-18T08:54:23.658+05:302010-07-18T08:54:23.658+05:30जानने की कोशिश कीजिये की मुख्य मंत्री या उसके असिस...जानने की कोशिश कीजिये की मुख्य मंत्री या उसके असिस्टंट का कोई ब्लॉग होगा और उसे अपने ये लिंक भेज दीजिए...और फिर उसी रूप में आ जाइये मस्त राम है मस्ती में आग लगो चाहे बस्ती में.<br /><br />अजित गुप्ता जी की बात बिलकुल सही है.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-75280437859857262372010-07-18T08:46:56.454+05:302010-07-18T08:46:56.454+05:30सडकों पर गड्ढे तो भारत की पहचान हैं .. सडकों पर मव...सडकों पर गड्ढे तो भारत की पहचान हैं .. सडकों पर मवेशी न हों तो वो भी कैसा भारत .. सरकार , ठेकेदार और मवेशीपालक भारत की पहचान नहीं मिटने देना चाहते .. ऐसे में संभलकर गाडी चलाना ही आम नागरिक का कर्तब्य हो जाता है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com