tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post84100927199357436..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: चैट की बत्ती बनी जीवन दीप --- ललित शर्माब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-8563895578007521112012-03-21T03:13:19.784+05:302012-03-21T03:13:19.784+05:30आप तीनों ने बहुत ही भला काम किया। नेट, चेट, ज्योति...आप तीनों ने बहुत ही भला काम किया। नेट, चेट, ज्योतिष का सकारात्मक पक्ष कहें या आप लोगों द्वारा सकारात्मक उपयोग। यूं ही आरोप लगाया जाता है कि संवेदनाएं खतम हो रही हैं। आभासी दुनिया भी संवेदनाओं से लबरेज है। अनजान व्यक्ति के लिये आप तीनों रात भर चिंतित रहे। उनका बुरा समय सफलता से टाल दिया। सच में राहुल शर्मा को भी एसा कोई मददगार मिल जाता तो क्या बात थी। खैर। उन्हें श्रद्धांजली। <br />ललित भाई ने डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-56488050553529083992012-03-20T11:09:48.094+05:302012-03-20T11:09:48.094+05:30अधिकतर मामलों में लोग दो तरह के लोग आत्महत्या करत...अधिकतर मामलों में लोग दो तरह के लोग आत्महत्या करते हैं , एक वो लोग जो अचानक यकदम उठाते हैं और दुसरे वो जो काफी दिनों से इसकी प्लानिंग करते हैं . हम दूसरी तरह के लोगों को<br />इस तरह से बच्चा सकते हैं जैसे ललित जी और उनके साथियों ने किया . इस तरह के लोग हमारे आस पास हो रहते हैं हमें चाहिए उनको जीवन के उतार चढ़ाव के बारे में समझाते रहें.<br />खुबसूरत पोस्ट .आप इसी तरह से ही , लोगो को जिन्दगी Rajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-11130868092344282582012-03-19T21:28:08.220+05:302012-03-19T21:28:08.220+05:30मनुष्य के जीवन में आध्यात्म बहुत काम आता है। जो व्...मनुष्य के जीवन में आध्यात्म बहुत काम आता है। जो व्यक्ति पुस्तके पढता है और अच्छे लोगों की सम्पर्क में रहता है उसके भीतर नकारात्मक उर्जा प्रवेश कर ही नहीं सकती क्योंकि पुस्तकों एवं मित्रों से सम्पर्क में पाया हुआ सद्ज्ञान उसे गलत कार्य करने से रोकता है। <br /><br />शत प्रतिशत सहमत...<br /><br />आप लोगों ने बढिया काम किया ...साधुवाद!!<br /><br />राहुल शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-39067188575600866672012-03-19T16:19:39.742+05:302012-03-19T16:19:39.742+05:30राहुल शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि .... आपने जिस...राहुल शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि .... आपने जिसे बचाया .... उसके ग्रह अच्छे ही रहे होंगे ... ग्रह की ही चाल थी जो आप सबके प्रयास से वो निराशा की स्थिति से निकाल पाया ... आप सभी को साधुवादसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-64802907209064171782012-03-19T11:52:28.818+05:302012-03-19T11:52:28.818+05:30आपने वाकई बहुत अच्छा कार्य किया है ...
साधुवाद है ...आपने वाकई बहुत अच्छा कार्य किया है ...<br />साधुवाद है आपको.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-29111368748808482212012-03-19T10:49:28.419+05:302012-03-19T10:49:28.419+05:30बीएम पाबला, संगीत जी, संध्या जी, ललित जी आपका सब ...बीएम पाबला, संगीत जी, संध्या जी, ललित जी आपका सब का शुक्र गुजार हूं कि आपने एक बेहतरीन कार्य किया,Kulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-81308300715563676312012-03-19T10:47:06.669+05:302012-03-19T10:47:06.669+05:30जिस के सिर तू सवार, वह दुख कैसे पाएजिस के सिर तू सवार, वह दुख कैसे पाएKulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-51129043333113706992012-03-19T10:44:36.814+05:302012-03-19T10:44:36.814+05:30आत्महत्या...एक चरम निराशाजनक क्षण की उपज होती है.....आत्महत्या...एक चरम निराशाजनक क्षण की उपज होती है..अगर वह क्षण टल जाता है..तो फिर यह ख्याल भी दिल से निकल जाता है..वह सौभाग्यशाली था कि आप उसे ऑनलाइन मिल गए...और संगीता जी..संध्या जी से भी उसकी बातचीत चलती रही...आपलोगों का सम्मिलित प्रयास सफल हुआ और एक युवा का जीवन बच गया...<br />काश! हर ऐसे अवसाद के क्षणों से गुजारने वालों को किसी हमदर्द का साथ मिल जाए.डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-74335268009780296382012-03-19T10:43:55.142+05:302012-03-19T10:43:55.142+05:30बहुत ही अच्छा आर्टिकल... वैरी टचिंग...
रंडुए का ...बहुत ही अच्छा आर्टिकल... वैरी टचिंग... <br /><br />रंडुए का मतलब क्या होता है?डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-68025824944067571232012-03-18T15:12:06.681+05:302012-03-18T15:12:06.681+05:30आत्महत्या...एक चरम निराशाजनक क्षण की उपज होती है.....आत्महत्या...एक चरम निराशाजनक क्षण की उपज होती है..अगर वह क्षण टल जाता है..तो फिर यह ख्याल भी दिल से निकल जाता है..वह सौभाग्यशाली था कि आप उसे ऑनलाइन मिल गए...और संगीता जी..संध्या जी से भी उसकी बातचीत चलती रही...आपलोगों का सम्मिलित प्रयास सफल हुआ और एक युवा का जीवन बच गया...<br />काश! हर ऐसे अवसाद के क्षणों से गुजारने वालों को किसी हमदर्द का साथ मिल जाए.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-16130471030254015202012-03-18T10:00:38.583+05:302012-03-18T10:00:38.583+05:30जो व्यक्ति पुस्तके पढता है और अच्छे लोगों की सम्पर...<i>जो व्यक्ति पुस्तके पढता है और अच्छे लोगों की सम्पर्क में रहता है उसके भीतर नकारात्मक उर्जा प्रवेश कर ही नहीं सकती क्योंकि पुस्तकों एवं मित्रों से सम्पर्क में पाया हुआ सद्ज्ञान उसे गलत कार्य करने से रोकता है।</i><br /><br />सहमत<br />शत प्रतिशत सहमत<br /><br />हमने भी तीन दिन पहले एक को बचाया हैBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-30593819010162421002012-03-17T05:06:07.856+05:302012-03-17T05:06:07.856+05:30यही परिस्थितियां होती हैं जब किसी से विचार साझा कर...यही परिस्थितियां होती हैं जब किसी से विचार साझा करना ज़रूरी है ....हमारी पूरी सामाजिक पारिवारिक व्यवस्था की विफलता है की यूँ लोग ज़िन्दगी से हार रहे हैं डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-89941282110511824872012-03-16T23:41:43.526+05:302012-03-16T23:41:43.526+05:30आप लोगों ने बढिया काम किया पर अफसोस कि राहुल जी क...आप लोगों ने बढिया काम किया पर अफसोस कि राहुल जी के पास ऐसा कोई मित्र नहीं रहा..... <br />अफसोस......Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-87856039706537437472012-03-16T18:32:06.466+05:302012-03-16T18:32:06.466+05:30बहुत सारे सवाल हैं.ये प्रेम व्रेम जैसे संवेदनशील ...बहुत सारे सवाल हैं.ये प्रेम व्रेम जैसे संवेदनशील मामले में आत्महत्या समझ आती है पर पुलिस या प्रशासनिक जैसे ओहदे पर जीवट वाले लोग ऐसा करें तो ताज्जुब होता है.वैसे यह आपने सच कहा कि इस तरह की भावनाएं क्षणिक आवेश में होती हैं.अत: लोगों से संपर्क में रहने वाला व्यक्ति इनसे उबर सकता है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-30270511912096916822012-03-16T18:16:55.870+05:302012-03-16T18:16:55.870+05:30सार्थक प्रयास रहा ।
चैट से भी कोई फायदा तो हुआ ।
ऐ...सार्थक प्रयास रहा ।<br />चैट से भी कोई फायदा तो हुआ ।<br />ऐसे केस में यदि सही समय पर मानसिक और भावनात्मक सहारा मिल जाए तो आत्महत्या करने वाला उस चक्रव्यूह से बाहर निकल आता है और जान बच जाती है ।<br />हालाँकि उसे आगे भी ध्यान रखना पड़ेगा ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-18276673394467456292012-03-16T16:18:29.458+05:302012-03-16T16:18:29.458+05:30सबसे पहले राहुल शर्मा को विनम्र श्रद्धांजलि.
जीवन...सबसे पहले राहुल शर्मा को विनम्र श्रद्धांजलि. <br />जीवन में कई बार ऐसे क्षण आते हें जहाँ इंसान हर जाता है वह कुछ भी स्थितियां हो सकती हें लेकिन ऐसे समय में अगर उसे कोई समझाने वाला मिल जाए या फिर उसकी काउंसलिंग हो जाए और वह उस नैराश्य से उबर जाए तो फिर उसके निर्णय स्वयं बदल जाते हें. कई बार तो ऐसे व्यक्ति इस निर्णय को लेकर कई दिन तक जीते रहते हें और फिर अंजाम देते हें ऐसे समय में अगर कोई उसका रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-42088936391777999812012-03-16T11:29:36.992+05:302012-03-16T11:29:36.992+05:30क्या पता क्या मनोभाव रहे हों?क्या पता क्या मनोभाव रहे हों?भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-45942923842218194952012-03-16T10:17:58.531+05:302012-03-16T10:17:58.531+05:30बहुत ही बढिया सामयिक लेख लिखा आपने .. वास्तव में ...बहुत ही बढिया सामयिक लेख लिखा आपने .. वास्तव में अपने जन्म कालीन ग्रहों के हिसाब से व्यक्ति को जो भी अच्छी या बुरी परिस्थिति मिलती है .. प्रकृति के नियम के हिसाब से वह उसके अनुकूल होता है .. इसलिए उसमें जीने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती .. यही कारण है कि एक भिखारी , एक श्रमिक भी एक बडे अफसर या बडे व्यवसायी से कम खुश नहीं दिखता .. पर मैने अपने अनुभव में पाया है कि जब गोचर के ग्रह खास ढंग सेसंगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-56066930013856907012012-03-16T09:47:28.139+05:302012-03-16T09:47:28.139+05:30समाज का सहारा ही ऐसे कृत्यों से बचा सकता है, व्यक्...समाज का सहारा ही ऐसे कृत्यों से बचा सकता है, व्यक्ति का कष्ट परिवार को और परिवार को कष्ट समाज को बाटना पड़ेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-34800391050519201852012-03-16T08:53:00.551+05:302012-03-16T08:53:00.551+05:30आत्महत्या किन्ही भी कारण से क्यों न हो उस व्यक्ति ...आत्महत्या किन्ही भी कारण से क्यों न हो उस व्यक्ति के परिवार के लिए अभिशाप की तरह होती है, उसके साथ-साथ कई जीवन जीते जी मर जाते हैं... एक जीवन बच गया एक परिवार नहीं बिखरा इससे बड़ा कोई सुख नहीं...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-79053821297473572532012-03-16T08:29:17.266+05:302012-03-16T08:29:17.266+05:30बिलकुल सच कहा ललित जी
आपने वाकई बहुत अच्छा कार्य ...बिलकुल सच कहा ललित जी <br />आपने वाकई बहुत अच्छा कार्य किया है .<br /><br />दिल से धन्यवाद.vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-57592760938844229952012-03-16T07:54:03.264+05:302012-03-16T07:54:03.264+05:30बहुत नेक काम को अंजाम दिया आप लोगों ने .जब कोई डूब...बहुत नेक काम को अंजाम दिया आप लोगों ने .जब कोई डूबता है तो उसकी समझ में कुछ नहीं आता और तब तिनके का सहारा भी बहुत लगता है.<br />काश ,राहुल सर्मा को भी किसी का आसरा मिल गया होता !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-23253437745421604652012-03-16T07:20:04.966+05:302012-03-16T07:20:04.966+05:30परेशानियां तो सबके जीवन में हैं, लेकिन व्यक्ति को...परेशानियां तो सबके जीवन में हैं, लेकिन व्यक्ति कोई न कोई रास्ता निकाल लेता है. आत्महत्या की मनःस्थिति शायद कई बार क्षणिक होती है और इस समय तटस्थ सा व्यक्ति आशाजनक बातें करें तो वही जीवनदायी हो सकता है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-8638197520327296652012-03-16T06:55:36.602+05:302012-03-16T06:55:36.602+05:30राहुल शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि.राहुल शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-69963259615842444842012-03-16T05:40:31.201+05:302012-03-16T05:40:31.201+05:30मनुष्य के जीवन में अध्यात्म बहुत काम आता है ....स...मनुष्य के जीवन में अध्यात्म बहुत काम आता है ....सही है , मगर इधर तिब्बत में लामाओं सहित कुछ धार्मिक मतावलंबियों की आत्महत्या के समाचार भी खूब मिले हैं !<br />आप चारों ने मिलकर उस व्यक्ति की सोच को सकारात्मक दिशा देते हुए बहुत ही नेक कार्य किया !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com