tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post5611339521524121356..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: निर्देशक बालकृष्ण अय्यर का उम्दा नाटक: फ़ांसी के बादब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-33234265473349388612011-09-19T18:00:07.506+05:302011-09-19T18:00:07.506+05:30सुन्दर प्रस्तुतिकरणसुन्दर प्रस्तुतिकरणमास्टर जीhttps://www.blogger.com/profile/03462418033578143111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-75409385346043862372010-04-26T09:34:09.322+05:302010-04-26T09:34:09.322+05:30नाटक की व्याख्या पढ़ कर आनन्द आया...रंगमंच का अपना...नाटक की व्याख्या पढ़ कर आनन्द आया...रंगमंच का अपना ही आनंद है....एक दिन देर से ही सही..शादी की सालगिरह की शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-65504426671023111032010-04-25T23:05:51.514+05:302010-04-25T23:05:51.514+05:30बहुत लाजवाब वर्णन, वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभ...बहुत लाजवाब वर्णन, वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-49028012241340811942010-04-25T17:40:41.145+05:302010-04-25T17:40:41.145+05:30ललित भाई,
बड़े गूढ़ अर्थ वाली है नाटक की विवेचना....ललित भाई, <br />बड़े गूढ़ अर्थ वाली है नाटक की विवेचना...<br /><br />लीजिए माहौल को लाइट कीजिए...<br /><br />मक्खन ने भी सपने में देखा, उसे फांसी की सज़ा सुना दी गई है...और कल ही सुबह फांसी होनी है...डेथ वारंट लेकर जेलर मक्खन की बैरक में आता है और उसे सुनाता है...मक्खन पूछता है...सुबह कितने बजे होगी फांसी...जेलर जवाब देता है...सुबह पांच बजे...ये सुनकर मक्खन ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता है...जेलर को Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-62742134153193846372010-04-25T13:52:02.150+05:302010-04-25T13:52:02.150+05:30आप ने बहुत सुंदर ढंग से नाटक के बारे बताया, बहुत ...आप ने बहुत सुंदर ढंग से नाटक के बारे बताया, बहुत अच्छा लगा, चित्र भी संजीव लगे ओर बहुत सुंदर.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-9132260419774718302010-04-25T13:29:38.092+05:302010-04-25T13:29:38.092+05:30bahut hi sundar natak.bahut hi sundar natak.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-70633197751971273982010-04-25T13:25:04.078+05:302010-04-25T13:25:04.078+05:30शर्मा जी,
आपके द्वारा किये गये वर्णन से नाटक की र...शर्मा जी, <br />आपके द्वारा किये गये वर्णन से नाटक की रोचकता स्पष्ट हुई। सही में स्वस्थ मनोरंजन बहुत आवश्यक है।<br />आभार।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-31300546695437279652010-04-25T12:32:49.658+05:302010-04-25T12:32:49.658+05:30@संजीव तिवारी
अय्यर भैया को आप पर नाराज होना भी चा...@संजीव तिवारी<br />अय्यर भैया को आप पर नाराज होना भी चाहिए:)ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-56888945727423880062010-04-25T12:10:51.152+05:302010-04-25T12:10:51.152+05:30यही तो इमेजिनेशन है
निस्चित रूप से नाटक प्रभाव शाल...यही तो इमेजिनेशन है<br />निस्चित रूप से नाटक प्रभाव शाली हैबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-80346720286032183522010-04-25T10:49:14.552+05:302010-04-25T10:49:14.552+05:30बालकृष्ण भईया रंगमंच के मंजे हुए निदेशक हैं, थिये...बालकृष्ण भईया रंगमंच के मंजे हुए निदेशक हैं, थियेटर के प्रति उनका<br />लगन अनुकरणीय है, उनके विचारों की गहराई आप स्वयं उनके ब्लाग में उनकी कविताओं में देख सकते है. <br />हम अपनी व्यस्तताओं के कारण इस प्रस्तुति के पूर्वाभ्यास में भी मित्रों के अनुरोध के बावजूद उपस्थित नहीं हो पाये. बालकृष्ण भईया भी नाराज हो रहे होंगें, आशा है वे मुझे क्षमा करेंगें.<br />धन्यवाद ललित भाई इसे प्रस्तुत करने36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-86630064346876000502010-04-25T10:46:28.863+05:302010-04-25T10:46:28.863+05:30वाह! यह तो बड़ा रोचक नाटक है।वाह! यह तो बड़ा रोचक नाटक है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-32558668589540324232010-04-25T10:42:02.913+05:302010-04-25T10:42:02.913+05:30@ पंकज अवाधिया
पंकज मै भी एक अर्से के बाद गया था।
...@ पंकज अवाधिया<br />पंकज मै भी एक अर्से के बाद गया था।<br />लेकिन बहुत आनंद आया,बहुत ही अच्छा प्रहसन था।<br />जेलर मणिमय मुखर्जी,पंडित के पात्र में राजेश श्रीवास्तव तथा ईश्वर के पात्र में शरीफ़ अहमद के सशक्त अभिनय ने पात्रों में जान डाल दी।<br />अंतिम दृश्य तो भावुक कर गया। कई लोगों को आंसू पोंछते देखा।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-16269576737329131532010-04-25T10:26:37.584+05:302010-04-25T10:26:37.584+05:30बेहतरीन..
बेहतरीन बयान मेरे दोस्त, सँदेश स्पष्ट ह...<i><br />बेहतरीन.. <br />बेहतरीन बयान मेरे दोस्त, सँदेश स्पष्ट है<br />कई मुद्दों में कानून के कई लोचे पर पुनर्विचार की आवश्यकता है !<br /></i>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-26554253683297028682010-04-25T10:21:05.150+05:302010-04-25T10:21:05.150+05:30आपके माध्यम से हमने भी प्ले का आनंद ले ही लिया !...आपके माध्यम से हमने भी प्ले का आनंद ले ही लिया !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-83810641225099235512010-04-25T10:13:48.381+05:302010-04-25T10:13:48.381+05:30mazaa aa gayaa jeevant sameekshaa dekh kar. laga, ...mazaa aa gayaa jeevant sameekshaa dekh kar. laga, mai bhi natak hi dekh rahaa hu. ayyar mere bhi mitr hai. bhavishy me kabhi maukaa milaa to ye natak zaroor dekhanaa chaahoonga.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-54273903193886200172010-04-25T10:01:15.923+05:302010-04-25T10:01:15.923+05:30हमें क्या पता था कि आप भी अंदर हैं| हम तो माँ और प...हमें क्या पता था कि आप भी अंदर हैं| हम तो माँ और पिताजी को वहां छोड़कर हेल्थ क्लब चले आये और फिर कार्यक्रम के बाद गेट से ही उन्हें लेकर चल दिए| कल माताजी और पिताजी की बातों और आज आपकी पोस्ट से लग रहा है कि नाटक देखना चाहिए था|Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-1758347657360889502010-04-25T09:53:37.708+05:302010-04-25T09:53:37.708+05:30ब्लोग के माध्यम से रंगमंच की चर्चा इसके पहले, कम स...ब्लोग के माध्यम से रंगमंच की चर्चा इसके पहले, कम से कम मुझे, देखने को नहीं मिला। आपने रंगमंच को ब्लोग में समाहित करके बहुत सराहनीय कार्य किया है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-63352437136552069582010-04-25T09:45:03.860+05:302010-04-25T09:45:03.860+05:30उदयपुर में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के ...उदयपुर में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से प्रतिमाह नाटक मंचन की परम्परा है। कभी अच्छे और कभी साधारण मंचन होते हैं। लेकिन नाटकों का दर्शक एक खास वर्ग है जो आज भी बड़ी संख्या में पहुंचता है। नाटकों के मंचन में निर्देशक की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। हम भी कभी-कभार नाटक का मंचन देख ही लेते हैं। आपने एक सशक्त नाटक देखा इसके लिए बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-616957800058410672010-04-25T09:36:57.672+05:302010-04-25T09:36:57.672+05:30doosree paaree me swaagat hai sharmaa ji.doosree paaree me swaagat hai sharmaa ji.पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-44088630620425524762010-04-25T09:22:02.034+05:302010-04-25T09:22:02.034+05:30बहुत सुन्दर चित्रण!
निर्देशन ही तो मुख्य होता है
म...बहुत सुन्दर चित्रण!<br />निर्देशन ही तो मुख्य होता है<br />मै भी स्कूल मे कभी नाटक मे <br />भाग लिया करता था। वैसे कार्यालय के <br />स्थापना दिवस के अवसर पर भी "किस्सा कुर्सी का"<br />शीर्षक मन्चित नाटक किया था।सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-79246208791973172302010-04-25T09:16:20.231+05:302010-04-25T09:16:20.231+05:30मैं इस बार भी चूक गया अय्यर जी की इस सशक्त प्रस्तु...मैं इस बार भी चूक गया अय्यर जी की इस सशक्त प्रस्तुति का आनंद लेने से<br />लेकिन आपने वर्णन ने मायूस न होने दियाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-34484261000291829192010-04-25T08:49:30.416+05:302010-04-25T08:49:30.416+05:30...एक लम्बा अर्सा हो गया नाटक देखे हुये ...कुछ अलग......एक लम्बा अर्सा हो गया नाटक देखे हुये ...कुछ अलग ही आनंद रहता है ...नो कटस ... नो लाईट आन ... नो री-टेक ... बस सब कुछ "लाईव" ....नाट्क का आनंद लेने के लिये बधाई !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-993153429729672812010-04-25T08:45:18.740+05:302010-04-25T08:45:18.740+05:30ब्लौगर बंधु, हिंदी में हजारों ब्लौग बन चुके हैं और...ब्लौगर बंधु, हिंदी में हजारों ब्लौग बन चुके हैं और एग्रीगेटरों द्वारा रोज़ सैकड़ों पोस्टें दिखाई जा रही हैं. लेकिन इनमें से कितनी पोस्टें वाकई पढने लायक हैं?<br />हिंदीब्लौगजगत हिंदी के अच्छे ब्लौगों की उत्तम प्रविष्टियों को एक स्थान पर बिना किसी पसंद-नापसंद के संकलित करने का एक मानवीय प्रयास है.<br />हिंदीब्लौगजगत में किसी ब्लौग को शामिल करने का एकमात्र आधार उसका सुरूचिपूर्ण और पठनीय होना है.<br हिंदीब्लॉगजगतhttps://www.blogger.com/profile/06938620761555382194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-41815681180251640792010-04-25T08:41:58.211+05:302010-04-25T08:41:58.211+05:30बड़ा अच्छा लगा जानकर..चित्र भी बढ़िया है..रंगमंच का ...बड़ा अच्छा लगा जानकर..चित्र भी बढ़िया है..रंगमंच का अपना अप्रीतम सौदर्य और रोमांच है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-18095351349385210922010-04-25T08:41:20.894+05:302010-04-25T08:41:20.894+05:30बहुत सुन्दर नाटक । उससे भी सुन्दर आपका अंदाज़े बयाँ...बहुत सुन्दर नाटक । उससे भी सुन्दर आपका अंदाज़े बयाँ । वाह !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.com