tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post5744540706589485999..comments2024-03-18T14:44:38.702+05:30Comments on ललितडॉटकॉम: पापा ! कुछ यादें कुछ बातें -- स्वर अर्चना चावजी -- ललित शर्माब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-45842522415801178622012-10-26T13:46:19.023+05:302012-10-26T13:46:19.023+05:30ओह... ये एक ऐसा इंतजार है, जिसे हम अच्छी तरह जानते...ओह... ये एक ऐसा इंतजार है, जिसे हम अच्छी तरह जानते हैं कभी खत्म नहीं होगा, फिर भी यादें नहीं भुलाई जाती. आप भी एक पिता हैं वही प्यार अपने बच्चों में खोजिये पाइए और बाँटिये.... शुभकामनायें संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-59570672483322232842012-06-17T16:32:48.121+05:302012-06-17T16:32:48.121+05:30पूज्य पिताजी को सादर नमन। मार्मिक स्वर, भाव व शब्द...पूज्य पिताजी को सादर नमन। मार्मिक स्वर, भाव व शब्दों ने मन भिगो दिया।डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-62535708595267906592012-06-17T13:39:25.240+05:302012-06-17T13:39:25.240+05:30पापा की यादों का सजीव और सवाणी चित्रण को सुनकर मन ...पापा की यादों का सजीव और सवाणी चित्रण को सुनकर मन भर आया. वाकई वो भाग्यशाली है लेकिन वे अपने भाग्य को कभी कभी ठुकराए बैठे रहते हें किसी और की तलाश में.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-32935351586492800092012-06-17T11:35:46.944+05:302012-06-17T11:35:46.944+05:30एक दम सजीव चित्रणएक दम सजीव चित्रणबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-16811993453336099872011-06-20T19:42:59.320+05:302011-06-20T19:42:59.320+05:30sun to nahi payee par padh kar aankhe nam ho gayee...sun to nahi payee par padh kar aankhe nam ho gayee.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-91077293521880765852011-06-20T14:35:23.544+05:302011-06-20T14:35:23.544+05:30ऐसी पोस्ट न पढ़ पाती हूँ न सुन पाती हूँ...ऐसी पोस्ट न पढ़ पाती हूँ न सुन पाती हूँ...shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-59651860450574648432011-06-20T13:58:28.493+05:302011-06-20T13:58:28.493+05:30ओह... बहुत ही मार्मिक संस्मरण..आँखे नम कर गयीओह... बहुत ही मार्मिक संस्मरण..आँखे नम कर गयीrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-92078226632489414132011-06-20T12:47:06.870+05:302011-06-20T12:47:06.870+05:30जो बिना कुछ जताए, बताए, अहसास कराए अपनी अंकुरित हो...जो बिना कुछ जताए, बताए, अहसास कराए अपनी अंकुरित होती पौध का हर तरह से ख्याल रखता है वही पिता है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-85209442118569221932011-06-20T10:51:47.447+05:302011-06-20T10:51:47.447+05:30पितृ-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँपितृ-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-1306626824786215312011-06-20T10:27:51.475+05:302011-06-20T10:27:51.475+05:30बहुत ही सजीव वर्णन है कुछ कुछ मुझे मेरा बचपन याद आ...बहुत ही सजीव वर्णन है कुछ कुछ मुझे मेरा बचपन याद आ गया ऐसे दिन मैंने भी देखे है मेरी शरारतों को पिता जी पत्र में भी लिखते थे जब मै पहली बार गुरुकुल छात्रावास में रहने गया तो पिता जी बहुत याद आते थे वो पिता जी के कंधे पर बैठकर खेत जाना ट्रेक्टर की ड्राइविंग सीट पर पिता जी की गोद में बैठकर स्टेरिंग पकडना |बहुत याद आता था | बचपन की यादे ताजा हो गयी | धन्यवाद ललित जीAlakh Yogihttps://www.blogger.com/profile/10945638803646925075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-79427463551096070192011-06-20T10:20:46.777+05:302011-06-20T10:20:46.777+05:30बिना पिता के रहना बिना छांव के रहने से भी दूभर है ...बिना पिता के रहना बिना छांव के रहने से भी दूभर है कोई ऐसा नही होता जो आपकी सभी गल्तियो को माफ़ कर आपको सीने से लगा ले और न ही ऐसा जो आपको गलत काम करने से कान पकड़ कर रोक ले जब उन गलतियों का खामियाजा हम जीवन मे भुगतते हैं तो निश्चित स्वार्थ से ही सहीं पिता की बहुत याद आती हैArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-68241823282293508762011-06-20T09:53:56.311+05:302011-06-20T09:53:56.311+05:30सुना तो नही जा सका लेकिन पढ कर मन भावुक हो गया। शु...सुना तो नही जा सका लेकिन पढ कर मन भावुक हो गया। शुभकामनायें। मगर ऐसी यादें कई बार सकून देती हैं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-36948686742204359732011-06-20T09:48:45.578+05:302011-06-20T09:48:45.578+05:30शब्दों में बयान करना मुश्किल. बहुत बढ़िया.शब्दों में बयान करना मुश्किल. बहुत बढ़िया.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-23747313983006978322011-06-20T09:36:40.421+05:302011-06-20T09:36:40.421+05:30पितृ-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँपितृ-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-56221947389342253632011-06-20T08:02:18.637+05:302011-06-20T08:02:18.637+05:30बढ़िया प्रस्तुती |बढ़िया प्रस्तुती |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-89460318501299998552011-06-20T07:52:01.547+05:302011-06-20T07:52:01.547+05:30पिता का बिछड़ना एक पल में ही हमें बड़ा कर देता है ...पिता का बिछड़ना एक पल में ही हमें बड़ा कर देता है ...<br />पिता को नमन..<br />मार्मिक संस्मरण !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-65157829878500222232011-06-20T07:49:02.530+05:302011-06-20T07:49:02.530+05:30फिर भी हम प्रत्येक दीवाली को आपका इंतजार करते रहें...<b>फिर भी हम प्रत्येक दीवाली को आपका इंतजार करते रहेंगे जिन्दगी भर, नए कपडों और आपके प्यार भरे, नेह पूरित पटाखों के लिए.......................पापा </b><br />.. और क्या किया जा सकता है .. ईश्वर को यही मंजूर था .. उन्हे शत-शत नमन !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-40664717891417738432011-06-20T07:19:57.570+05:302011-06-20T07:19:57.570+05:30मन को छू गयी प्रस्तुति......आँखें नम करती पोस्ट...मन को छू गयी प्रस्तुति......आँखें नम करती पोस्ट..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-40502666767538689032011-06-20T06:42:50.271+05:302011-06-20T06:42:50.271+05:30संभवतः उस समय हमें नहीं समझ आता है, आँखें नम हो गय...संभवतः उस समय हमें नहीं समझ आता है, आँखें नम हो गयी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8109392545841681205.post-16794792973391872742011-06-20T05:37:59.520+05:302011-06-20T05:37:59.520+05:30भावुक कर दिया महाराज...आंखें नम हैं.भावुक कर दिया महाराज...आंखें नम हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com