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मंगलवार, 22 सितंबर 2009

सुहाग की रक्षा के लिए भालू के ऊपर कूद गई।

रायगढ़ के पास पुछिया पाली के निवासी श्यामलाल केंवट एवं उसकी पत्नी सावित्री बाई कल अपने खेत में निंदाई करने के लिए गये थे,

खेत के अन्दर मादा भालू  और उसके बच्चे बिचर रहे थे, धान कि फसल बड़ी होने  के कारण इस दम्पत्ति को ये भालू और उसके बच्चे दिखे नहीं।

खेत में हलचल होने पर मादा भालू ने शावक पर खतरे की आशंका से बाहर निकल कर धान नींद रहे श्यामलाल पर हमला कर दिया और उसे दबोच लिया, उसकी छाती पर चढ़ गया।

जब श्यामलाल कि पत्नी सावित्री ने देखा कि भालू उसके पति कि जान लेने पर उतारू है तो वह भी अपने सुहाग की रक्षा के लिए भालू के ऊपर कूद गई।

इस तरह दोनों पति पत्नी और भालू के बीच घमासान हुआ। परन्तु ताकतवर भालू ने दोनों को पछाड़ दिया। दोनों के चेहरों और हाथों को अपने नाखूनों से नोच खाया। इस बीच दोनों पति पत्नी बेहोश हो गए।

भालू उन्हें मरा समझ कर छोड़कर चला गया। जब किसी गांव वाले ने उन्हें देखा तो उनको अस्पताल पहुँचाया।

यह एक स्त्री के अदम्य साहस की मिशाल है, जो अपने पति कि जान बचाने के लए अपने प्राणों कि परवाह किए बिना निहत्थे ही मौत से लड़ गई, इनके साहस को सलाम है।

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