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शनिवार, 10 अक्तूबर 2009

बालको दुर्घटना के आरोपी के अस्पताल दाखिले पर कैदियों का हंगामा

बालको में कुछ दिनों पहले २३ सितम्बर चिमनी गिरने का हादसा हुआ था, जिसमे लगभग 41 मजदूरों के मरने की पुष्टि हुई थी,  

एक खबर के अनुसार-दुर्घटना के कारणों की जाँच चल रही है, दोषियों की तलाश जारी है, जारी विवेचना के अंतर्गत कोरबा पुलिस ने गत ७ अक्तूबर को जी.डी.सी.एल. के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज शर्मा को धारा ३०४ (२) के तहत गिरफ्तार किया था, 

जमानत के अभाव में न्यायालय ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया, जेल में दाखिल होने के ४८ घंटे बाद ही जेल प्रबंधन द्वारा मनोज को शुगर और ब्लड प्रेशर की शिकायत होने पर अस्पताल में दाखिल करा दिया गया, 

जेल प्रबंधन के इस निर्णय से जेल में बंद कैदियों द्वारा जम कर विरोध किया गया, जेल के दरवाजे के पास जमकर नारे बाजी की गई, 

कैदियों के प्रदर्शन के दौरान जेल के सहायक प्रभारी मौके से गायब हो गए, जेल के कैदियों में १७ ऐसे कैदी हैं जिन्हें अस्पताल में दाखिल करना अति आवश्यक है, इनको अस्पताल में दाखिल नही कराया गया।  

इसके बावजूद जेलर द्वारा रसूखदार कैदियों को पैसे के लालच में अस्पताल में रिफर कर उन्हें लाभ पहुचाया जा रहा है, 

कैदियों ने कहा कि जेल में चिकित्सक की पदस्थापना होने के बाद भी जेल का चिकित्सक सप्ताह में एक बार ही जेल आता है, 

आक्रोशित कैदियों ने भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा करते हुए जेल एवं जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि सभी कैदियों को एक नजर से नहीं देखा जाता तो भूख हड़ताल जारी रहेगी. 

कैदियों के विरोध के कारण प्रोजेक्ट मेनेजर को वापस देर रात को जेल में पुन: दाखिल कर दिया गया है, अभी कुछ दिन पहले जेलों में हो रही अनियमितताओं की खबरें सामने आई थी, 

रसूखदार कैदियों को जेल में उनके ऐश आराम की सारी वस्तुएं उपलब्ध हो जाती हैं,वही सामान्य कैदियों को भगवान भरोसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.

इससे ये पता चलता है कि जेलों में क्या गोरख धंधा चल रह है,सब सुविधा शुल्क की माया है.

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