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शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

हेलमेट और लाल बत्ती का जलवा

कुंदन भैया के कुंदन जैसे चमकते मुख मंडल पर मुर्दनी छाई हुई थी, सुबह- सुबह नुक्कड़ पर जब से चेलों ने खबर दी थी कि सरकार अब लाल बत्ती लगाने के लिए नया कानून बना रही है, तब से सुनकर चिंता ग्रस्त हो गये थे। चेले भी सामने खड़े थे। हाथ बांधे हुए। तभी चुप्पी तोड़ते हुए कुंदन भैया ने प्रश्न दागा-“तो क्या करना चाहिए। यह तो बेईज्जती वाली बात है।“
“आप बस इशारा करो भैया,जो कहोगे वो हो जाएगा” एक चेले ने कहा
“लेकिन मामला गंभीर है,इतनी आसानी से हल नहीं होगा,मुझे जरा सोचने दो,जरुरत पड़ने पर मैं कॉल करता हूँ।“
कुंदन भैया, मोहल्ले के नामी-गिरामी नेता हैं। इन्होने जब से जन्म लिया है तब से अध्यक्ष ही बनते आ रहे हैं, कहने का तात्पर्य यह है कि अध्यक्ष बनने के लिए जन्म लिया है। एक बार इन्हे मुहल्ले वालों ने मुहल्ला विकास समिति का अध्यक्ष बना दिया तब से इन्होने समझ लिया कि अध्यक्ष बनना इनका जन्म सिद्ध अधिकार है। किसी के घर में छठी का कार्यक्रम हो, किसी की मौत पर शोक सभा हो, या सुलभ शौचालय का उद्घाटन, इन्हे बस अध्यक्षता करने से मतलब है।
एक बार मोहल्ले वालों ने कहा कि-अध्यक्ष के पास एक अदद कार और लाल बत्ती का होना जरुरी है। आप कार क्यों नहीं खरीद लेते? फ़िर उस पर लाल बत्ती लगा कर चला करें, जिससे हमारे मोहल्ले की भी शान बढेगी शहर में।
यह बात तो कुंदन भैया को जच गयी, लेकिन लाल बत्ती के लिए भी सरकार ने कानून बना रखा है कि अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती का उपयोग करने का अधिकार किसे है।
इसका इन्होने तोड़ निकाल लिया। एक दिन अपना हेलमेट लेकर गए अब्दुल मिस्त्री के पास और हेलमेट के उपर में ही लाल बत्ती फ़िट करवा ली। उसे चलाने के लिए स्कूटर की डिक्की में एक 6 वोल्ट की बैटरी रख ली। सोच लिया कि जब भी कहीं जाना होगा,  सर पर लाल बत्ती वाला हेलमेट लगाया और सायरन बजाते निकल पड़ेंगे सड़को पर।
एक दिन कुंदन भैया जैसे ही हेलमेट पर लाल बत्ती लगा कर निकले,
चौराहे पर पुलिस वालों ने पकड़ लिया,-“लाल बत्ती किसके परमीशन से लगा रखी है?
“जिसने हेलमेट लगाने का परमीशन दिया है”।
“तुम्हे मालूम है, लाल बत्ती लगाना जुर्म है”।
“कौन सी कानून की किताब में लिखा है कि हेलमेट पर लाल बत्ती लगाना जुर्म है, मुझे बताओ।“
अब ट्रैफ़िक पुलिस वाले चक्कर में पड़ गए। मामला ट्रांसपोर्ट कमिश्नर तक पहुंच गया, लेकिन ऐसा कानून कहीं नहीं मिला कि हेलमेट पर लाल बत्ती लगाना मना है। 
कुंदन भैया को यह बात पता थी कि हेलमेट पर लाल बत्ती लगाने पर जुर्माने का कानून की किताब  में जिक्र ही नही है, जब तक सरकार कानून लाएगी,तब तक तो लाल बत्ती का मजा लेगें, और जब कानून आ जाएगा तब इस कानून का तोड़ निकालने की सोचेंगे, लेकिन लाल बत्ती लगाना नहीं छोड़ेगें।

28 टिप्‍पणियां:

  1. सरकार कितने भी कानून क्‍यूं न बना ले .. ऐसे तोड तो निकल ही जाते हैं !!

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  2. बहुत खूब ...
    ऐसा ही कुछ उपाय करना होगा

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  3. वाह ! लाल बत्ती लगाने की इच्छा रखने वालों को क्या जुगाडू आइडिया दिया है :)

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  4. ये मेरा इंडिया, ये मेरा इंडिया
    लोग तोड़ निकालने में माहिर हैं।
    व्यंग्य अच्छा लगा

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  5. काफ़ी दिन हो गये आपसे मुलाकात हुए
    मिलते हैं जल्दी ही।

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  6. मैं भी लगवाता हूँ ....धन्यवाद जुगाडू बात बताने के लिए !

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  7. हा हा हा ! बढ़िया आइडिया दे दिया । अब तो पैदल यात्रियों को भी सर पर लाल बत्ती लगाकर चलने में कोई डर नहीं लगेगा ।
    आखिर वी आई पी स्टेटस ऐसे भी बनता है ।

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  8. धन्य भाग्य हमारे जो आपने इन से मिलवाया ! क्या आईडिया है भाई मान गए !

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  9. कितने लोगों के ज्ञान चक्षु खोल दिए आपने ...
    लाल बत्ती की रिकोर्ड तोड़ बिक्री बस होने ही वाली है ...
    लाल बत्ती के बहाने कानून बनाने वालों और तोड़ने की राह निकलने वालों पर अच्छा व्यंग्य ..!

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  10. लगता है कि कुन्दन भैया का लालबत्ती लगाने का लोभ हिन्दी ब्लोगरों को टिप्पणियाँ पाने के शौक जैसा ही है। :)

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  11. कानून तो होता ही तोड़ने के लिए है :) बढ़िया व्यंग.

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  12. यह भी हम हिन्दुस्तानियों की उस रुग्ण मानसिकता का ही द्योतक है जिसने हमसे गुलामी करवाई ! सही व्यंग !

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  13. ये लाल बत्ती जो ना कराये थोड़ा है... बढ़िया चित्र बनाया सर.. मजेदार पोस्ट..

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  14. बहुत से ऐसे जागते हुए सपनों में विचरने वाले लोग होते हैं, जिनके पीछे यादों के भूत सदा लगे रहते हैं। इनकी गाड़ियों में नम्बर की जगह भूतपूर्व फलाना, लेटर हेड पर चुनाव में मंत्री का सामना कर चुका ढिमकाना या फिल्मी कलाकार, भले ही खलनायक का छठा सहायक रह चुका हो लिखा मिल जाएगा।

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  15. बहुत सुंदर जी, वेसे आप की मूंछे भी बहुत तगडी ओर सुंदर है इन पर भी लाल बत्ती लग जाये तो क्या बात है,

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  16. लालबत्ती की जय हो!!! बढ़िया व्यंग..बधाई

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  17. हा...हा...हा...बहुत ही बढ़िया जुगाड़ बताया है गुरु...
    मज़ा आ गया जी...फुल्ल बटा फुल्ल

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  18. बहुत सुन्दर बात कही है | इसी लिए तो मेरा भारत महान कहा जाता है |

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  19. ये बढ़िया तोड़ निकाल लिया. लाल बत्ती का शौक भी पूरा हो लिया. :)

    बहुत बेहतरीन!

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  20. बढ़िया व्यंग्य ललितजी। कुंदनजी हैं बड़े चतुर जो पुलिसवाले जनता को चक्कर लगवाते हैं उन्होंने उन्हीं को चक्कर में डाल दिया।

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