सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, हम बुलबुले हैं उसकी ये गुलिस्ताँ हमारा, उदय १५ अगस्त से तीन दिन पहले से ही गा रहा था.
स्कुल में झंडा जो फहराना था,कविता भी गानी थी.
१५ अगस्त को मेरा कई जगह कार्यक्रम रहता है. इसलिए सभी जगह थोडा-थोडा समय देना पड़ता है.
उदय ने मेरा झंडा फहराते हुए एक चित्र बनाया है और कहने लगा कि पापा इसे ब्लॉग पर लगाओ. पाबला जी और राज भाटिया दोनों ताऊ जी देखेंगे.
इन्हें वो अच्छे से जानता है. राज भाटिया जी से तो बहुत देर तक बात की उसने. मैंने समझाया बेटा ये ताऊ जी हैं.
दादा और पापा के बीच में एक बड़ी भारी शख्शियत होती है, उसे ताऊ जी कहते हैं.
अब उसकी समझ में आ गया है. ताऊ जी किस शै का नाम है. देखिये उदय का बनाया हुआ चित्र. एक दिन वह इन दोनों के भी चित्र बनाएगा.
स्कुल में झंडा जो फहराना था,कविता भी गानी थी.
१५ अगस्त को मेरा कई जगह कार्यक्रम रहता है. इसलिए सभी जगह थोडा-थोडा समय देना पड़ता है.
उदय ने मेरा झंडा फहराते हुए एक चित्र बनाया है और कहने लगा कि पापा इसे ब्लॉग पर लगाओ. पाबला जी और राज भाटिया दोनों ताऊ जी देखेंगे.
इन्हें वो अच्छे से जानता है. राज भाटिया जी से तो बहुत देर तक बात की उसने. मैंने समझाया बेटा ये ताऊ जी हैं.
दादा और पापा के बीच में एक बड़ी भारी शख्शियत होती है, उसे ताऊ जी कहते हैं.
अब उसकी समझ में आ गया है. ताऊ जी किस शै का नाम है. देखिये उदय का बनाया हुआ चित्र. एक दिन वह इन दोनों के भी चित्र बनाएगा.
उदय की चित्रकारी |
......
बेहद रोचक ...
जवाब देंहटाएं..........बहुत खूब, लाजबाब !
जवाब देंहटाएं.... बेहतरीन ... लाजवाब .... पापा के नक्शे कदम पर ... बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंबडः़इया चित्रकार है उदय,,,
जवाब देंहटाएंबढ़िया चित्र बनाया है उदय ने
जवाब देंहटाएंउदय उदयीमान चित्रकार :)
उदय को ढेर सारा आशीर्वाद। आपने ताऊजी की व्याख्या जोरदार की बडा आनन्द आया।
जवाब देंहटाएंहोनहार बिरवान के होत चीकने पात!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चित्रकारी । रंगों का अच्छा प्रयोग किया है ।
जवाब देंहटाएंबेहतर पोस्ट
जवाब देंहटाएंपापा से ऎक कदम आगे , सायकल से दुनिया देखेंगे।
जवाब देंहटाएंउन्होने बनाया ब्लाग हम ब्लागर बादशाह बनेंगे।
ब्लाग जगत में नित नये झंडे फ़हरायेंगे।
ब्लाग जगत में उदय का हार्दिक स्वागत है।
ई गज़ब कर गये ललित जी के उदय भी
जवाब देंहटाएंमेरा हार्दिक शुभ कामनाएं खूब प्रगति करें
प्रिय
जवाब देंहटाएंउदय स्नेह
आपका चित्र अभी तक राज जी पाबला जी नहीं देख पाए
ललित भाई !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको ललित भाई !
जिसमें इतना अपनापन हो उसके बेटे पर पिता के विचारों का प्रतिविम्ब अवश्य पड़ेगा ! आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें और उदय को आशीर्वाद !
लगता है बेटा होनहार है.... बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चित्र बनाया है उदय ने
जवाब देंहटाएंजब हमारा चित्र बनाओगे तब भी हम देखेंगे
वैसे उदय तो मुझे मिलने के पहले से ही जानता है! जब पहली बार उससे आमना-सामना हुआ तो मैं पूछा 'मुझे जानते हो?'
उसने झट से ज़वाब दिया था -पाबला अंकल!!
मैं दंग रह गया
उदय को मेरी हार्दिक शुभकामनायें और आशीर्वाद
सब से पहले तो उदय बेटे को आशीर्वाद, चित्र बहुत सुंदर बनाया, दिल खुश हो गया, फ़िर ताऊ का सम्मान देने के लिये दिल से धन्यवाद, अब बेटा हमारा ओर पाबला जी का चित्र जेसा भी बनाओगे सर आंखो पर होगा, ओर उसे मै अपने ब्लांग पर भी प्रोफ़ाईल मै लगाऊंगा, अगली बार आया तो इस बेटे से जरुर मिलना होगा, ललित जी आप का भी धन्यवाद बेटे को बहुत अच्छॆ अच्छे संस्कार दे रहे है, फ़िर से उदय बेटे को बहुत सा प्यार
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया .. उदय को मेरा स्नेहाशीष !!
जवाब देंहटाएंइस भावी सचित्र ब्लोगर को मेरा आशीर्वाद |
जवाब देंहटाएं@ray
जवाब देंहटाएंपोस्ट से सबंधित टिप्पणी नही होने के कारण इसे हटा रहा हूँ।
आप अपनी बात अपने ब्लाग पर कहें तो ज्यादा उचित होगा।
ताऊ रामपुरिया
जवाब देंहटाएंबहुत आशीष, पूत के पांव पालने मे ही दिख जाते हैं बहुत आगे जायेगा.
रामराम
वाह, वाह ........
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र, उदय को हमारा स्नेहाशीष.
accha banaya hai...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट.बधाई
जवाब देंहटाएं@mohan
जवाब देंहटाएंभैया मोहन,बुर्का ओढकर टिप्पणी करना भी एक कला है। तुम टिप्पणी तो कर आए और अपना नाम लिखा रुमाल और सिगरेट केश भुल आए।
जैसे डॉन फ़िल्म में प्राण डकैती करने जाता है और अपना सिगरेट केश भूल आने से पकड़ा जाता है। ऐसा की कुछ तुम्हारे साथ भी हुआ है। कल जब तुम टिप्पणी कर रहे थे, तब तुम्हारा भी सामान छूट गया और पहचाने गए। देख लो और समझ लो कि तुम क्या छोड़ आए हो, जिससे तुम्हारी पह्चान साबित हो गयी है। मुझे थोड़ा ही वक्त लगा तुम्हारे बारे में जानकारी इकट्ठी करने में।
अगर तुम्हे कुछ कहना ही था, या कुछ गले में अटका हुआ उगलना था,तो सीधा मुझे फ़ोन पर कह देते,जब तुमसे बात हो रही थी।
आपने इतनी बढ़िया टिप्पणियां दी है कि मेरा मन आपका नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित करने की प्रबल इच्छा हो गयी है।
इसलिए आप इशारे को समझ जाइए और इस तरह की हरकत बंद कर दिजिए, आप ब्लाग जगत में सम्मानित ब्लागर का स्थान पा चुके हैं, कहीं ऐसा न हो कि आपका बना-बनाया रायता अति उत्साह के कारण फ़ैल जाए।
आगे आप समझदार हैं।
राम-राम
होनहार बिरवान के होत चिकने पात
जवाब देंहटाएं"ताऊ" के बारे में बहुत सुन्दर समझाया जी
चित्र हमें भी दिखाने के लिये धन्यवाद
प्रणाम