(माईक्रो पोस्ट) एक समाचार है कि इंटरनेट अब बिना आई पी एड्रेस के चलेगा। आई पी एड्रेस का कोटा खत्म हो गया है। 4.1 अरब आई पी आबंटित किए जा चुके हैं। वेब विकास करने वालों ने इस संख्या को पर्याप्त माना था। शुरुवाती दौर में सोचा गया था कि इंटरनेट सिर्फ़ शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। आज से इंटरनेट बिना आई पी एड्रेस के चलेगा। नामी बेनामियों की मौजा ही मौजा ।
vaah bhai vaah nyi janakariyaan dekr aapne gyaan bdhaya he . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंमुक्ति स्वर।
जवाब देंहटाएंबढिया है .. नामी बेनामियों की मौजा ही मौजा !!
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंaccyhee jaanakaaree dhanyavaad.
जवाब देंहटाएंहाँ पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्यूंकि IPv6 पहले से ही मौजूद है
जवाब देंहटाएंचलो अब सब चलते-चलते ...आपका आभार
जवाब देंहटाएंहै अभी ही खतम हो गए ....ओह कहीं ऐसा तो नहीं कि इसकी भी जमाखोरी हो रही हो ...सीबीआई वालों से कहा जाए कि जांच करके शाम तक रिपोर्ट सौंप दें ..उस पर एक कमेटी बिठाई जाएगी जो कुल तीन सौ सत्रह बार extension लेकर अपनी रिपोर्ट सन 2078 में सौंप ही देगी । तब तक नामी बेनामियों ( वाह क्या बात है वैसे कई बेनामियों का तो नाम वालों से ज्यादा नाम है )...की मौजा ही मौजा
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंखुशखबरी :चिट्ठाजगत का वनवास समाप्त .
हमारी पोस्ट भी इसी खबर पर थी !
जवाब देंहटाएंआई पी एड़्रेस बने रहेंगे! IPV4 की जगह अब नया वर्शन IPV6 आ गया है जिसमे IP की लंबाई ज्यादा है।
जवाब देंहटाएंआई पी के बीना कोई भी कम्प्युटर नेटवर्क नही चल सकता है।
कृपया यहां देखे : http://en.wikipedia.org/wiki/IPv6
While IPv4 allows 32 bits for an Internet Protocol address, and can therefore support 2^32 (4,294,967,296) addresses, IPv6 uses a 128-bit address and the new address space supports 2^128 ( 3.4×10^38) addresses.
जवाब देंहटाएंmini and exellent post.
जवाब देंहटाएंऐसा नहीं है कि बेनामियों की मौज हो गई या आईपी एड्रेस की भूमिका ही ख़त्म हो गई है,
जवाब देंहटाएंज्यादा जानकारी के लिए ये पढ़ें
http://business.bhaskar.com/article/last-ip-addresses-allocated-1816627.html?HT2=
आज से दुनियाभर में इंटरनेट के काम करने का तरीका बदल जाएगा। दरअसल आज से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं।
लेकिन इससे इंटरनेट काम करना बंद नहीं करेगा क्योंकि पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) को उपयोग में लाया जाएगा। जहां आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ 32 बिट थी वहीं आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है।
मोटे तौर पर यह हुआ कि किसी डाक प्रणाली में अभी तक 32 डाकिए लगे हुए थे तो अब उसी प्रणाली में 128 लोग कार्य करेंगे। इस तरह से आईपी खत्म होने की समस्या जो एक बड़ी समस्या बन सकती थी वह इंटरनेट प्रणाली के लिए समस्या से ज्यादा वरदान बनकर आई। इससे अरबों अरब आईपी और उपलब्ध हो जाएंगे।
मालूम हो कि इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक आईपी एड्रेस आवंटित किया जाता है। अब जबकि लाखों फोन ऑनलाइन हो चुके हैं, आईपी एड्रेस को संख्या के रूप में आवंटित करने में काफी दिक्कत हो रही है।
इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी) वर्जन4 की शुरुआत 80 के दशक में की गई थी। उस समय इसे 4.1 अरब आईपी पतों के लिए तैयार किया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि यह संख्या कभी कम नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब का विकास करने वालों ने शुरुआती चरण में सोचा था कि इंटरनेट का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
आईपीए एड्रेस फोन नम्बर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइटों तक पहुंचता है और साथ ही ईमेल भी प्राप्त करता है। यह सर्फ करने वालों को अपने गंतव्य पर पहुंचने में मदद करता है।
नामी बेनामियों की मौजां ही मौजां ..बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंदेखते हैं कौन मौज मना रहा है.
जवाब देंहटाएंआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार ०५.०२.२०११ को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
तो क्या ब्लॉग पर मॉडरेशन ऑन कर दिया जाए ?
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ध्यान का विज्ञान।
मधुबाला के सौन्दर्य को निरखने का अवसर।
अजी पहले तो बिना आई पी के हम इंटरनेट चला ही नही सकते, दुसरा यह सिस्टम सिर्फ़ बदला हे ओर मोजां नही इन आनमियो की आफ़त आ जायेगी, अभी आगे आगे देखे
जवाब देंहटाएंनया तरीका अपनाया गया है तो निश्चित ही अधिक उन्नत होगा। ऐसे मे बेनामियों की पोल खोलना और भी आसान होगा।
जवाब देंहटाएंआई पी ३२ बिट हो या १२८ बस चलते रहना चाहिए इन्टरनेट
जवाब देंहटाएंकमेंट्स में जानकार बंधुओं ने बता ही दिया की आईपी एड्रेस रहेगा, वर्जन बदल जायेगा. कुछ ऐसी ही समस्या शताब्दी बदलते समय 'वाई टू के' से सम्बंधित भी हुई थी की अब कंप्यूटर तारीख नहीं दिखा पायेगा. मगर ऐसी समस्याओं को वक्त रहते सुलझा ही लिया जाता है.
जवाब देंहटाएंइस बहाने अच्छी, उपयोगी चर्चा हुई, धन्यवाद.
महत्वपूर्ण जानकारी.....
जवाब देंहटाएंफिर मेरा क्या होगा कालिया ?
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