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मंगलवार, 3 मई 2011

चक्करदार रास्तों ने चक्कर में डाल दिया --- ललित शर्मा

दिल्ली का कार्यक्रम बढ़िया रहा, सभी ब्लॉगर मित्रों से मुलाकात हुयी, बात हुयी. इस कार्यक्रम के साथ मैंने हिमाचल यात्रा का कार्यक्रम भी जोड़ रखा था. इसलिए केवल राम के साथ धर्मशाला आ गया. शाम ६ बजे राजीव तनेजा जी ने ISBT छोड़ा और हम हिमाचल प्रदेश रोड वेज की डीलक्स बस से धमर्शाला के लिए ६.५० को चल पड़े. 2x2 की बस में 33-34 नंबर की सीट मिली. सीट देखते  हे मुड उखड गया. लेकिन किया भी कुछ नहीं जा सकता था. इन्ही सीटों से संतोष करना पड़ा. चंडीगढ़ तक तो ठीक-ठाक पहुचे, उना के बाद चक्करदार रास्तों ने चक्कर में डाल दिया. बस का यह सफ़र लगभग १२ घंटे का है. इतनी लम्बी दूरी  तक पहली बार बस में जाना हुआ. 

सुबह हम धर्मशाला पहुचे तो खासी ठण्ड थी. मैंने गर्म कपडे निकाल लिए. केवल ने चाय बना कर पिलाई और मैं सो गया. दिन भर सोया रहा. शाम को शहर में घुमने गए तो तबियत ठीक नहीं लग रही थी. हरारत सी बदन में थी. थोड़ी देर बाद बुखार सा चढ़ गया. सुबह तक तबियत वैसी ही थी. डॉ. को फोन करके टेबलेट लिखाइ और सुबह टेबलेट ले कर फिर सो गया. बस के सफ़र ने तोड़ कर धर दिया. दो दिनों से खाट छोड़ी ही नहीं है. आस-पास घुमने का सारा उत्साह ठन्डे बस्ते में चला गया. देखते हैं कल तक तबियत कुछ ठीक हो गयी तो आगे की यात्रा की जाएगी. घर के सामने से धौलाधार के शिखर पर बर्फ जमी हुयी है. नजारा बहुत ही अच्छा है. अभी तो इसे ही देख रहा हूँ. हालत देख कर त्रिउंड जाने का इरादा स्थगित कर दिया. इसे नीरज जाट जी के लिए छोड़ दिया.हो सका तो शाम को करमापा से मिला जायेगा. दलाई लामा के यहाँ से सन्देश मिला कि वे धर्मशाला में नहीं है. मेरे यहाँ रुकने तक आ गए तो उनसे भी मुलाकात करने का इरादा है. मिलते हैं ब्रेक के बाद.... 

27 टिप्‍पणियां:

  1. दुआ है जल्दी ठीक हो जाएँ और यात्रा और धर्मशाला का आनंद लें.

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  2. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखिये..आप केवल राम जी के साथ हैं इसलिए उम्मीद है की आप कल जरूर घूम पायेंगे धर्मशाला..केवल जी अच्छे इंसान होने के साथ संवेदनशील ब्लोगर हैं और आप खुशनसीब हैं की ऐसे लोगों के साथ हैं आप.....आपकी यात्रा आनंदायक हो यही कामना है..

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  3. इतने खूबसूरत स्थान पर जाकर बीमार होना ...जल्दी स्वस्थ हो और मौसम का आनंद लें !

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  4. आप केवल राम जी के साथ हैं इसलिए चिंता न करें बहुत जल्दी स्वस्थ हो जायेंगे और कल जरूर घूम पायेंगे धर्मशाला... शुभकामनायें....

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  5. bhaai hm bhi aapki shtyabi ki duaa kar rahe hain khudaa kare hmen sher dil aziz ki blog khaani din prtidin khushmijaazi ke saath pdhne ko jldi jldi milti rahe or aap jnaab bilkul aek foji baaba ki trah khush or svasth rahain........akhtar khan akela kota rajsthan

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  6. घूमने गए थे या खटिया पकड़ने? छोडिए और घूमिए जिससे धर्मशाला के बारे में जानकारी मिल सके।

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  7. अरे भाई लोग तो सेहत बनाने जाते हैं पहाड़ों में । ज़रा अपना ख्याल रखें ।

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  8. जल्दी स्वस्थ हो और मौसम का आनंद लें !शुभकामनायें....

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  9. दुआ है जल्दी ठीक हो जाएँ और यात्रा और धर्मशाला का आनंद लें.

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  10. जल्दी तबीयत दुरुस्त करके मुलाकात कर लें...फिर किस्सा सुनायें.

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  11. वाह !ललित भाई,धर्मशाला !इतनी खूब सुरत जगह जाकर भी कोई बीमार होता है भला ? वो तो स्वर्ग है ;वहां पहुंच कर अच्छे -अच्छे बीमार ठीक हो जाते है --

    हमारी दुआ है --आप जल्दी से ठीक हो जाए --और आराम से धर्मशाला -दर्शन करे --आपके साथ हम भी दुबारा घूम लेगे --धन्यवाद !

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  12. बहुत प्यारी जगह है ललित भाई ! आपकी यात्रा शुभ हो !!

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  13. यहां तो बैठे हुए इंतजार था आयोजन के ब्यौरे का।
    यह अचानक गर्म-सर्द होने की परेशानी है। लौटते समय भी ध्यान रखने की जरूरत है इधर अचानक गर्मी बढ गयी है।

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  14. अरे जनाब जल्दी से दो चाय के चम्मच भर के अजवायन निगल ले पानी के संग ओर अगर सिकाई का इंतजाम हे तो थोडी देर कमर के दोनो तरफ़ सेक दे ओर मस्ती से सो जाये, सुबह ट्नाटन होंगे... फ़िर खुब घुमे

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  15. नीरज तो एक चक्कर त्रिउण्ड का लगाकर आ चुका है। अबकी बार करेरी झील जाना है। केवल से पूछना करेरी और त्रिउण्ड में क्या फर्क है।
    अगर पहाड में जलेबी वाली सडकों से दिक्कत होती है तो अगली कांगडा यात्रा में पठानकोट के रास्ते जाना। या फिर गग्गल में हवाई अड्डा भी है।

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  16. जल्दी से स्वस्थ हो जाएँ ....सर्दी में ख़याल रखियेगा ..

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  17. सुन्दर जगह...
    और तबियत नासाज..
    कोई बात नहीं..
    जल्दी ठीक हो जाये,
    कुछ और संस्मरण बटोर के लायें..
    दुआ करे कि हमारी किस्मत में भी इतनी सुन्दर जगह जाना लिखा हो..!!

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  18. जल्दी से ठीक हो जाओ बंधु और पहाड़ों का अंदाज़ लो

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  19. बहुत जल्दी स्वस्थ हो जायेंगे

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  20. खाट का खटराग भी कई बार प्रिय लगता है........ आराम करो पंडित जी.

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  21. भईया, सेहत का ध्यान रखे... और सफर का आनंद लें....
    सादर...

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  22. ललित भाई,
    आपका यह संस्मरण रोचक भी है,ज्ञानवर्धक भी.आपके लेखन में एक आकर्षण भी है.बहुत उम्दा वर्णन है यात्रा का.

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