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गुरुवार, 3 नवंबर 2011

जन-गण-मन --- ललित शर्मा

राज्य स्थापना दिवस की 11वीं वर्षगांठ के अवसर आज राजभवन के दरबार हाल में राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने छत्तीसगढ़ के प्रगतिशील स्वरूप एवं गौरवशाली परंपरा को दर्शाने वाली तथा राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' पर आधारित लघु फिल्म का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे। इस फिल्म का प्रदर्शन राज्य के टॉकीज हॉलों में चलचित्रों के प्रारंभ होने के पहले किया जाएगा।
विमोचन
    राज्यपाल श्री दत्त ने इस अवसर पर अपने उदगार में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कला, संगीत और साहित्य के नजरिये से संपन्न है। यहां का गौरव यहां की समृध्द संस्कृति, कला और परम्पराओं में प्रदर्शित होता है। आपसी प्रेम, सद्भावना और शान्ति के साथ जीवन जीने का यहां का आदर्श और अतीत हमें विकास और भविष्य की उज्ज्वल राह दिखाती है। यहां के रीति-रिवाजों, परंपराओं और पर्वों की अपनी एक अलग विशेषता है। यहां के काष्ठ शिल्प, लौहशिल्प, कोसा वस्त्र, मृताशिल्प तथा बेलमेटल के शिल्प भी पूरे देश में प्रसिध्द है। उन्होंने कहा कि चलचित्र या सिनेमा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए किसी भी प्रकार की सूचना और योजना बड़ी आसानी से तथा प्रभावकारी ढंग से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि यह फिल्म आम लोगों को काफी प्रभावित करेगी और उपयोगी साबित होगी।

कवि लक्ष्मण मस्तुरिहा, पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे, ब्लॉ. ललित शर्मा
    मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विमोचन समारोह के अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज का दिन एक गौरवशाली दिन है। हमारा राज्य अपनी स्थापना का 11वीं वर्षगांठ मना रहा है। ऐसे में इस फिल्म का विमोचन सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही रचनात्मक सोच, छत्तीसगढ़ की विभुतियों और राज्य की विशेषताओं को लेकर छोटे-छोटे प्रयासों से राज्य के विकास, कला, संस्कृति, भाषा-बोली और विशेषताओं को देश और दुनिया के सामने बताया जा सकता है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विशेष अतिथि के रूप में कहा कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य और महत्वपूर्ण स्थल न केवल गौरवशाली और महत्वपूर्ण है बल्कि यह राज्य को पहचान भी दिलाते हैं।

राहुल सिंह जी द्वारा सिंहावलोकन
    इस अवसर पर मंच पर राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री अजय चंद्राकर तथा मुख्य सचिव श्री पी.जॉय उम्मेन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति सचिव श्री मनोहर पांडे ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालक संस्कृति श्री नरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि इस फिल्म निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातात्विक, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों का समावेश हो साथ ही इसमें राज्य की कृषि, उद्योग, सिंचाई, खेल, शिक्षा आदि क्षेत्रों में हुई प्रगति की झलकियां, जो मनमोहक, रोचक एवं सकारात्मक हों। इस फिल्म से देश, राज्य, समुदाय, व्यक्ति विशेष की छवि विपरीत रूप से प्रभावित न हो तथा राष्ट्रगान के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन न हो, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है। इस लघु फिल्म के सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु सेंसर प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर लिया गया है। इस लघु फिल्म के लोकार्पण के पश्चात इसका नि:शुल्क प्रसारण 2 नवंबर से छत्तीसगढ़ के समस्त सिनेमा घरों में प्रत्येक फिल्म प्रदर्शन के ठीक पूर्व किया जाना अनिवार्य होगा।

अनुप रंजन पांडे - बस्तर बैंड के निर्देशक
    इस फिल्म का निर्माण करने वाले श्री दीपक उज्ज्वल ने बताया कि महाराष्ट्र में फिल्म प्रारंभ होने के पहले राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य रूप से किया जाता है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में इस फिल्म के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ी फिल्म के कलाकार श्री अनुज शर्मा ने किया। विमोचन के उपरांत फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। विमोचित लघु फिल्म का छायांकन राज्य के अनेक महत्वपूर्ण स्थानों में किया गया है। इसमें पुरखौती मुक्तांगन, ताला, मैनपाट, विवेकानंद सरोवर, बारनवापारा अभ्यारण्य, गंगरेल, भिलाई, राजिम, भोरमदेव, चित्रकोट, मदकूदीप, गौरव पथ, रायपुर, मैत्री बाग और सिरपुर भी शामिल है।

महत्वपूर्ण कलाकारों ने भी कार्य किया

    इसी तरह इस फिल्म के निर्माण में विभिन्न विधाओं के कलाकारों ने अपना योगदान दिया है। इसमे पद्म भूषण तीजन बाई, संजय बत्रा, जाकिर हुसैन, सुमेधा कर्महे, भईयालाल हेडाउ, पद्मश्री जे एम नेल्सन, अल्का चंद्राकर, अनुज शर्मा, सतीश जैन, प्रभंजय चतुर्वेदी, भालचंद्र शेगेकर, ऋतु वर्मा, पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, लक्ष्मण मस्तुरिया, राजेश चौहान, सत्यजीत दुबे, ओंकारदास मानिकपुरी, अमित सना, योगेश अग्रवाल और कविता वासनिक भी शामिल हैं।

23 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लगा वर्षगांठ कार्यक्रम के बारे जानकर|
    एक फिर छत्तीसगढ़ वासियों को स्थापना दिवस पर बधाइयों के साथ शुभकामनाएँ|

    ब्लॉग से कमाई

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  2. सिनेमाघरों में राष्ट्रगान की परंपरा नेपाल में देखी थी , छत्तीसगढ़ में इसे प्रारंभ किया जाना प्रशंसनीय कार्य है , मगर यह भी देखना होगा कि नागरिक भी इसके प्रति पूर्ण श्रद्धा दिखाए , ये नहीं कि कि परदे पर राष्ट्रगान चल रहा हो , और दर्शक मजे से पोप कोर्न चबा रहे हो !

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  3. चलचित्र या सिनेमा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए किसी भी प्रकार की सूचना और योजना बड़ी आसानी से तथा प्रभावकारी ढंग से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है।

    ऐसे माध्यमों का प्रभाव लोगों पर शीघ्र पड़ता है , वह आसानी से किसी बात को समझते हैं और उसका प्रयोग करते हैं .....एक अच्छी परम्परा की शुरुआत .....छत्तीसगढ़ वासियों को राज्य स्थापना दिवस पर अनेक शुभकामनाएं ....!

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  4. सभी ब्लॉगरों को देखकर बड़ा ही अच्छा लगा।

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  5. बढिया पहल .. छत्‍तीसगढ वासियों को शुभकामनाएं !!

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  6. राष्‍ट्र के सुर में प्रदेश का राग.

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  7. छत्‍तीगढ,छत्‍तीसगढी,छत्‍तीसगढीया हर क्षेत्र् में बढें..

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  8. अत्यधिक प्रसन्नता हुई. दूसरी तरफ "अमीर धरती गरीब लोग" ने व्यथा भी पहुंचाई.

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  9. आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को ब्लोगरस्टेट का दर्ज़ा दिया जाना चाहिए :)

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  10. बढ़िया रहा कार्यक्रम .
    बधाई और शुभकामनायें .

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  11. "महाराष्ट्र में फिल्म प्रारंभ होने के पहले राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य रूप से किया जाता है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में इस फिल्म के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है।"

    बहुत अच्छा प्रयास है और ऐसा सभी राज्यों में किया जाना चाहिए...
    छत्तीसगढ़ वासियों को राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं ....

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  12. बढ़िया कार्यक्रम की बढिया रपट.

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  13. गरिमामय आयोजन की गरिमामय रिपोर्ट के लिये आभार।
    स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।

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  14. छत्‍तीसगढ वासियों को शुभकामनाएं !!

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  15. बढ़िया रिपोर्ट बस वही राहुल सिंह विहगावलोकन कर रहे हैं न कि सिंहावलोकन जो वे अपनी पोस्ट पर करते हैं !

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