इंटरनेट का जन्म हुए लगभग 43 वर्ष हो चुके हैं, इंटरनेट ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करते हुए विश्व को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया। सारे विश्व ने एक ग्राम का रुप ले लिया। पलक झपकते ही सूचनाओं का आदान-प्रदान होने के साथ विश्व व्यापी प्रसार एवं प्रचार भी हो जाता है।
इंटरनेट के प्रचार के साथ आम अभिव्यक्ति के रास्ते सोशल वेब स्थानों के माध्यम से खुले तथा इंटरनेटधारी अधिक से अधिक इन साईटों का प्रयोग कर रहे हैं। इन अभिव्यक्तियों के माध्यमों ने संसार की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। आम आदमी को अपनी बात कहने का माध्यम मिल गया जो कि सकारात्मक पहलू है।
सकारात्मक पहलू के साथ इंटरनेट के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं, जिससे सामाजिक ताना-बाना बिखरने के कगार पर दिखाई दे रहा है। पुरुषों के साथ स्त्रियों ने भी इंटरनेट पर अपनी सजग उपस्थिति दर्शाई। अनजान लोगों से इंटरनेटिया मित्रता होने लगी। विचारों के आदान प्रदान के साथ विपरित लिंगी आकर्षण भी बढा और सोशल नेटवर्किंग साईटों के चैट रुम से निकल कर पी वी आर, पार्कों एवं नई संस्कृति के बाजारों में गुलजार होने लगी हैं जो आगे चल कर अंतरंग संबंधों में भी बदल रही हैं। वर्जनाएं टूटने से वैवाहिक संबंधों पर असर पड़ने लगा है और परिवार टूटने लगे हैं। सोशल वेबसाईटों के सबूतों के आधार पर तलाक बढ रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रानिक सबूत स्थाई होते हैं तथा उन्हे नष्ट नहीं किया जा सकता।
शासकीय एवं निजी नौकरियों पर भी इंटरनेट के खतरे मंडरा रहे हैं,सोशल वेबसाईटों पर की गई टिप्पणियों के आधार पर कईयों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। कार्यावधि में सोशल नेटवर्किंग साईटों का प्रयोग पकड़ में आ जाता है जिसे नकारा भी नहीं जा सकता क्योंकि इंटरनेट का उपयोग करते वक्त दिन-वार एवं समय भी अंकित हो जाता है।
हाल ही में वायुसेना के एक अफ़सर को अपने सीनियर अफ़सर की पत्नी के साथ अवैध संबंधों के आधार पर नौकरी से हाथ धोना पड़ा। सीनियर अफ़सर ने सोशल नेटवर्किंग साईट पर फ़्लाईट लेफ़्टिनेंट एवं अपनी पत्नी के बीच हुई चैट को पकड़ा था तथा अपनी पत्नी को काफ़ी खरी खोटी सुनाई थी। झगड़ा इतना बढा कि 29 वर्षीय महिला ने अपने घर में फ़ांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। इसके आधार पर फ़्लाईट लेफ़्टिनेंट को वायु सेना की नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
वर्तमान में योग्य वर-वधु की तलाश में इंटरनेट पर विज्ञापनों का चलन बढ गया है। लोग अपनी वैवाहिक आवश्यक्ताएं इंटरनेट पर साझा करते हैं। अखबारों एवं पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से भी योग्य संबंधों की तलाश की जाती है। इन विज्ञापनों में अब लिखा जाने लगा है कि "सोशल वेब साईटों में शामिल सम्पर्क न करें।" इससे लगता है कि सोशल वेब साईटों से जुड़े लड़के-लड़कियाँ अब वैवाहिक संबंधों के लिए विश्वसनीय नहीं रह गए।
वैवाहिक संबंधों की जानकारी लेने के लिए अब जासूसी एजेंसियों का सहारा लेना आम बात हो गई है। ये जासूसी एजेंसियाँ इंटरनेट के माध्यम से खोज कर वांछित की प्रोफ़ाईल हैक करके चैट का इतिहास खंगालकर अपने क्लाईंट को सारी जानकारी मुहैया कराती हैं।
इंटरनेट पर अश्लील चित्र अपलोड करके भयादोहन का कारोबार भी चल पड़ा है। लोगों के अनैतिक कार्यों के गुप्त रुप से चित्र खींच कर या वीडियो बनाकर इंटरनेट पर अपलोड कर दिए जाते हैं। जिससे संबंधित को बदनामी सहना पड़ता है तथा कई तो सामाजिक बदनामी न झेल पाने की स्थिति में आत्महत्या भी कर लेते हैं।
ऐसा नहीं है कि इंटरनेट के उपयोग के दुष्प्रभाव ही हैं। इसके सकारात्मक उपयोग भी हैं। आपको वांछित जानकारियाँ सर्च इंजनों द्वारा सहज ही प्राप्त हो जाती है। ज्ञान वर्धन के साथ सूचनाओं का सरलता से कम समय में प्रेषण हो जाता है। परन्तु ध्यान रहे कि इंटरनेट का प्रयोग सावधानी से किया जाना चाहिए, अन्यथा इसके भयानक दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।