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सोमवार, 26 अप्रैल 2010

कवि पति से छुटकारा पाने नीलामी

ति भी अब सम्पत्ति की तरह उपयोग में आने लगे हैं जैसे गहना, घर, फ़र्निचर, जमीन जायदाद या अन्य उपस्कर इत्यादि।

जिन्हे आर्थिक संकट के समय बेच कर या गिरवी रख कर नगद पैसे ले सकते हैं। ज्यादा परेशानी है तो नीलाम भी कर सकते हैं।

जब डॉक्टर, इंजिनियर, वकील या नौकरी पेशा पति हो तो कौन बेचना चाहेगा?

कमाऊ पति की चाहत तो सबको होती है। नाकाम पति किसे पसंद है? 

अब कवि पति को ही लें तो उसकी रचनाओं से इतनी कमाई नहीं हो पाती की घर चल सके या वह घर का खर्चा चला सके। इससे परेशान होकर आस्ट्रेलिया में रहने वाली एक महिला सोनिया सिमेंस ने अपने निठल्ले नाकाम पति को बेचने के लिए इबे नामक वेबसाईट पर विज्ञापन दे दिया है।

सोनिया अपने 35 वर्षीय कवि पति से छुटकारा पाना चाहती है, क्योंकि अपनी नाकामी के कारण उसके पति ने अपने बेटे स्पेंसर के जन्म के बाद परिवार को कोई वित्तिय सहायता नहीं दी है।

सोनिया ने अपने पति की कीमत 25,000 डालर लगाई है। सो्निया ने वेबसाईट पर दिये विज्ञापन में लिखा है कि उसका पति कविता के माध्यम से एक पैसा भी नहीं कमा सका और यही कारण है कि वह उससे छुटकारा पाना चाहती है।

अब निठल्ले कवि पतियों को सावधान हो जाना चाहिए कि उन पर यह खतरा कभी भी मंडरा सकता है, और कभी भी नीलामी का संदेश मिल सकता हैं। ये तो अच्छी खबर है कि अगर कविता ना बिक सके तो खुद तो बिक सकते हैं-अब सोचना यह है कि कवियों के लिए यह खुशखबरी है कि संकट की घड़ी। इसलिए....... सावधान.........कवियों...............

32 टिप्‍पणियां:

  1. ईश्वर का कोटिशः धन्यवाद कि मैं कवि नहीं हूँ!

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  2. दादा से दादा...
    अच्छा हुआ शादी से पहले ही कविताएं लिखना छोड़ दिया था।

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  3. ये भी बता देते तो अच्छा होता कि कोई दोबारा भी बिक सकता है या फिर सिर्फ एक ही बार .. ?

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  4. @पी.सी.गोदियाल

    हा हा हा
    अभी पहले एक बार तो कोई खरीददार मिले।
    ये तो सिर्फ़ नीलामी ही निकाली है।:)

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  5. 25,000 dollar.....?
    sach me ?
    or wo bhi kavi ke liye......????

    kunwar ji,

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  6. सावधान हो गये है जी!
    मगर कविता लिखने की नशा कैसे छूटेगा?

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  7. videsh me to itanaa paisaa milbhi jayega,yahaan to do kaudee bhe nahi hai rate? fir kyaa hogaa? haa.. haa.. haa..

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  8. अरे! भाई यह समाचार तो हमने भी पढ़ा था...कवि तो इसे पढ़ कर चौंकेंगे ही....लेकिन अभी यह पता लगवाना पढ़ेगा की यह कवि पति को बेचने का ऐलान कही प्रचार तो नही....??? आज कल यही सब तो हो रहा है जी...इस लिए कवियों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नही है अभी......:))

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  9. @परमजीत बाली जी
    यह समाचार मुझे कुछ विशेष लगा।
    हो सकता है यह वायरस अपने यहां भी फ़ैल जाए तो कुछ कीमत हो जाएगी..........:))

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  10. समाचार है तो चौंकाने वाला | आज कवि पति नीलम हो रहे है कल दुसरे टायप के भी होने लगेंगे | सावधान रहना होगा !!

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  11. samaachaar choukaane vaala hai. kyaa kare kavita likhana chhod to nahi sakate hai. ...apki salah maanakar saavadhaane jarur varatenge.

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  12. ....समाचार में दम है ... पर घबडाने की जरुरत नही है ... अपने देश में कवि को कोई खरीदने वाला नहीं है ... पर ये जरुर है कि कविताएं बिक सकती हैं... खरीदी-बिक्री का माद्दा न रखें ... कविताओं से ऊर्जा का संचार होता है... इसलिये लेखन जारी रखें !!!!

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  13. मुझे तो समझ भी नही आती कविता... यानि हम बच गये जी

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  14. बीबी से यह पोस्ट बचानी पड़ेगी..,,कहीं पढ़ लिया तो हम भी कल ईबे पर ही नजर आयेंगे. :)

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  15. If fear if the idea clicked to husbands ?....All the wives will be in trouble.

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  16. मेरी पत्नीश्री भी कहती रहती है कि ब्लॉगिंग के सिवा मैं किसी काम का नहीं हूं...ललित भाई इस एड का भारत
    में प्रचार-प्रसार मत कीजिए...कहीं हम भी...

    जय हिंद...

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  17. सावधान.........कवियों...............
    धन्यवाद सावधान करने के लिये
    बिकने को भी तैयार हैं पर खरीददार कौन है ---

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  18. भले बिकना पड़े - लेकिन कविता लिखना नहीं छोड़ूँगा।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  19. कवि तो मैं भी नहीं हूँ लेकिन पता नहीं क्यूँ फिर भी श्रीमती जी घूर-घूर कर देखती हैं ...:-(

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  20. @राजीव तनेजा जी

    हो सकता है कि व्यंग्यकारों के लिए भी कोई योजना बन रही हो:)

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  21. चलिए कुछ तो कीमत लगी .... वरना यहाँ तो २५ रुपैये भी नहीं मिलेगा ...

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  22. केवल बोली लगाने से उसकी कीमत तय तो नहीं हो गयी? अभी बिक जाए तो समझना। पति तो केवल भारत में ही बिकते हैं, लोग ऊँची बोली लगाकर दूल्‍हें को खरीद ले जाते हैं। यह प्रयोग वहाँ नहीं चलने वाला।

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  23. Bikne ke baad hi likhna shuru hota hai....Dubara sale par?...Second hand ka mole kya?

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  24. काश मैं भी निट्ठल्ला कवि होता, इस बहाने मेरे भी कोई कुछ दाम लगाता, पत्नी बेच देती, दूसरी के पास जाता, बडा मजा आता ;-)

    प्रणाम

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  25. इन विदेशियों की बात ही निराली है ....कुछ भी शागुफे फेंकते रहते है...... फिलहाल अपना इंडिया इससे बचा है ......
    जानकारी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद..

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  26. काश मैं होता एक कवि
    तो मेरी भी लग जाती बोली कभी न कभी
    जब बड़े बड़े बिकते हैं शौक में
    हम भी बिक जाते थोक में

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