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मंगलवार, 2 नवंबर 2010

निशाना टारगेट पे--एक सफ़र शुटिंग रेंज का ---------ललित शर्मा

छत्तीसगढ प्रदेश रायफ़ल एसोसिएशन के तत्वाधान में वार्षिक शुटिंग प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। प्रतियोगिता के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर एडीजी रामनिवास जी एवं छत्तीसगढ और उड़ीसा ब्रिगेड के ब्रिगेडियर ए कृष्णन उपस्थित थे। आज एक अर्से के बाद एडीजी रामनिवास जी से मुलाकात हुई।
बांए से दांए-- कर्नल जेम्स, ब्रिगेडियर कृष्णन, एडीजी रामनिवास,वाईस प्रेसिडेंट जिंदल ग्रुप, कमांडेंट पाल



उदय महाराज भी आ गए हैं मैदान में-इनका पहला शॉट


 देखो बेटा, ऐसे लगाते हैं निशाना

श्रुति प्रिया रेंज पे

 श्रुति का टारगेट

श्रेयांशि मैच खेलते हुए

जी न्युज पर श्रेयांशि

पुलिस के दो शुटर-- के.पद्मा और अभय

अरे ये रायफ़ल जाम हो गयी--सुनील कौशल

अमितेष देशपांडे -- नया शुटर

मम्मी! ये रायफ़ल बहुत भारी है--अदिति

एक किश्त और बाकी है शुटिंग रेंज से................

18 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ! बढ़िया रिपोर्टिंग !!
    एनसीसी केम्प की याद दिला दी आपने !!

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  2. कलम की जगह बन्दूक ,क्या बात है |

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  3. वाह आप तो वैसे कलम भी बन्दूक की तरह ही चलाते हैं :).
    बढ़िया तस्वीरें और पोस्ट.

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  4. नजर निशाने पे रहे, तभी मेहनत सार्थक होगी।

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  5. आज तो भैया कार्टून और असल में कोई फर्क ही नज़र नहीं आ रहा ।
    बढ़िया रहा यह प्रसंग ।

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  6. चित्र बड़े ही मनभावन हैं, अच्छी प्रस्तुति...बधाई।

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  7. sarthak prastuti.aisi hi taiyari rahi to olempic me shooting ke sabhi gold medal bhavishye me bharat ko hi milenge.

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  8. बहुत सुंदर चित्र सहित जान्कारी मिली.

    रामराम

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  9. बनिये अचूक निशाने बाज
    ऐसा लगे निशाना कि
    देश के कलंक आ जायें बाज
    कोई न रहे दो जून की रोटी के मोहताज
    बहुत बहुत गाड़ा गाड़ा बधाई
    बने धूम धड़ाका के संग देवारी मनाओ ललित भाई
    जय जोहार………

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  10. भईया जीवंत रिपोर्ट के लिए आभार. उदय को शुभकामनाएं.
    धनतेरस की हार्दिक बधाई.

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  11. जब मै १० साल का था तब रायफ़ल क्लब जाता था निशाना सीखने . .२२ बोर की रायफ़ल होती थी उस समय . मै टारगेट पर नही फ़िल्मी स्टाइल मे रायफ़ल चलाता था . एक बार दीवार से टकरा कर बुलेट वापिस हमारे पास आ कर धस गया .हमारे इन्स्टक्टर ने मुझे सिखाने से मना कर दिया और भारत एक स्वर्ण पदक से वन्चित रह गया

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