सोटा नन्द अपने गुरु लोटा नन्द के साथ जंगल में रहता था. इस बार की सर्दियों में जोर की बारिश हुयी तो अँधेरी रात में झोपड़ी की छत से पानी टपकने लगा.
लोटा नन्द ने सोटा नन्द से कहा, "बच्चा! छत पर चढ़ कर देख कि छत में से पानी कहाँ से टपक रहा है? उसे ठीक करने का उपाय कर?"
सोटा नन्द भी गुरु कहना मानना चाहता था पर उसने मन में सोचा कि बाहर अँधेरा और ठण्ड है, अगर मैं बाहर गया तो भीग जाऊंगा. फिसल कर गिर गया तो मेरी टांग टूट जाएगी. इसलिए मुझे बाहर जाने से कोई फायदा नहीं है.
उसने गुरूजी से कहा "गुरुदेव! अगर मै छत पर गया तो मेरे पैर छत पर होंगे और आप छत के नीचे. मैं ऐसी बेअदबी कैसे कर सकता हूँ."
गुरु ने कोई उत्तर नहीं दिया और खुद ही छत पर चढ़ कर छत को ठीक कर लिया.जब वो छत से नीचे आय, उनहोने देखा कि जलाने के लिए लकड़ियाँ ख़त्म हो गई हैं.
इसलिए फिर सोटा नन्द को कहा" बच्चा!बाहर जाकर जंगल में से जलाने के लिए कुछ लकड़ियाँ ले आओ.
सोटा नन्द गुरु का कहना मानना चाहता था पर जंगल से डर लगता था. वह सोचने लगा बाहर जंगल है, अँधेरा है और जंगली जानवर हैं.मुझे चोट लग सकती है और कोई शेर बघेरा मिल गया तो जिन्दा ही खा जायेगा. उसने मन में फ़ौरन ही बहाना ढून्ढना शुरू कर दिया.
गुरु से बोला "गुरुदेव! अगर मैं जंगल की ओर गया तो मेरी पीठ आपकी ओर हो जाएगी, मैं आपकी बे अदबी कैसे कर सकता हूँ."
इस बार भी गुरु ने कुछ नहीं कहा और खुद ही जंगल में जाकर जलाने के लिए लकड़ियाँ इक्कट्ठी कर लाये.गुरु ने वापस आकर खाना तैयार किया. जब भोजन तैयार हो गया.
तो सोटा नन्द से कहा, "बेटा खाना तैयार है, आकर खालो"
यह सुनते ही सोटा नन्द जोर से दौड़ता हुआ आया और गुरु के चरणों में गिर पड़ा.
प्रेम से कहने लगा "गुरू जी! गुरू जी! मुझे क्षमा कर दो! मैंने दो बार आपकी हुक्म-अदूली की है, इस बार मै आपका हुक्म जरुर मानूंगा.
हा हा!! सॉलिड चेला है भई!!!
जवाब देंहटाएंएकदम 1क्लास है, दिल को छू गई।
जवाब देंहटाएंललित जी, लोटा नन्द जी का पता बताइये ना, हम भी उनके चेले बनना चाहते हैं।
जवाब देंहटाएंकलयुगी सिर्फ चेला ही लगा मुझे तो ललित जी :)
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...मजेदार
जवाब देंहटाएंगुरू गुड और चेला शक्कर इन्ही को देखकर कहा गया होगा. हा हा हा.
जवाब देंहटाएंमॉडर्न चेला है
जवाब देंहटाएंaise chele aajkal har gali me hain Lalit sir lekin afsos ki aise guru 1 bhi nahin...
जवाब देंहटाएंJai Hind...
हा-हा-हा…………………………मस्त है
जवाब देंहटाएंप्रणाम
aaj ka chela hai,dhela kam nahi karta.narayan narayan
जवाब देंहटाएंवड्डे वड्डे लोगा दियां वड्डियां वड्डियां गलां...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
हा हा हा.... बढ़िया है...
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त।
जवाब देंहटाएंरोचक कथा ! चेले ने तो गुरूजी को ही चूना लगा दिया ! आनंद आ गया पढ़ कर !
जवाब देंहटाएंबहुत ही आनंददायक गुरु चेले का वृत्तांत ....सादर !!!
जवाब देंहटाएंजिसे अपनी गलती का एहसास हो जाए, और वो तुरंत माफी मांग ले तो फिर इस दुनिया में लड़ाई ही क्यू हो....
जवाब देंहटाएंजिसे अपनी गलती का एहसास हो जाए, और वो तुरंत माफी मांग ले तो फिर इस दुनिया में लड़ाई ही क्यू हो....
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