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गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

ज्योतिष का प्रभाव

लोकसभा चुनाव 2009 में छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट से चरणदास महंत जी कांग्रेस के उम्मीद्वार  थे, सुमित दास ने मुझसे कोरबा चुनाव प्रचार के दौरान साथ चलने कहा तो मैंने भी घुमक्कड़ी दृष्टि से इलाके का सर्वेक्षण करने के लिए हां कर दी। उसका भी काम हो जाएगा और मेरा भी। 16 अप्रेल को मतदान सम्पन्न हुआ और 17 अप्रेल को मैं अत्यावश्यक कार्य से शाम की फ़्लाईट से दिल्ली आ गया। गुड़गाँव के होटल में रात्रि विश्राम कर रहा था तभी लगभग रात्रि 11 बजे महंत जी का फ़ोन आया और चर्चा के दौरान मैने उन्हे बताया कि मेरा आंकलन है कि कांग्रेस सिर्फ़ एक सीट पर ही विजयी रहेगी और 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा रहेगा। 16 मई को चुनाव परिणामों की घोषणा हुई, जिसमें मेरा आंकलन सही निकला।

48 डिग्री सेल्सियस की एक महीने की चुनाव प्रचार की कड़ी मेहनत के बाद परिणाम आ ही गया, चरण दास जी विजयी रहे।  चुनाव के पश्चात कांग्रेस को बड़ा दल होने के कारण सरकार बनाने का मौका मिला। 26 मई को केबिनेट का शपथ ग्रहण होना था। चरणदास महंत जी को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की चर्चाएं हवा में गर्म थी। स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी उत्साह था और वे अपने साधनों से दिल्ली पहुंच रहे थे। सुमित दास के मन में दिल्ली जाने की थी जिससे शपथ ग्रहण कार्यक्रम को वह करीब से देख सके। हम 26 मई को दिल्ली पहुंच गए और पहाड़गंज में डेरा जमाया। स्नानाबाद पता चला कि आज होने वाला शपथ ग्रहण स्थगित हो गया है अब अगला कार्यक्रम 28 को होगा।

हम दो दिन दिल्ली और गुड़गाँव घूमे-फ़िरे। 28 तारीख को होने वाले मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों की सूची में चरणदास महंत का नाम नहीं था। दोपहर सभी मंत्रियों ने शपथ ले ली थी। अब हमने वापसी का कार्यक्रम बनाया। मैं और सुमित संध्या काल में चरण दास महंत जी के फ़्लैट पर गए, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के काफ़ी नेता वहाँ एकत्रित थे। हमारी मुलाकात महंत जी से हुई और हमने अपनी वापसी के विषय में बताया। उन्होने टिकिट कन्फ़र्म कराने के लिए रेलमंत्री के नाम चिट्ठी लिख दी। गर्मी के दिन थे, हमने 3900 रुपए में एसी की 2 टिकिटें ली और स्वयं जाकर रेल मंत्रालय के डिब्बे में चिट्ठी डाल कर आए। अब हम मौज में थे, गाड़ी का समय अगले दिन सवा तीन बजे के लगभग था। पालिका बाजार की सैर करके कुछ इलेक्ट्रानिक आयटम खरीदे और शाम पंचकुईया रोड़ पर फ़ैशन डिजायनर रोहित बल की बार में गुजारी।

अगले दिन जब नेट से पता किया तो टिकिट कन्फ़र्म नहीं हुई थी। सोचा कि ऐसा नहीं हो सकता, अभी चार्ट क्लियर नहीं हुआ है स्टेशन पर जब चार्ट लगेगा तो उसमें कन्फ़र्म दिखाएगा। स्टेशन पहुंचने पर चार्ट में देखा तो तब भी 15-16 वेटिंग बता रहा था। मतलब एसी में सीट नहीं होने के कारण हमारा आरक्षण कन्फ़र्म नहीं हुआ। टी टी से चर्चा होने पर उसने बताया कि आगे भी कन्फ़र्म होने की कोई गुजांईश नहीं है। आपको स्लीपर में बैठना होगा। हो गया सत्यानाश, 39 सौ रुपए देने के बाद भी स्लीपर में भी जगह नहीं थी। हम एसी 2 के बगल वाले स्लीपर में चढ गए। लैट्रिन खोली के पास दो तीन सवारियाँ बैठी थी। हमने भी बैग रख कर वहीं डेरा जमा लिया। सोच रहा था कैसा दुर्भाग्य है कि इस स्थान पर तो 200 में बैठकर सफ़र कर सकते थे। 39 सौ में भी यही स्थान मिला। सुमित ने टी टी से चर्चा की, लेकिन उसने भी स्थान नहीं होने की बात कहकर अपना पीछ छुड़ाया। 

हम टट्टी खोली के पास टिके रहे क्योंकि किसी की आरक्षित सीट पर जाकर बैठने से रात को उठना ही पड़ता और आरक्षित सीट का मालिक भी नहीं चाहता कि कोई अन्य सीट पर बैठे, सभी सवारियाँ उसे चोर उचक्के नजर आती हैं। इसलिए हमने यहीं बैठने का फ़ैसला लिया। यह जीवन में पहली बार घटा था। दिल्ली से रायपुर तक का 23 घंटे का लम्बा सफ़र होने के कारण बैठने का स्थान भी जरुरी था। साथी सवारियों से बात-चीत करते आगरा पहुंच गए। आगरा पहुंचने के बाद सुमित मुझे कह कर गया कि सीट का इंतजाम करके आता हूँ। थोड़ी देर बाद लड़का मेरे पास आया और कहने लगा कि सुमित भैया ने भेजा है, आप कृपया मेरे बारे में कुछ बताईए न, ऐसा कहकर वह हाथ की हथेली खोल कर बैठ गया। मैं समझ गया कि सुमित ने टाईम पास मुर्गा भेज दिया है और अब इसका भविष्य जांचना पड़ेगा।

मैने उसकी जन्म तिथि का आंकलन करते हुए 2-4 भूतकाल की बातें और 2-4 वर्तमान की घटनाओं पर तुक्का छोड़ा, जो एकदम सही फ़िट हो गया। अब वह लड़का पूरे प्रभाव में आ चुका था। वहीं मेरे पास बैठा ही रहा। थोड़ी देर में सुमित का भेजा हुआ दूसरा बंदा भी पहुंचा। उस पर भी मेरा आंकलन सटीक बैठ गया। वह भी वहीं बैठकर चर्चा करने लगा। अगली बार तीसरा बंदा आया, यह कोई 35-40 की उमर का रहा होगा। उसने भी मुझसे कुछ बताने कहा। मैने उसकी जन्मतिथि से आंकलन लगाया तो इस समय उसकी किडनी में स्टोन होना चाहिए था। मैने कहा कि आपकी किडनी में स्टोन है और परेशान है उससे। डॉक्टर ने आपरेशन करवाने की सलाह दी है। सुनकर वह भौंचक्क रह गया, सीधे पैर ही पकड़ लिए। बोला महाराज आपको कैसे पता चला कि मेरी किडनी में स्टोन है और डॉक्टर ने आपरेशन कराने कहा है? मैने कहा कि फ़िर मेरे पास क्यों आए थे, अपने आस पास की किसी सवारी से ही पूछ लेते।

उसने विनय पूर्वक निवेदन किया कि आप यहाँ सवारियों की ठोकर में मत बैठिए, मेरी सीट पर चलिए, एक साईड बर्थ आपको देता हूँ, हम पति-पत्नी और एक बच्चे के पास तीन सीट हैं एक सीट पर आप विराजिए, बच्चे को हम अपने साथ सुला लेगें। मेरे मना करने पर भी नहीं माना और मेरा बैग उठा कर आगे आगे चल पड़ा। मैं उसके पीछे पीछे पहुंचा। उसने साईड लोवर वाली बर्थ मेरे नाम कर दी। सुमित सीट पर बैठा था और उसके चेहरे पर विजयी भाव की हल्की हल्की स्मित थी। इस तरह भविष्याकांक्षी जिज्ञासु लोगों के कारण हमारा उद्धार हुआ, अन्यथा टट्ठी खोली के पास बैठकर ही रात कटती। जब मैने एसी 2 की टिकिट ली थी तभी संदेह हो गया था कि कन्फ़र्म होनी मुश्किल है, क्योंकि गोंडवाना में एसी 2 की एक ही बोगी लगती है और सवारियाँ सैकड़ों होती है। उस दिन के बाद मैने जब भी एसी की टिकिट ली तो कन्फ़र्म ही ली वरना स्लीपर की विश्वसनीय सवारी करने का ही आनंद लिया।

18 टिप्‍पणियां:

  1. नया खुलासा हुआ कि आप ज्योतिषी भी हैं !

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  2. Ha...Ha....Kya Lajwab Ghatna Ghati Aapke Sath. :)
    Aapki Jyotish Vidya ne Aapko Aakhirkar Seat Dilwa hi di.;)

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  3. बहुत प्रभावकारी है आपकी ज्योतिष विद्या ..... बहुत-बहुत बधाई

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  4. सच बताईये माजरा क्या है? यह जोतिष था या क्राईसिस मैनेजमेंट...

    :):):)

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  5. वाह ये तो गजब किस्सा बताये हैं आप, जय हो, हमें भी अपना हाथ दिखवाना है :)

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  6. भविष्य वक्ता तुका वाले कई हैं कमा खा रहे हैं,क्यों उनकी रोजी-रोटी पर लात मरने में लगे हो...

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  7. आप लोग जैसे नकली ज्‍योतिषियों ने ही तो हम जैसे असली ज्‍योतिषियों को बदनाम कर रखा है ..

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  8. @संगीता पुरी जी

    बिलकुल असली ज्योतिष और असली ज्योतिषी है। असली ज्योतिषि वही है जो जजमान की जिज्ञासाओं को संतुष्ट कर दे। :)

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  9. चलिए अर्जित ज्ञान कहीं तो काम आया.

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  10. संतुष्‍ट एक बच्‍चे को किया जा सकता है उसके मन की बात पूरी करके ..
    पर अभिभावक उसकी मन का न करके वो करते हैं जो बच्‍चे के लिए सही होता है ..
    समाज के लिए एक सच्‍चा गुरू वही हो सकता है जो इसके उत्‍थान के लिए काम करे अपने स्‍वार्थ के लिए नहीं !!

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  11. ये बढिया है, पार्टनरशिप में शुरू करते हैं?:)

    रामराम

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  12. आप बहुत प्रभावकारी व्यक्तित्व के मालिक हैं
    और अपने प्रभाव से कष्ट भी हर देते है
    साधुवाद
    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों

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  13. Guru jee
    Vilambit tal se post algae ho
    Vah Mazda Aa gaya
    Kuchh baat to pahalee bar janee
    Jaise chetavani

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