नेपाल यात्रा प्रारंभ से पढें
काठमाण्डौ में सुबह हुई, मौसम बदलियाना बना हुआ था। होटल की खिड़की से सुबह के नजारे देखने लगा। आस-पास के भवनों की छत पर दिनचर्या प्रारंभ हो गई थी। कोई गमले में पानी दे रहा था तो कोई पानी की टंकी को झांक रहा था। किसी के हाथ में बच्चा था तो कोई झाड़ू बुहारी कर रहा था। यहां की सुबह भी आम भारतीय सुबहों जैसी थी।
काठमाण्डौ में सुबह हुई, मौसम बदलियाना बना हुआ था। होटल की खिड़की से सुबह के नजारे देखने लगा। आस-पास के भवनों की छत पर दिनचर्या प्रारंभ हो गई थी। कोई गमले में पानी दे रहा था तो कोई पानी की टंकी को झांक रहा था। किसी के हाथ में बच्चा था तो कोई झाड़ू बुहारी कर रहा था। यहां की सुबह भी आम भारतीय सुबहों जैसी थी।
अब एक अदद चाय की अत्यावश्यकता थी। होटल का किचन अल सुबह चालू नहीं होने के कारण चाय पीने के लिए बाहर ही जाना होगा। मैं जल्दी उठ गया, थोड़ी रोशनी होने लगी थी। होटल से बाहर निकला। शायद हमारे शहर जैसे सुबह ही कोई चाय की दूकान लग गयी हो। एक चाय पी लेता और साथियों के लिए भी 2 चाय पार्सल करवा लेता। होटल के बांई तरफ़ सड़क पर सीधे ही आगे बढता गया।
थोड़ा आगे बढने पर गली से एक चिक्की निकला और मुझसे मुखातिब होते हुए बोला - सर! मजा करेगें?
सुनते ही रात को कही गई अंतर सोहिल जी की बात का स्मरण हो गया। वह फ़िर बोला - सर मजा करेगें क्या?
मैने नासमझ बनते हुए कहा - मजा करने ही तो आए हैं इतनी दूर। 8 बजे होटल में बस आने वाली है, फ़िर काठमाण्डू घूमेगें और मजे ही मजे करेगें।
सर ऐसे वाला मजा नहीं, वैसे वाला मजा।
सर ऐसे वाला मजा नहीं, वैसे वाला मजा।
ये वैसे वाला मजा क्या होता है? काठमाण्डू में घूमने के अलावा कुछ खास मजा है क्या? सड़क पर चलते हुए बात हो रही थी, चिक्की मेरे साथ ही चल रहा था।
मैं चाय के मजे का तलबगार था, वैसे भी दिन में दो चाय ही पीता हूँ पहली चाय से सुबह होती है और दूसरी से शाम। वरना लगता ही नहीं है कि सुबह या शाम हो गई। चाय वाला कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। नेपाली चाय को चिया बोलते हैं। चिया की कोई दूकान दिखाई नहीं दे रही थी। सामने एक लड़का और आया, उसने नेपाली में मजा कराने वाले लड़के से कुछ कहा। कुछ तो समझ गया था, उसका कहना था कि इस ग्राहक को मैं टेकल करता हूँ।
वह बोला- सर मजा करेगें क्या? बहुत अच्छी जगह ले चलता हूँ।
मेरे भीतर का लेखक सक्रीय हो गया। अब मेरे मन उनकी बातों में ब्लॉग रस लेने हो रहा था। कैसे मजा कराओगे?
लरकी वाला मजा सर। एक नम्बर की लरकी मिलेगी।
कितने में ?
3000 एन सी लगेगा सर। लरकी सुंदर मिलेगी। मजा न आए तो पैसा वापस। -
कमाल हो गया, इस धंधे में पैसे वापसी की गारंटी दे रहा है। कहाँ फ़ँस गया सुबह सुबह इन भड़ूओं के चक्कर में और ये इतनी बुरी तरह पीछे पड़े हुए थे कि मुझे डर लगने लगा था। किसी तरह इनसे पीछा छुड़ाने की जुगत लगा रहा था।
तीन हजार तो बहुत ज्यादा है, कम से कम कितने में जुगाड़ हो जाएगा?
जैसी लरकी चाहेगें वैसी मिल जाएगी। आप हमारे साथ चलकर लरकी देख लीजिए।
कहाँ चलना होगा?
इधर ही नजदीक सर, एक बार चलिए तो आप, मजा करके तो देखिए, आपको तीन हजार भी कम लगेगा। लरकी तो 300 आई सी में भी मिल जाएगा। रुम का खर्चा आपका रहेगा और हम कोई रिस्क नहीं लेगा। सब आपका ही रहेगा।
अरे! सुबह सुबह भगवान का नाम जपने के टाईम तुम लोग मजे के लिए पीछे पड़ गए हो। एक काम करो शाम को 6 बजे केसिनो एवरेस्ट में मिलो। तब हम लरकी देख लेगें और रेट तय कर लेगें। - उन्होने केसिनों में मिलने का आस्वासन पाकर मेरा पीछा छोड़ा। चाय की दुकान तो नहीं मिली, पर काठमांडू की हकीकत से परदा जरुर उठ रहा था।
रात अंतर सोहिल जी ने भी बताया थी कि उनके पीछे भी भड़ूए पड़ गए थे, मजा कराने के लिए। इस घटना के बाद जाहिर हैं कि नेपाल में वेश्या वृत्ति चरम सीमा पर है। यह गरम गोस्त की बड़ी मंडी बन रहा है। अब समझ आने लगा था कि नेपाल की ओर लोग क्यों भागते हैं। यहाँ दारु की खुली छूट है। छोटी सी गुमटी से लेकर किराना दुकान में भी सहज उपलब्ध है। शराब, शबाब और कबाब की दुकानें सभी तरफ़ सजी हुई हैं।
वेश्यावृत्ति के कारण नेपाल में एडस के रोगियों की बेतहाशा वृद्धि हुई है। नेपाल की सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रकाशित हाल के आँकड़ों के अनुसार देश में एड्स रोग के फैलने का सबसे बड़ा कारण वेश्यावृत्ति है। नेपाल की दो करोड़ साठ लाख की कुल आबादी में 70,000 व्यक्ति एड्स रोग से संक्रमित हैं, इनमें 2000 बच्चे शामिल हैं। 41 प्रतिशत अप्रवासी श्रमिक हैं, 16 प्रतिशत यौन सम्बन्धों के परिणामस्वरूप संक्रमित हो गये हैं तथा 21 प्रतिशत अपने बीमार पतियों द्वारा संक्रमित हो गये हैं। सुबह सुबह नेपाल रेडियो पर समाचार भी सुना था कि एडस फ़ैलाने के आरोप में 9 गिरफ़्तारियाँ की गई।
भारत के बड़े शहरों के चकले नेपाली लड़कियों से आबाद हैं। वेश्यावृत्ति में अधिकांश नेपाली लड़कियाँ पाई जाती हैं। गरीबी के कारण सुख सुविधा युक्त जीवन की चाह ने इन्हे वेश्या वृत्ति के दलदल में ढकेल दिया। नेपाल आने वाला प्रत्येक व्यक्ति दलालों को चमड़े के जहाज की सवारी दिखाई देता है। इसलिए वे हर व्यक्ति को टोक कर मजा कराने का ऑफ़र देते हैं।
काठमाण्डू से लौटते हुए एक होटल में भोजन के दौरान 3 ग्राहकों को इंटरटेन करती हुई एक नेपाली औरत दिखाई दी। सभी दोपहर में खुले आम शराब पी रहे थे। कुछ घटनाओं को देखने के बाद यह तो तय हो गया कि यहाँ सेक्स टुरिज्म काफ़ी फ़ल फ़ूल रहा है और एजेंसी वाले नेपाल यात्रा के लिए भारत से ही नेपाली लड़कियाँ साथ भेज देते हैं, जो पर्यटकों को नेपाल की सैर के साथ मजा कराकर लौट आती हैं।
नेपाल में चारों ओर अराजकता का माहौल दिखाई दिया। जिस देश की सत्ता ही उलझनों में उलझी हो वहाँ सुराज की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती। बेरोजगारी और बेलगाम भ्रष्टाचार ने नेपाल को गारत कर रखा है। राजशाही की समाप्ति के बाद नेपाल के हालात खराब हैं। अगर भारत से इमदाद न मिले तो यहाँ के लोगों का जीना मुहाल है। मेरा अधिकतम समय घुमक्कड़ी में ही बीतता है, भारत में देहव्यापार की बड़ी मंडियाँ है, लेकिन आज तक किसी ने मुझसे नहीं पूछा कि - मजा करना है क्या? यह तो पहली बार काठमाण्डू में ही घटा।
रोशनी हो चुकी थी, रास्ते पर चहल पहल शुरु हो चुकी थी। मजा कराने वालों से पीछा छुड़ाकर वापस होटल में लौट आया। बिना चाय के ही स्नान ध्यान किए। पाबला जी और गिरीश भैया भी स्नान कर रहे थे। तभी नीचे से संदेश आ गया कि बस लग चुकी है और आप जल्दी से नाश्ते के लिए रेस्टोरेंट में पहुंचे। आज हमें काठमांडू घूमना है।
नेपाल के वरिष्ठ साहित्यकार और नेकपा (एमाले) के सक्रीय सदस्य और नेपाल के पूर्व शिक्षा मंत्री मोदनाथ प्रश्रित अपनी पीड़ा कविता में कहते हैं…………
मैने साध्वी सीताओं को प्यार से तुम्हे सौंपा है
मेरी प्यारी बहनों को बम्बई की कोठियों से मुक्त करो
गरीबी, भ्रष्टाचार, भुखमरी, बेरोजगारी और अराजकता वेश्यावृति का प्रमुख कारण है और नेपाल आज ऐसे ही संकट से जूझ रहा है.
जवाब देंहटाएंkyaa kahuun :-((
जवाब देंहटाएंगरीबी, और अराजकता जो न कराये :(.
जवाब देंहटाएंबहुत गंभीर समस्या है यह नेपाल मे. वैसे भी पर्यटन ही वहां का मुख्य व्यसाय है , एड्स के बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय बन सकते है सरकार और जनता दोनों के लिए… सचमुच बहुत बड़ी हकीकत से पर्दा उठाया है आपने… आभार
जवाब देंहटाएंदुनियां के एकमात्र हिन्दू राष्ट्र की ऐसी दुर्गति ...............!
जवाब देंहटाएंPRAMOD KUMAR
जवाब देंहटाएंनेपाल अब हिन्दू राष्ट्र कहाँ रहा। राजशाही के अंत के साथ हिन्दू राष्ट्र का तमगा भी चला गया।
सच्चाई जगत की
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंrochak
जवाब देंहटाएंबहुत ही मार्मिक पोस्ट श्री शर्मा जी |
जवाब देंहटाएंएक मेडिकल डॉ के रूप में मेरे लिए एड्स से मरते लोगों कों देखना बहुत ही दुखद लगता हैं |
ईश्वर लोगों कों सद्बुद्धि दें |
नेपाल जैसे हिंदू राष्ट्र में ,इतनी बुरी स्थिति ??
"मजा" करने-कराने की बात उजागर कर आपने मेरी आँखें नम कर दी है, भाई। ठीक ऐसा ही हादसा हमारे (मेरे और सुप्रसिद्ध धातुशिल्पी भाई जयदेव बघेल के) साथ सिडनी और मेलबोर्न (आस्ट्रेलिया) में हुआ था। तब भी हम दोनों की आँखें नम हो गयी थीं, हृदय कातर हो उठा था। मन रो पड़ा था। पैसे की चाहत इंसान से क्या नहीं करवा लेती! मानवता का दुर्भाग्य! बहुत बड़ा दुर्भाग्य!
जवाब देंहटाएंमतलब थाईलैंड बेवजह बदनाम है!
जवाब देंहटाएंस्थिति खराब है, जब तक अराजकता नहीं भोग लेते हैं, उन्हें सुराज का मोल समझ नहीं आता है।
जवाब देंहटाएंराजशाही के समय भी यही हाल था या तब ऐसे हालात नही थे।
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