मैने इस ब्लॉग पर 15 सितम्बर 2009 मंगलवार हिंदी दिवस से लिखना प्रारंभ किया था. सामाजिक सरोकारों से संबधित विषयों पर एक अलग ब्लाग होना चाहिए.
यह सोच कर ललित डाट कॉम का उदय हुआ. जिस दिन मैंने इस पर पहली पोस्ट डाली, उस दिन हिंदी दिवस था. मेरा प्रथम आलेख हिंदी दिवस को ही समर्पित था.
यह सोच कर ललित डाट कॉम का उदय हुआ. जिस दिन मैंने इस पर पहली पोस्ट डाली, उस दिन हिंदी दिवस था. मेरा प्रथम आलेख हिंदी दिवस को ही समर्पित था.
पहली है संगीता पुरी, १६ सितम्बर २००९ ६:५७ AM िबिल्कुल सही कहना है आपका .. हिन्दी के प्रति आपकी भावना बहुत अच्छी लगी Udan Tashtari, १६ सितम्बर २००९ ७:०० ऍम सही कहा..सहमत!!
उस दिन मैने पहली पोस्ट मे लिखा था। इन १०० पोस्टो में मैंने ब्लाग जगत को बड़े करीब से साक्षी भाव से देखा है. यहाँ होती हुयी हलचलों से मैं वाकिफ हुआ.
ब्लॉग के बुखार को समझने की कोशिश की. जीवन में नए ब्लॉग मित्र बने. सभी से मुझे सहयोग मिला. यह आभासी दुनिया भी वास्तविक जीवन के बड़े करीब लगी. क्योंकि सारे किरदार तो वहीं से आते हैं. कोई अलग दुनिया नहीं है.
वही दुनिया की अच्छाईयाँ-बुराईयाँ, पक्ष-विपक्ष मैंने यहाँ पाए. कुछ तो सिर्फ इसी में उलझ रहते हैं तो कुछ योगी भाव से सृजन में लगे हैं. हां कुछ युवा- नव जवान साथी हैं जो पूरी उर्जा के साथ ब्लोगिंग को अंजाम दे रहे हैं.
मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ और आग्रह करता हूँ. वे लेखन जैसे शुभ और पवित्र कर्म को अहर्निश जारी रखे. ताकि आने वाली पीढ़ी आपको एक आदर्श के रूप में याद रख सके.
मैंने यहाँ पर बहुत कुछ सीखा. इन 100 दिनों में मैंने बहुत कुछ अनुभव किया. इन 100 पोस्टों में मुझे पढ़ने के लिए लगभग 69451 पाठक आये.
अभी पोस्ट लिखे जाने तक 613 टिप्पणियाँ प्राप्त हुयी. गूगल में पेज रेंक 3 है. यह सतत लेखन का परिणाम ही है.
इस अवधि में जिन्होंने मुझे प्रत्यक्ष-और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग दिया. मैं उनका आभारी हूँ एवं सभी पाठको का अभिनन्दन करता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन को पढ़ा और सराहा.
कुछ विशिष्ट साथी हैं जो निरंतर मेंरा उत्साह वर्धन करते है. उनका उल्लेख एक अलग पोस्ट में करूँगा. सभी को मेरा विनम्र प्रणाम. नूतन वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं.
अभी पोस्ट लिखे जाने तक 613 टिप्पणियाँ प्राप्त हुयी. गूगल में पेज रेंक 3 है. यह सतत लेखन का परिणाम ही है.
इस अवधि में जिन्होंने मुझे प्रत्यक्ष-और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग दिया. मैं उनका आभारी हूँ एवं सभी पाठको का अभिनन्दन करता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन को पढ़ा और सराहा.
कुछ विशिष्ट साथी हैं जो निरंतर मेंरा उत्साह वर्धन करते है. उनका उल्लेख एक अलग पोस्ट में करूँगा. सभी को मेरा विनम्र प्रणाम. नूतन वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं.