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सोमवार, 14 जून 2010

ब्लॉगर रतनपुर, अचानकमार एवं ताला भ्रमण पर

शनिवार को कुछ ब्लागर साथियों के साथ चल पड़े बिलासपुर की ओर । जी के अवधिया, राजकुमार सोनी, अजय सक्सेना (कार्टुनिस्ट) एवं मैं याने ललित शर्मा। अचानक बने इस यात्रा कार्यक्रम में हमें कुछ एतिहासिक स्थल भी देखने थे। जैसा कि राजकुमार भाई ने कहा था और आचार्य उदय एवं अरविंद झा जी का पिछले कई माह से निमंत्रण भी था बिलासपुर आने का। पिछले दो दिनों से मैं भी रायपुर में ही था। इसलिए सुबह 6 बजे हम बिलासपुर के लिए चल पड़े। 

रास्ते में चरोदा धरसींवा में शिव जी के मंदिर के दर्शन किए जिसे बाबु खान नामक मुसलमान ने बनवाया था। यहां के पुजारी ने हमें यह जानकारी दी। 

बाँए से दाँए जीके अवधिया, राजकुमार सोनी, अजय सक्सेना एवं ललित शर्मा



धरसींवा बलॉक के स्वतन्त्रता सेनानियों का शिलालेख
चरोदा के इस मंदिर के सामने एक मैदान है जिसमें स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए सेनानियों का नाम कई शिलालेखों में  उत्कीर्ण कर उन्हे स्थापित किया गया है। जिससे हमें धरसींवा क्षेत्र के शहीदों के विषय में जानकारी मिली।

शिवलिंग धरसींवा

हाई कोर्ट छत्तीसगढ़

रास्ते में बिल्हा के पास हाईकोर्ट का नया भवन देखा। बहुत ही सुंदर इमारत बनी है। इसका निर्माण क्षेत्र भी काफ़ी बड़ा है।

आगे चलकर हम पहुंचे ताला गांव में जहां पर 6वीं-7वीं शताब्दी के देवरानी-जेठानी मंदिर के भग्नावेश प्राप्त हुए हैं। 

एक व्यक्ति ने बताया कि यहां पहले बहुत बड़े-बड़े टीले थे जिनकी खुदाई करने से मंदिर के भग्नावेश प्राप्त हुए हैं। 

यह मंदिर एक नदी के किनारे हैं। रमणीय स्थान स्थान है। 


प्रेमालाप

दीवारों पर उत्कीर्ण मुखौटा

तभी हमने देखा कि एक व्यक्ति स्वयं ही विद्युत व्यवस्था कर रहा था। मतलब बिजली के तारों पर कटुवा डाल रहा था। हमने उसकी सहमति से एक चित्र लिया। यहां से बिलासपुर की ओर चलते हुए आचार्य उदय एवं अरविंद जी को फ़ोन पर 10बजे तक पहुंचने की सूचना दी................जारी है...............

23 टिप्‍पणियां:

  1. चित्र अच्‍छे लगे .. हमारी भी सैर हो गयी !!

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  2. बहुत बढिया
    सिलसिला चलता रहे

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  3. ललित भईया हम भी चलूंगा आपके संग अभी रस्ते मे हो।

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  4. आइए... अमृतवाणी सुने..... हाहा.. हा हा... हा..

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  5. khubsurat chitron our shabdo ke jariye acchaa yaatra-varnan.....subhakaamanaa, agli kadi ka intejaar rahegaa.

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  6. सुन्दर चित्र हैं हमने भी सैर कर ली .

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  7. अंतिम चित्र देश की बिजली व्यवस्था की कहानी बयां कर रहा है..

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  8. ...ये तो छत्तीसगढ दर्शन शुरु करा दिये ललित भाई !!!!!!

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  9. अगली कड़ी का उत्सुकता और घबराहट के साथ..कहीं सारी पोलपट्टी मत खोल देना आदरणिय ...

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  10. ख़ूबसूरत चित्रण ललित जी इस घुमक्कड़ी का !

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  11. बहुत बढिया फ़ोटो वोटो हेंच लाये हो ललित बाबू। टगडीमार का सलाम भी कबूल फ़रमाये ललोत बाबू।।

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  12. बढ़िया है । सुन्दर चित्र । लगे रहो ।

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  13. आज कल भैया बहुत घूम रहे हो

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  14. चित्रों से सजी-सँवरी पोस्ट ने तो मन मोह लिया!

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  15. बिजली के तारों पर कटुवा
    हा हा
    मै तो यू समझू था यु काम अड़े आले ही जाणे स या कसूती बमारी हाडे भी !!

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  16. वाह वाह, यात्रा का सचित्र वर्णन बहुत सुन्दर किये हैं भाई.

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  17. सुन्दर चित्र हैं हमने भी सैर कर ली .

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  18. बिना पुरातत्ववेत्ता के यात्रा ल्यों करते हो भाई ?

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