कल होली की पूर्व संध्या पर कुछ ब्लागर बिना किसी निश्चित कार्यक्रम के मिल लिए......... ..राजकुमार सोनी जी छुट्टी थी उन्हें अपनी माता जी से मिलने दुर्ग जाना था.....उनका फोन मेरे पास आया और पूछा कि दुर्ग चलेंगे क्या?
मैंने हां कर दी बहुत दिन हो गये थे अपने भिलाई वाले साथियों से मिले. राजकुमार सोनी अपने साथ अवधिया जी को भी लेकर आये . फिर हम अभनपुर से पाटन होते हुए पहुँच गये दुर्ग....
राजकुमार जी की माता से मिले उनके दर्शन किये.... ..और फिर जम गई मित्रों की टोली और मनी धमाके दार होली...... मैं इस पर अभी ज्यादा कुछ नहीं लिख रहा हूँ.....क्योंकि.........होली मनाते हैं और फिर बाद में हमारी इस होली की जानकारी भी सुनाते हैं चित्र में बैठे है. संजीव तिवारी, बी.एस. पावला, जी.के.अवधिया, ललित शर्मा, राजकुमार सोनी, शरद कोकास, गुप्ता जी,...........
मैंने हां कर दी बहुत दिन हो गये थे अपने भिलाई वाले साथियों से मिले. राजकुमार सोनी अपने साथ अवधिया जी को भी लेकर आये . फिर हम अभनपुर से पाटन होते हुए पहुँच गये दुर्ग....
राजकुमार जी की माता से मिले उनके दर्शन किये.... ..और फिर जम गई मित्रों की टोली और मनी धमाके दार होली...... मैं इस पर अभी ज्यादा कुछ नहीं लिख रहा हूँ.....क्योंकि.........होली मनाते हैं और फिर बाद में हमारी इस होली की जानकारी भी सुनाते हैं चित्र में बैठे है. संजीव तिवारी, बी.एस. पावला, जी.के.अवधिया, ललित शर्मा, राजकुमार सोनी, शरद कोकास, गुप्ता जी,...........
अब देखिये आनंद कैसे बढ़ता है और किसे कहते हैं महफ़िल में चार चाँद लगना.......
हम भिलाई से निकलने की तैयारी कर रहे थे तभी हरियाणा के सुप्रसिद्ध कवि योगेन्द्र मौदगिल जी का फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा की आप कहाँ है?
यही सवाल मैंने उनसे किया तो पता चला की होली की पूर्व संध्या पर भिलाई ओपन थियेटर में कवि सम्मलेन पर आये हैं...वाह! क्या था फिर हम सब पहुच गए कवि सम्मलेन में, वहां सभी मित्र गण गर्मजोशी से मिले और कुछ फोटू मोबाईल कैमरे से ली गई. फिर योगेन्द्र जी मेरे साथ अभनपुर आ गये..........
हम भिलाई से निकलने की तैयारी कर रहे थे तभी हरियाणा के सुप्रसिद्ध कवि योगेन्द्र मौदगिल जी का फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा की आप कहाँ है?
यही सवाल मैंने उनसे किया तो पता चला की होली की पूर्व संध्या पर भिलाई ओपन थियेटर में कवि सम्मलेन पर आये हैं...वाह! क्या था फिर हम सब पहुच गए कवि सम्मलेन में, वहां सभी मित्र गण गर्मजोशी से मिले और कुछ फोटू मोबाईल कैमरे से ली गई. फिर योगेन्द्र जी मेरे साथ अभनपुर आ गये..........
सब को होली की मुबारक।
जवाब देंहटाएंहो न फिर फसाद , मजहब के नाम पर
जवाब देंहटाएंकेसर में हरा रंग मिले ,इस बार होली में !
होली में दुर्ग जैसी होली प्लेस (पवित्र)
जवाब देंहटाएंजगह में आप सभी मनाये होली
कोई और भी जो साथ था अदृश्य
उसकी बात न बोली
गाडा भर बधाई जम्मो ब्लोगर्हा मन ला
होली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआप तथा सभी ब्लॉगर मित्रों को होली की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रहा.
जवाब देंहटाएंyahi hai atithidevo bhav.... kitane log aisaa karate hai.? badhaai,is bhavanaake liye..शुभकामनाएं......
जवाब देंहटाएंहोली का मतलब मिलन, रंग-अर्थ है प्यार.
मिले सभी आ कर तभी, सतरंगी संसार.
फागुन में सब जल गया, जितना भी था रार,
निर्मल मन को कर गया, ये अद्भुत त्यौहार..
फाग लिए अनुराग की, पिचकारी के साथ,
कर देता है प्यार की, अंतस में बरसात.
वाह बढ़िया
जवाब देंहटाएंholi mubarak sabko
जवाब देंहटाएं@ भैया सुरुजकांत गुप्ता जी,
जवाब देंहटाएंप्रथम होली की शुभकामनाएं ग्रहण किजिए।
आपकी चर्र्चा इस पोस्ट मे की गयी है,
लेकिन आप अदृश्य थे, इसलिए आपकी चर्चा भी अदृश्य हो गयी है।
दुर्ग के होली प्लेस मे, होली के होली कार्यक्रम मे आप सादर आमंत्रित झारा-झारा नेवता है। आभार
होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
जवाब देंहटाएंआप सबको होली की राम राम
जवाब देंहटाएंनीरज
भल्ले गुझिया पापड़ी खूब उड़ाओ माल
जवाब देंहटाएंखा खा कर हाथी बनो मोटी हो जाए खाल
फिरो मजे से बेफिक्री से होली में,
मंहगाई में कौन लगाए चौदह किला गुलाल
http://chokhat.blogspot.com/
वाह बढ़िया...रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाये ...
जवाब देंहटाएंवाह जी बहुत बढि़या. आप सभी को मुबारक होली.
जवाब देंहटाएंओह काश कि ये छत्तीसगढ थोडा सा ..बस थोडा सा नजदीक होता ...खैर अब छत्तीसगढ दूर नहीं समझिए बस ....आपको आउर पूरी टोली को होली की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
ललित भाई और सभी साथियो को होली की हार्दिक शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंश्री ललित जी ! होली के अवसर पर हार्दिक मंगल कामनाएं स्वीकारिए। इसी के साथ नेचर का फैशन शो देखिए.......डॉ० डंडा लखनवी
जवाब देंहटाएंनेचर का देखो फैशन शो
-डॉ० डंडा लखनवी
क्या फागुन की फगुनाई है।
हर तरफ प्रकृति बौराई है।।
संपूर्ण में सृष्टि मादकता -
हो रही फिरी सप्लाई है।।1
धरती पर नूतन वर्दी है।
ख़ामोश हो गई सर्दी है।।
भौरों की देखो खाट खाड़ी-
कलियों में गुण्डागर्दी है।।2
एनीमल करते ताक -झाक।
चल रहा वनों में कैटवाक।।
नेचर का देखो फैशन शो-
माडलिंग कर रहे हैं पिकाक।।3
मनहूसी मटियामेट लगे।
खच्चर भी अपटूडेट लगे।।
फागुन में काला कौआ भी-
सीनियर एडवोकेट लगे।।4
इस जेन्टिलमेन से आप मिलो।
एक ही टाँग पर जाता सो ।।
पहने रहता है धवल कोट-
ये बगुला या सी0एम0ओ0।।5
इस ऋतु में नित चैराहों पर।
पैंनाता सीघों को आकर।।
उसको मत कहिए साँड आप-
फागुन में वही पुलिस अफसर।।6
गालों में भरे गिलौरे हैं।
पड़ते इन पर ‘लव’ दौरे हैं।।
देखो तो इनका उभय रूप-
छिन में कवि, छिन में भौंरे हैं।।7
जय हो कविता कालिंदी की।
जय रंग-रंगीली बिंदी की।।
मेकॅप में वाह तितलियाँ भी-
लगतीं कवयित्री हिंदी की।8
वो साड़ी में थी हरी - हरी।
रसभरी रसों से भरी- भरी।।
नैनों से डाका डाल गई-
बंदूक दग गई धरी - धरी।।9
ये मौसम की अंगड़ाई है।
मक्खी तक बटरफलाई है ।।
धोषणा कर रहे गधे भी सुनो-
इंसान हमारा भाई है।।10
सचलभाष-0936069753
आपको सपरिवार होली की शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंहोली में डाले प्यार के ऐसे रंग
जवाब देंहटाएंदेख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
होली की राम राम
जवाब देंहटाएं