संतोषी नगर में बसंत पंचमी के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। सरस्वती पूजन के पश्चात कार्यक्रम संचालन का भार श्री शिवराम शर्मा को सौंपा गया और कवि गोष्ठी प्रारंभ हो गयी।
इस कवि गोष्ठी में दुर्भाग्य से मैंने ही 40 बसंत देखे थे बाकी सभी 60 से अधिक बसंत देख चुके थे। कहने का मतलब यह है कि काव्य रचना के मामले में मेरा अनुभव कम था।
सभी उपस्थित कवियों ने अपनी-अपनी रचना का पाठ किया। जो धूरंधर थे उन्होने चौके छक्के लगाए एवं श्रोताओं के छक्के छुड़ाए एवं हमारे जैसे रंगरुटों ने एक्का दुआ से ही काम चलाया। लेकिन आऊट नहीं हुए क्रीज पर ड्टे ही रहे।
इस कवि गोष्ठी में दुर्भाग्य से मैंने ही 40 बसंत देखे थे बाकी सभी 60 से अधिक बसंत देख चुके थे। कहने का मतलब यह है कि काव्य रचना के मामले में मेरा अनुभव कम था।
सभी उपस्थित कवियों ने अपनी-अपनी रचना का पाठ किया। जो धूरंधर थे उन्होने चौके छक्के लगाए एवं श्रोताओं के छक्के छुड़ाए एवं हमारे जैसे रंगरुटों ने एक्का दुआ से ही काम चलाया। लेकिन आऊट नहीं हुए क्रीज पर ड्टे ही रहे।
संतोषी नगर की काव्य गोष्ठी में मुझे पहली बार शामिल होने का अवसर मिला। सभी के पास अपनी-अपनी डायरी थी।
मेरे पास डायरी न होने के कारण मुझे लैपटॉप से काम चलाना पड़ा। बसंत का मौसम हो और गीत कविताओं में मौसम का असर न दिखे, यह नहीं हो सकता।
कुछ सुंदर गीत श्री शीतलाबख्श सिंह द्वारा प्रस्तुत किए गए। शिवराम शर्मा , सत्यप्रकाश चौबे , रिछारिया, राममूरत शुक्ला, कैलाश तिवारी, नंदलाल यादव जी ने काव्य के माध्यम से साक्षात ॠतुराज को ही धरती पर उतार दिया। गोष्ठी श्री शीतलाबख्श सिंह के प्रांगण में हुई।
मेरे पास डायरी न होने के कारण मुझे लैपटॉप से काम चलाना पड़ा। बसंत का मौसम हो और गीत कविताओं में मौसम का असर न दिखे, यह नहीं हो सकता।
कुछ सुंदर गीत श्री शीतलाबख्श सिंह द्वारा प्रस्तुत किए गए। शिवराम शर्मा , सत्यप्रकाश चौबे , रिछारिया, राममूरत शुक्ला, कैलाश तिवारी, नंदलाल यादव जी ने काव्य के माध्यम से साक्षात ॠतुराज को ही धरती पर उतार दिया। गोष्ठी श्री शीतलाबख्श सिंह के प्रांगण में हुई।
इस अवसर पर सुधि श्रोताओं के साथ गणमान्य अश्विनी कुमार तिवारी, दशरथ शूक्ला, श्रीकांत दुबे, नरेश मिश्रा, अरविंद सिंह, एस बी सिंह, डॉ नरेन्द्र बहादुर सिंह उपस्थित थे।
नंदलाल यादव ने छत्तीसगढी में सुंदर गीत सुनाया। हमने भी एक गीत और दो कविताएं सुनाई। इस आयोजन का बैम बजर पे लाइव टेलीकास्ट किया गया था।
जिससे कई प्रदेशों में इस काव्य गोष्ठी के लाईव प्रसारण का आनंद लिया गया। साऊंड सेटिंग नहीं होने के कारण आवाज में कट रही थी। गोष्ठी के आयोजक साधूवाद के पात्र हैं। कवि गोष्टी के कुछ गीतों की रिकार्डिंग इसमें लगा रहा हूँ। आप उसे सुन सकते हैं।
नंदलाल यादव ने छत्तीसगढी में सुंदर गीत सुनाया। हमने भी एक गीत और दो कविताएं सुनाई। इस आयोजन का बैम बजर पे लाइव टेलीकास्ट किया गया था।
जिससे कई प्रदेशों में इस काव्य गोष्ठी के लाईव प्रसारण का आनंद लिया गया। साऊंड सेटिंग नहीं होने के कारण आवाज में कट रही थी। गोष्ठी के आयोजक साधूवाद के पात्र हैं। कवि गोष्टी के कुछ गीतों की रिकार्डिंग इसमें लगा रहा हूँ। आप उसे सुन सकते हैं।
आनन्द आ गया सब को सुन कर...आपकी रिकार्डिंग कहाँ है बाबू???
जवाब देंहटाएं@Udan Tashtari
जवाब देंहटाएंजब मेरी बारी आई तो रिकार्डिंग करना ही भूल गया :(
मजा आ गया गया जी बहुत ही शानदार ...काव्य गोष्ठी
जवाब देंहटाएंअनोखी पहल, अनोखा प्रयास. बधाई .
जवाब देंहटाएंvaah lalit bhaai bdhe bdhe log nyi nyi baaten or hmen bhul jane ki koshish men hmen yaad rkhne ki khurafaaten goshti ki bhtrin riporting riporting kya khen jivnt riporting bdhaayi . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह । मज़ा आ गया इस युवा काव्य गोष्ठी में ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे..
जवाब देंहटाएंभुतपूर्व युवाकवियों का काव्यपाठ का आनन्द..........; मजा आगे ग
जवाब देंहटाएंभैया, बढ़िया कार्यक्रम की बधाई...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाएं सुनकर मजा आ गया...
पर भैया आपकी रेकार्डिंग....?
पुनः बधाई... सादर..
सुकून से बैठकर सुनेगें बसंतों की बहार।
जवाब देंहटाएंvery good celebration...basant-bahar....
जवाब देंहटाएंबढ़िया गोष्ठी रही..अगली बार अपनी रिकॉर्डिंग भी करियेगा :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी , लेकिन आप की रचना कही सुनाई नही दी? शायद बहुत भारी होगी, लेकिन आप बेधडक प्रकाशित करे जी हम सह लेगे, अब सहने की आदत हो गई हे. आप की सुंदर सुंदर रचना के बिना ब्लाग जगत सुना सुना लगता हे. राम राम
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह सबकी रचनाएँ एक से बढ़कर एक हैं हमें पता चलता तो हम आपकी रिकार्डिंग करने जरुर पहुँच जाते...बहरहाल काव्य गोष्ठी की सफलता के लिए आप सहित आयोजकों को बधाई |
जवाब देंहटाएंप्रिय बंधुवर ललित शर्मा जी
जवाब देंहटाएंसादर सस्नेहाभिवादन !
वाह वाह वाह ! बहुत ख़ूब !
आपकी पोस्ट पर चक्कर तो दो दिन से लगा रहा हूं … हाज़िरी रज़िस्टर में दस्तख़त आज कर रहा हूं …
हमने भी बसंत पंचमी पर यहां काव्यगोष्ठि में शिरकत की अगली बार दिकॉर्डिंग करने का आइडिया आपसे ले'कर जा रहा हूं … :)
तीन दिन पहले प्रणय दिवस भी तो था मंगलकामना का अवसर क्यों चूकें ? :)
♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !♥
♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
मेरी फोटो तो दिख ही नहीं रही ललित भाई :-(
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !