शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

मिलते हैं ब्रेक के बाद ------------- ललित शर्मा

अयोध्या से


फिर मिलते हैं घर पहुँच कर ............. 

25 टिप्‍पणियां:

  1. आदमी भी क्या है ? स्टायल बदलता है तो रूप भी बदल जाता है ....!

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  2. जय बजरंग बली। भयंकर अवतार में काहे अवतरित भये ?

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  3. स्वामी ललितानंद जी महाराज की...........जय हो............!!

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  4. ये क्या हुआ ? कैसे हुआ ? कब हुआ ?

    क्यों ना सोचें :)

    जो हुआ ? जब हुआ ? जैसे हुआ ?

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  5. इतनी सुंदर जुल्फे कहाँ गई ललितजी ....ये रेशमी जुल्फे ..हाय !!!
    जय हो ---बहुत अच्छे --जम रहे हो ...?

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  6. बन्दुक और कलम छोड़कर ये उस्तरा ......?
    कहीं वैराग्य धारण करने का तो मन नहीं हैं गुरूजी ....जय हो !!!

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  7. किसी फिल्म में रोल तो नहीं मिल गया भाई .
    वैसे टनाटन लग रहे हो .

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  8. @ ajit gupta ji-- कोई खास वजह नहीं, बस यूँ ही मौज आ गई थी.

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  9. साधू रमता अकेला अवध में.................................

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  10. "ये क्या हुआ कैसे हुआ कब हुआ " .... वाह महाराज गजब के रंग में ... नारायण नारायण हरे राम हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे .

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  11. योगेश्वर भगवान कृष्ण की तरह ब्लॉगेश्वर महाराज के भी नाना रूपों के दर्शन होते रहें ,यही कामना है. इधर कब दर्शन दे रहे हैं महाराज ?

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  12. इंतजार रहेगा अयोध्‍या यात्रा के रोचक वर्णन का।

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  13. तीरथ घूमत हस, मुड़वा डरे हस मूड़। बर-पीपर हम पूछन नही हवे हमर मति मूढ़॥ हवे हमर मति मूढ़, होवथे दिमाग म कसमकस। का होगे कैसे होगे, मुड़वा के तीरथ घूमत हस॥ बस धरे के जरूरत हे रे भाई तोला एक 'निसान'। 'स्वामी ललितानंद' के नाव ले वैसे त कुछ ला मालूम हे, तभो ले अब जम्मो झन लिही जान……आखिरी म पाय लागी। कब लहुटत हस के लहुट गे गोठियाबे।

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  14. मुझे तो पहले ही शक था, कुछ गडबड हे.....

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  15. बिहार और दक्षिण में बिना कारण सिर मुंडवाना आम है!
    आपको क्या हुआ ?

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  16. हे राम .....कहीं कोई मोगेम्बो टाइप रोल तो नहीं कर रहे किसी फिल्म में?

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