सोमवार, 26 सितंबर 2011

500 पोस्ट, दस हजारी टिप्पणी क्लब और जिन्दगी के मेले ---- ललित शर्मा


पाबला जी का जन्मदिन 21 सितम्बर को था और 30 सितम्बर को शरद कोकास जी का जन्मदिन है। 21 तारीख को मैने सोचा कि दोनो का जन्मदिन एक साथ ही मना लिया जाए। बहुत दिन हो गए थे भिलाई गए, दिल्ली के कार्यक्रम के बाद हम आपस में मिले भी नहीं थे। सुबह बनाई हुई योजना तत्काल सिरे चढ गयी। सोचा कि बिना अनुमति लिए ही प्लांट में घुस जाएं, वैसे भी हम लालबत्ती जम्प करने के आदी हैं :) बड़े गुरुजी से चर्चा होने पर उन्होने भी साथ चलने की मंशा जताई। 10 बजे बड़े गुरुजी के ऑफ़िस में पहुंच गया। रात जागरण के कारण नींद तो आ रही थी पर भिलाई जाना तय था। संजीव तिवारी जी को फ़ोन पर आने की सूचना दी, शरद भाई से सम्पर्क नहीं हुआ। हम भिलाई चल पड़े, रास्ते में बड़े गुरुजी बार-बार गाड़ी धीरे चलाने के लिए टोकते थे। वैसे गाड़ी तो धीरे ही चला रहा था पर सवारी भाप के ईंजन के जमाने की होने के कारण इलेक्ट्रिक इंजन में बैठने पर उसे डर लगना लाजमी है। हम दोनो के बीच रास्ते भर यहीं खींचा-तानी होती रही। झगड़ा तो नहीं हुआ, किसी तरह होटल हिमालय तक पहुंच गए।

बड़े गुरुजी बड़ा के चक्कर में
वहां संजीव भाई हमारा इंतिजार कर रहे थे। शरद भाई को फ़ोन लगाने पर पता चला कि वे कहीं व्यस्त थे, थो। थोड़ी देर में उन्होने आना स्वीकार किया। पाबला जी ड्युटी पर थे, तो हमने सोचा कि जन्मदिन ऑफ़िस में ही मनाया जाए। रास्ते में जन्मदिन मनाने का सामान खरीदा गया, बुके, केक, मोमबत्ती, केक काटने के लिए चाकू और मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस भी। सारा इंतजाम साथ ही होना चाहिए। जिससे किसी वस्तु के कारण काम न अटक जाए और विघ्न न हो। पाबला जी ने हमें इस्पात भवन के काफ़ी हाऊस में बुलाया। जब हम पहुचे तो सामने ही नजर आए। बोले पहले कुछ खाना-पीना हो जाए। यह भी आवश्यक था, घर से चले 5 घंटे हो गए थे। मैने इडली का ऑडर दिया तो बड़े गुरुजी  ने सांभर बड़ा मंगाया। मुझे पूर्वाभास है कि अगर मैं सांभर बड़ा मंगाता तो अवश्य बड़े गुरुजी इडली से काम चला लेते। पीने के लिए पेप्सी मंगाई गयी। भिलाई के नए ब्लॉगर डब्बू मिश्रा जी भी सबसे मिलना चाहते थे। इस अवसर पर उन्हे भी फ़ोन करके बुला लिया गया। वे आंखो देखी के पत्रकार कमल शर्मा जी के साथ पंहुचे। फ़िर काफ़ी हाऊस में पार्टी जम गयी।

हैप्पी बर्थ डे पाबला जी
डब्बु मिश्रा जी की नास्त्रेदमस वाली एक पोस्ट को हरिभूमि ने अपने मुख्यपृष्ठ पर बिना किसी नाम एवं सूचना के प्रकाशित कर दिया था। डब्बू मिश्रा जी सम-सामयिक विषयों पर अच्छा लिखते हैं। इस अवसर उनसे मिलना अच्छा लगा। जिन्दगी के मेले लगाने वाले अजीज साथी पाबला जी से ब्लॉगिंग पर बहुत कुछ सीखने मिलता है। वे तकनीकि ज्ञान से समृद्ध हैं और तकनीकि ज्ञान आम ब्लॉगर तक पहुंचाते रहते हैं। जिन्दगी में प्यार और सौहाद्र हो तो फ़िर कहना ही क्या है। वर्ष 2010 इनके लिए हादसों से भरा रहा, जिसका अनुभव मैने भी किया। आम इंसान इतने हादसों में टूट जाता है, पर हादसों ने इन्हे और भी मजबूत बना दिया। जिन्दगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दा दिल क्या खाक जीया करते हैं। बस यही जिंदादिली इन्हे आम इंसान से खास बनाती है। हमने आफ़िस में मोमबत्तियाँ जलाई और केक काट कर बर्थ डे ब्वाय को दिली मुबारकबाद दी। जब गले मिले तो आँख भर आई। दिल ही है न संगोखिस्त दर्द से भर न आए क्यूँ। शाम होने को थी, बादल शोर कर के चेतावनी दे रहे थे, अब चल पड़ो नहीं तो फ़िर मुझे न कहना कि चेताया नहीं। साथियों से विदा लेकर हम गंतव्य की ओर निकल पड़े। गा लो मुस्कुरा लो, महफ़िलें सजा लो....।

संजीव जी, कमल जी, ललित शर्मा,  डब्बु जी, पाबला जी, बड़े गुरुजी
रास्ते भर हमारी वही पुरानी रफ़्तार रही, इस समय ट्रैफ़िक कुछ बढ गया था, बड़े गुरुजी बोले की नंदन वन आ गया है। मैने कहा कि देख कर चलते हैं मुझे भी बरसों हो गए इधर आए। हम नंदन वन पहुंच गए। नंदन वन की कथा फ़िर कभी। ब्लॉग नंदन कानन में ललित डॉट काम की यह 503 वीं पोस्ट है, अभी तक 10,001 टिप्पणियाँ दिख रही हैं। अर्थात हम भी दस हजारी क्लब में पहुंच गए। 9999 वीं टिप्पणी अंजु चौधरी बहन की है, 10,000 वीं टिप्पणी संगीता स्वरुप जी की आशीर्वाद स्वरुप प्राप्त हुई एवं 10,001 वीं टिप्पणी बर्थ डे ब्वाय की मिली। इस तरह हमने भी 10,000 का जादूई आंकड़ा पार ब्लॉग पर आए थे तब समीर भाईमानसिक हलचल वाले ज्ञानदत्त जी एवं ताऊ जी की दस हजारी देखी थी। अब तो वे और भी आगे बढ गए होगें। हाँ अगर इसमें हम अपनी टिप्पणी जोड़ते तो कब के दस हजारी हो जाते। पर सोचा कि धीरे धीरे ही चलें तो संतुष्टि मिलेगी। अपने ब्लॉग पर खुद ही कमेंट करके मुझे टिप्पणी संख्या बढाना जंचा नहीं। आवश्यक होने पर जवाब रुपी कमेंट किया जा सकता है। इस अवधि में हमने ब्लॉगिंग कैसे करनी है, इस विषय पर बड़े गुरुजी के निर्देश एवं सलाह मिलती रही। जिसके सहारे कुछ समझ आई। ब्लॉग को लोगों ने ही-ही फ़ी-फ़ी का अड्डा बना लिया। कुछ लोग हैं जो एक सार्थक उद्देश्य को लेकर ब्लॉगिंग कर रहे हैं। उन्हे साधुवाद देता हूँ जो इस मंच का सार्थक उपयोग कर रहे हैं। 

पोस्ट लिख रहा था तभी चैट बॉक्स पर एक चैतराम जी आए, शायद वे मुझसे पहली बार मिल रहे थे। उन्होने लिखा (#-Namaste,* हमने जवाब दिया - नमस्ते, Kaise h, मस्त, Kya krte h, कुछ नहीं,निठल्ले हैं, padhai, हां, Kya? ब्लॉग़, Kaun sa, जो मिल जाए रुचि अनुसार, Visit http://xxxx-xxxxx.blogspot.com, आएगें,समय मिलते ही, Dhanyawad, Aur koi kaam krte h? नहीं, होगा तो बताना, अरे यार काम के लिए कह रहा हूँ ) उदाहरण देने का तात्पर्य है कि जब ब्लॉग कम थे तो उनमें नित्य अपडेट करने वालों की संख्या भी कम थी। एक-दुसरे के ब्लॉग पर जाने के कारण परिचय हो जाता था।

तब हम लगभग सभी ब्लॉगों पर एक फ़ेरा लगा ही लिया करते थे। चिट्ठा जगत की मेल से नए ब्लॉग्स की जानकारी भी मिल जाती थी। लेकिन अब संभव नहीं है, लगभग 30,000 हिन्दी ब्लॉग्स हो चुके हैं, जिनमें से 6000 ब्लॉग छत्तीसगढ से ही हैं, सभी ब्लॉग्स को मिलाकर 500 तो नित्य अपडेट होते होंगे। सभी तक पहुंचना संभव नहीं है। जब हम सभी तक नहीं पहुंचते तो इस तरह की स्थिति बन जाती है कि हम कई ब्लॉगर्स को जानते भी नहीं हैं और यह भी पता नहीं चलता कि कौन, कहाँ, क्या लिख रहा है? नए ब्लाग जानने के लिए सर्च इंजन ही एक मात्र सहारा है और सर्च इंजन पर भी वही ब्लॉग आते हैं जो विषय आधारित ब्लॉगिंग कर रहे हैं। अब यह समझना ब्लॉगर्स के उपर है कि वे किस तरह की ब्लॉगिंग करें।

सभी जानते हैं कि ब्लॉग प्लेट फ़ार्म गुगल का मुफ़्त का है, जितने चाहो उतने ब्लॉग बनाओ और फ़िर उसे अधर में छोड़ दो। गुगल समय-समय पर चेक करता है और बरसों से अपडेट न होने वाले ब्लॉग्स को हटा भी देता है। रोज समाचार मिलते थे कि गुगल ब्लॉग बंद कर रहा है, बैकअप ले लिया जाए। बैक अप लेना समस्या का स्थायी समाधान नहीं था इसलिए हमने वेब साईट की तरफ़ ध्यान दिया और दो वेब साईटों का निर्माण किया। पहली ललित कला दुसरी न्युज एक्सप्रेस, दोनो सर्वर पर निजि होस्टिंग पर है। अब हम गुगल के खतरे से बाहर हो गए। जो ब्लॉग पर लिखते हैं उन्हे वेबसाईट पर भी अपडेट करते हैं। जिन्हे लम्बे समय तक ब्लॉगिंग करना है उन्हे देर सबेर अपनी साईट और खुद की होस्टिंग पर आना ही पड़ेगा। नहीं तो बरसों की करी कराई मेहनत पर पानी फ़िरते समय नहीं लगेगा। ब्लॉगर्स ने तन-मन-धन-समय लगा कर जो लिखा है वह एक क्लिक में ही स्वाहा हो सकता है। कुछ ब्लॉगर अपने डोमेन एवं होस्टिंग पर आ रहे हैं। वे समझदारी का काम कर रहे हैं। 

शह-मात का खेल (जो सीखा नही)
सभी ब्लॉगर्स मित्रों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होने ने अपने स्नेह से ब्लॉगिंग में जुड़े रहने में मदद की। एक समय ऐसा भी आया था कि मैं ब्लॉगिंग छोड़ कर जा चुका था और कई महीनों तक नहीं लिख पाया था। ब्लॉगर मित्रों का स्नेह ही वापस खींच लाया, तभी मुझे लगा कि ब्लॉग जगत को भले ही आभासी कह दिया जाता है पर वास्तविक रुप से परिवार ही है, जिसमें हम एक-दुसरे की चिंता करते हैं, और किसी ब्लागर के कई दिनों तक दिखाई न देने पर उसे मेल करके या चलभाष से उसका कुशल क्षेम पूछते हैं। यही स्नेह मुझे 80 किलोमीटर भिलाई तक खींच कर ले गया पाबला जी का जन्मदिन मनाने के लिए। यहाँ शह, मात का खेल नहीं है सभी को साथ चलना है। संगच्छध्वम् के मूल मंत्र के साथ सभी को सफ़र में साथ रहना है। जब तक जिन्दगी है तब तक लगते रहेंगें जिन्दगी के मेले।  मित्रों का कोटिश: आभार।


ब्लॉगोदय की सैर पर आईए

45 टिप्‍पणियां:

  1. बधाई हो भाई,

    ये क्रम चलता रहे,
    ये लगन बनी रहे,
    ये जज्बा कायम रहे,
    ये बहार बनी रहे,
    ये चस्का लगा रहे।

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  2. ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएँ

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  3. कहां-कहां पहुंच, पहुंचा देते हैं एक ही झटके में.

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  4. यह प्रवाह और उत्साह बना रहे। दसहजारिया बनने की बधाई।

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  5. ललित भाई गुड मोर्निंग !
    बोतल में पेप्सी है क्या ...??
    ब्लॉग सरदार को मस्त जीवन के लिए शुभकामनायें !
    अवधिया जी को प्रणाम !

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  6. @ संजीव जी,कमल जी,ललित शर्मा,डब्बु जी,पाबला जी,बड़े गुरुजी,

    पाबला जी के जन्म दिन को पूरे एहतिराम के साथ केवल संजीव तिवारी जी ने मनाया पर आप सभी इस दिन भी नंगे सिर :)

    @ हैप्पी बर्थ डे पाबला जी ,
    मोमबत्तियों की संख्या कुछ ज्यादा लग रही हैं आपको एक नौजवान के साथ ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए :)

    @ बड़े गुरूजी बड़ा के चक्कर में ,
    सामने पेप्सी की बोतल नहीं होती तो गिलास की रंगत और आप द्वय की मुद्रायें कोई और ही निष्कर्ष निकालने पे मजबूर करती :)

    @ सवारी भाप के इंजन के जमाने की ,
    अगर सच में भाप छोडती होती तो इलेक्ट्रिक इंजन के शार्ट सर्किट / खराब होने का खतरा था :)

    @ कमल जी , डब्बू जी ,
    स्वागत है ! शुभकामनायें !

    @ पोस्ट और टीप और चेस ,
    हूं ...बच्चे को भला फुसला के काले मोहरे टिका दिये ! कम से कम पोस्ट और टीप को सेलिब्रेट तो कर लेते :)

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  7. रोचक विवरण...दस हजारी आंकड़ा पार करने पर बहुत-बहुत बधाई...

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  8. रोचक. आपतो खूंटे गाड़ते चलो. सबकी शुभकामनाएं साथ हैं.

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  9. एक सिंह के जन्मदिन पर दूसरे शेर को ऐसा ही व्यवहार दिखाना चाहिए थे...(सनद रहे एक राजा दूसरे राजा से कैसे पेश आता है...)

    ब्लॉगवुड के शेर सिंह को पांच सौवीं पोस्ट और दस हज़ारी टिप्पणी क्लब में शामिल होने के लिए बहुत बहुत बधाई...

    ललित भाई जी इस नाचीज के देशनामा (हिंदी वाला) पर भी ब्लॉगर महाराज टिप्पणियों का आंकड़ा 16163 दिखा रहे हैं....

    जय हिंद...

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  10. @Khushdeep Sehgal

    भाई बात दस हजारी की है,
    आप बीस होने जा रहे हैं। बधाईयाँ

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  11. भाई पाबलाजी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. उनकी 'जिंदगी के मेले ' में चहल-पहल ,बस इसी तरह हमेशा कायम रहे, यही कामना है .ब्लॉगिंग में शानदार पांच शतक पूर्ण करने पर ललित जी आपको भी बहुत-बहुत बधाई .ब्लॉगिंग का आपका ये सफर लगातार चलता रहे,यही शुभेच्छा है .

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  12. ललित, मानना तो पड़ेगा तुमको!

    कहते हो "बड़े गुरूजी" और काम करते हो बड़े गुरूजी के बड़े गुरूजी बनने का! :)

    पर हमारा भी सिद्धान्त है -

    तू डाल डा तो मैं पात पात! :)

    रोचक पोस्ट!

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  13. @जी.के. अवधिया

    बुढौती में अधिक कूद फ़ांद वर्जित है, जरा सेहत का ध्यान भी रखना चाहिए। :)

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  14. बहुत बहुत बधाई ....आपकी मेहनत और लगन का परिणाम है यह ....ब्लॉगिंग के प्रति आपका यह जनून जनता हूँ .....बस यूँ ही आगे बढ़ते रहिये ..चलते-चलते .....! हार्दिक शुभकामनायें आदरणीय पाबला जी को ...!

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  15. बढ़िया रही जन्मदिन मनाने की रिपोर्ट ... दस हज़ारी बनने पर बधाई और यह सिलसिला निरंतर चलता रहे ... हम तो इतिहास में दर्ज हो ही गए :):)

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  16. चलती का नाम गाड़ी ...चलती रहे ...चलती रहे ..20 हजारी के लिए अभी से एडवांस बुकिग कर ले ... हम भी संगीता दी की तरह इतिहास रचाना चाहते हें ..

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  17. दस हजारी आंकड़ा पार करने पर बहुत-बहुत बधाई...यह क्रम सतत जारी रहे, यही दुआ है...

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  18. दसहज़ारी बनने पर बधाई। इस क्रम के निरंतर चलने के लिये शुभकामनाएं।
    पाबलाजी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  19. वाह शर्माजी, इस पोस्ट में इतने अवसर हैं, कि समझ नहीं आ रहा कहाँ से बधाई देना शुरू करून.....

    वधाईयां जी वधाईयां....

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  20. हा हा हा बधाई ....बधाई..बधाई दोनों भाइयों को.वड्डे को सोरी मार नही खानी मुझे दोनों कहेंगे नही 'वड्डा' आपको बताया है...एक को यानी वीर जी को जनम दिन की बधाई और ललित भैया को सौ शतक की.अपनी तो दो पार्टियां पक्की हो गई जी हा हा हा.यूँ पोस्ट पढते हुए सब कुछ आँखों के सामने घटित हो रहा सा लग रहा था.और लगा मैं भी आप लोगो के साथ हूँ.बस केक खाने को नही मिल रहा.
    मोबाइलफोन के लिए चलभाष शब्द पढ़ कर मुझे खूब हँसी आई .ये ललित भैया भी कमाल करते हैं हा हा हा एक बार फिर आप दोनों को बधाई.अब जाती हूँ 'बड़े गुरूजी' कौन है यह जानने.तब तक ....बाय.

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  21. आभासी दुनिया का ये परिवार यूँ ही प्यार से चलता रहे ...आभार

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  22. पार्टी पार्टी पार्टी पार्टी पार्टी

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  23. बहुत शानदार सफ़र ।
    बधाइयाँ ।
    शुभकामनायें ।

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  24. DHT Club के लिए शानदार पार्टी की दरकार है हुज़ूर :-)

    आप सबने मिल कर मेरे जनम दिन को केक, मोमबत्तियों, फूलों से ख़ास बना दिया अपने स्नेह भरे सरप्राइज़ आयोजन पर
    कई बार लगता है कि आखिर हम आपके हैं कौन!

    बहुत बहुत आभार आप सबके निश्छल प्रेम का

    आपकी और अवधिया जी की जोडी देख कर अक्सर ही टॉम एंड जेरी की जोड़ी याद आती है जो हर झड़प के बाद गले में बाहें डाले निकल पड़ते हैं मुस्कुराते हुए :-)

    ब्लोगिंग जब आपने छोडी थी तो याद कीजिए कि किस तरह आपकी टाँगे खींच कर उतारा गया था और ताऊ ने इस पर अपनी रिसर्च भी की थी

    बधाई DHT पर व शुभकामनाएं अगले पडाव के लिए

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  25. बधाईयां ही बधाईयां जी, अब टकी पर चढने चढाने का वो मजा कहां रह गया है? ना वो टंकी रही ना वो रेल लाईन.:)

    रामराम.

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  26. * मजेदार बर्थ-डे पार्टी .
    * दस हजार टिप्पणी के लिए हजार बार बधाई .
    * पाबला जी व कोकस जी को ढेर सारी शुभकामनाएं .
    * 502 वाँ पोस्ट जायकेदार है (इडली और सांभर बड़ा से).
    * बड़े गुरूजी कौन ? इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए .

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  27. afsos ki ham na ho sake shamil lekin fir bhi chalta rahe aapka ye karwan, aur lagte rahein zindagi ke mele.....shubhkamnayein aap sabhi ko.....

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  28. अरिस्स ...का बात है ..आप लोग तो धमाले धमाल मचा रहे हैं जी ..ऊपर से कौन कौन हजारी लखाडी क्लब ठांस दिए हैं सो अलग । अईसे ही धमगिज्जर मचईले रहिए ..शुभकामनाएं

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  29. बधई... बधई... जावन दे... जावन दे...
    सादर

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  30. इच्छा तो जाने सबसे मिलने की बहुत होती है पर गुरुजी ने बहुत पहले ही दिक्षा में भाप और बिजली के इंजन का भेद बता रखा है सो...........................जब तक "शांति" के साथ रास्ता कटने का आश्वासन नहीं मिल जाता, मन 'मसूसता' ही रहेगा।
    नये दोस्तों का ब्लाग परिवार में स्वागत है।

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  31. वाह वाह गुरू की इज्जत न हो तो चेले को कौन पूछे। वैसे चेला नारिस्तान पर हमला करने वाला है सो गुरू तैयारी रहे :) बाकि पाबला जी को फ़ेस बुक पर बधाई दी ही थी पर एक बार पुनःश्च सादर नमन और शुभकामनाएं

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  32. 500 vee post ke liye badhai....aapka yatra prem adbhut hai...pablaji ko janmdin ki shubhkamnayen..

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