मित्रों, ब्लोगिंग में आए हुए एक वर्ष होने को जा रहा है................ और समय भी सरकता जा रहा है............. अब समय के साथ हमारा भी सरकने का समय आ गया है........... आए थे अपनी मर्जी से और जा भी रहे हैं अपनी मर्जी से........... इसे आप यह ना समझना कि टंकी पर चढ़ गए हैं....कि.......... कोई उतारे तो उतरूं.......... यह दुनिया का शास्वत सत्य है जो आएगा उसे जाना ही पड़ेगा............ हमारा जितने दिनों का साथ था आप लोगों के साथ........ वह पूरा हुआ.......... हमारे एक मित्र ब्लोगर ने कहा था कि........... यहाँ तो लोग आते रहते हैं और जाते रहते हैं............ उन्होंने बिलकुल सही कहा था......... उस समय हमने भी नहीं सोचा था कि जाना पड़ सकता है.......... लेकिन अब जाना पड़ ही गया.
जितने दिनों का भी साथ रहा मित्रों मैंने उसे अपने अनुभव के खजाने में जोड़ लिया.........यहाँ पर मुझे सुखद अनुभव ही मिले.......... यहाँ बहुत कुछ सीखने को मिला........ जो मेरे जीवन में आगे काम आएगा.......... मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे ब्लॉग जगत के सभी साथियों का भरपूर स्नेह मिला.......... बहुत प्यार मिला.
हां! एक बात और .............. अगर जाने.......... अनजाने में......... भूल से भी मेरी किसी बात से किसी भी साथी को चोट पहुंची हो तो मुझे माफ़ कर देना........... क्योंकि कभी भी मेरा आशय किसी का दिल दुखाना नहीं रहा...... जो व्यवहार मुझे स्वयं को पसंद नहीं वह मैं कभी दूसरों के साथ नहीं करता.........और सबका सम्मान करना ही मेरी फितरत में हैं...........यही मुझे संस्कार में मिला है................. जिन्होंने मुझे जांचा, परखा, पहचाना और अपना अपार स्नेह मुझे दिया उन्हें साधुवाद......... मेरी अंतिम पोस्ट..............अलविदा ब्लोगिंग .............. हैप्पी ब्लोगिंग..........नमस्कार, सभी को प्रणाम..........
(साथ ही जिन मित्रों के चिट्ठों पर हम लेखन सहयोग करते थे, उन्हें सादर वापिस कर दिया गया है, क्षमा करे)
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