सुबह की फ़ेसबुकिया सैर पर मित्रों ने कहा कि - होली कैसे मनाएगें? मैने कहा - क्या हुआ? बोले - यार जब से चमन काका ने होटलों ढाबों में पीने पर प्रतिबंध लगाया है तब से होली का मजा ही किरकिरा हो गया । और तो कोई जगह नहीं दिख रही होली मनाने की। अब क्या किया जाए? मैने कहा कि - कोई गल्ल नी जी, चाँद पर होली मनाएगें, वही कैम्पफ़ायर करके धूम मचाएगें। सब राजी हो गए, चाँद धरती के कानूनी क्षेत्र से बाहर है होली वहीं मनाई जाएगी। चाँद पर होली मनाने की बात सुनकर महफ़ुजानंद जिम जाने की बजाए सायकिल धो मांजने लग गए। खुशदीप भाई से रहा नहीं गया महफ़ूज की हरकतें देख कर पूछ ही लिया - मियां बिहाने-बिहाने सायकिल धो मांज रहे हो, माजरा समझ नहीं आया। तो महफ़ूजानंद का कहना था कि सायकिल से चाँद पर जाकर होली मनाने की तैयारी है। अरे सायकिल में कौन सा सुपर सोनिक जेट का इंजन लगा लिया। जो चाँद पर पहुंच जाएगी। महफ़ूजानंद बोले कि - आपके प्रदेश की तो नहीं कह सकता पर युपी में तो सायकिल से चाँद पर भी जाया जा सकता है। यहां तो सायकिल में जेट का इंजन लग गया है।
महफ़ूज ने सुबह फ़ोन किया था कि पाबला जी का फ़ोन नहीं लग रहा है, मैने भी ट्राई किया, नहीं लगा। सायकिल का चक्कर देख कर समझ आया कि चांद पर पाबला जी के पुत्तर ने एक प्लाट ले रखा है, जिस पर शायद रेस्ट हाउस बन गया होगा। इसलिए महफ़ूजानंद फ़ोन लगा रहे हैं। हमने भी तैयारी कर ली, जब चाँद पर सायकिल जा सकती है तो बैल गाड़ी क्यों नहीं। बैलगाड़ी पायलेट गोबरधन को तैयार किया, चाँद पर चलने के लिए और हम नहाने चले गए। स्नानोपरांत जब दरवाजे से देखा तो ब्लॉगर साथियों का जमावड़ा नजर आया। ये क्या हो रहा है भाई? हबीब साहब बोले कि - हम भी चलेगें चाँद पर। चाँद पर बैठ कर पीने का कान्सेप्ट हमारा था आपने उसे हाई जैक कर लिया। मुझे भी ले जाना पड़ेगा। गौरव भी दिखाई दिया, येल्लो भैया हो गया कल्याण। मुझे बैलों की चिंता सताने लगी। इतना वजन कैसे खींच पाएगें? समस्या का हल यूँ हुआ कि हबीब साहब ने गाँव से और भी बैलगाड़ी किराए पर तैयार कर ली और बोले - अब समस्या का समाधान हो गया। जितने भी ब्लॉगर साथी है सभी जा सकते हैं। ये हुई न बात………… फ़ेसबुक पर निमंत्रण जारी कर दिया गया।
संजीव तिवारी, राहुल सिंह, शरद कोकास, सूर्यकांत गुप्ता, अनिल पुसदकर, गिरीश बुलेरो, राजीव तनेजा+संजु तनेजा, जी के अवधिया, श्यामकोरी"उदय" रमाकांत सिंह, अविनाश वाचस्पति, गिरीश पंकज, स्वराज करुण, दीपक "मशाल" अहफ़ाज, केवल राम पी के शर्मा, योगेन्द्र मुदगिल, अलबेला खत्री, प्रवीण पांडे, सतीश सक्सेना, संजीत त्रिपाठी, अजय झा, पदम सिंह, शिवम मिश्रा, इरफ़ान भाई, डॉ दराल, दसहजारी संजय भास्कर सहित महिला ब्लॉगरों में संगीता पुरी, इंदू पुरी, सुनीता "शानु", संध्या शर्मा, अंजु चौधरी, वंदना गुप्ता, दर्शनकौर धनोए, डॉ मोनिका शर्मा, डॉ मीनाक्षी स्वामी, डॉ अल्पना देशपांडे, अर्चना चावजी, कविता वर्मा की चाँद पर जाने की तैयारी शुरु हो गयी। पद्म सिंह ने पूछा कि बाकी ब्लॉगर कैसे पहुंचेगे? अरे भाई हमारे पास एक अदद उड़न तश्तरी भी है, उसमें राजभाटिया, शिखा वार्ष्नेय, अदा जी, सीधे हीथ्रो से टेकऑफ़ करेगें। मामला जम गया चाँद पर होली मनाने का उत्साह सभी ब्लॉगरों से चेहरे टपक रहा था। तभी अविनाश जी ने पूछा कि कितना टैम और लगेगा जाने में? कोई घंटा भर तो लग जाएगा। तो मै इंजेक्शन लगवा कर आता हूँ। मुझे न छोड़ जाना, अभी शुन्यकाल में फ़ंसा हूँ। आईए आपका इंतजार रहेगा। जब तुम्हारे लिए 10 मिनट शताब्दी लेट करवा सकते हैं तो यह तो बैलगाड़ी है, इंजेक्शन लगवा आओ जल्दी से- पी के शर्मा जी ने कहा।
अशोक भाई जा ही के नहीं? संजीव तिवारी ने सवाल दागा। इस सवाल ने तो समस्या खड़ी कर दी। लाल बत्ती वाले वीआईपी ब्लॉगर को कैसे ले जाएं, बिना लाल बत्ती के? एक काम करो यार उनके वाहन की लालबत्ती उतार कर बैला गाड़ी के जुवे में लगा दो। अब हो गया समाधान। संगीता पुरी जी ने बताया कि धरती के निकट मंगल आ गया है इसलिए चाँद पर मंगल रहेगा। अमंगलकारी शक्तियाँ निष्प्रभावी रहेगीं, इसलिए यात्रा के लिए उत्तम समय है। सभी ब्लॉगर गाड़ियों में सवार हो गए, पदम सिंह अड़ गए, काहे अड़ गए भई, बोले कि बैल गाड़ी हमही ड्राईव करेगें। सतीश सक्सेना बोले कि यह दिल्ली नहीं है, दिल्ली में गाड़ी चलाना आसान है, यह बैलगाड़ी है कोई सरकार नहीं, जिसे कोई भी चला लेगा। नहीं मानने पर वीआईपी बैलगाड़ी की ड्राईविंग हमने थाम ली, बैलगाड़ी का स्टेयरिंग थाम कर चल पड़े। तभी दर्शन कौर ने कहा कि - सवारियों की टिकिट कौन काटेगा? अरे यह तो भूल ही गए थे। बुलाओ भाई टी टी साहेब, फ़ालतु घर में बैठकर टाईम खोटी कर रहे हैं। उनका अनुभव तो काम आएगा। लो जी टी टी साहब भी आ गए। अविनाश जी भी इंजेक्शन ठुकवा आए। चल पड़े ब्लॉगर चाँद की ओर। महफ़ूज सायकिल के कैरियर पर खुशदीप भाई को बिठाकर पीछे पीछे चल पड़े, दोनो गुरु चेला साथ। जनम जनम का साथ है………
थोड़ी दूर चलने पर मुख्य पायलेट ने पूछा कि चाँद के लिए रास्ता किधर से जाता है? अगले चौराहे पर टिरैफ़िक सिपाही से पूछ लेगें, शिवम ब्लॉग बुलेटिन लगा रहे थे, बोले अभी गुगल में सर्च करते हैं। राहुल भैया ने गुगल मैप चालु कर लिया। डिग्री सेट करते ही बताने लगा रास्ता। मुख्य पायलेट और नेवीगेटर राहुल सिंह, दोनो के जिम्मे था चाँद तक पहुंचाना। अशोक भाई ने रेड़ियो चला रखा था, अचानक गाना बजते बजते उत्तराखंड के चुनाव परिणाम आने लगे। उधर टी टी साहब टिकिट पूछने लगे, इंदू पुरी के साथ कुछ बहस होने लगी। इंदुपुरी ने दो टिकिट ले रखे थे और बंदे तीन गिना रही थी। बोली - एक टिकिट मेरा और दूसरी की आधी आधी कर ले। एक पदम सिंह और एक केवल राम की। आप जिनको बच्चे कह रही है ये तो जवान हैं, इनकी तो पुरी टिकिट लगेगी। मैने कहा न बच्चे हैं, ये दोनो ब्याह जोगे दिख रहे हैं और इनको आप बच्चे कह रही हैं। मैने कहा - ब्याह जोगे दिख रहे हैं तो फ़ेर कर दे टीका। टीटी साहब ने 500 की दो पर्चियां तुरंफ़ फ़ाड़ के पकड़ा दी। रेल्वे में 30 साल नौकरी ऐसे ही नहीं की।
सामने से वारेन हेस्टिंग का सांड आ रहा था, उसे देख कर बैल बिदकने लगे।हमारे से ड्रायविंग पदम सिंह ने ले ली उनके हाथ में स्टेयरिंग तो था लेकिन पता नहीं कि बैलगाड़ी मोड़ते कैसे हैं? यह तो राहुल भाई का पुराज्ञान काम आ गया वरना टक्कर हुई हुवाई थी। जनता हवलदार चालान अलग से काटता, उसकी होली मन जाती और अपना मोहर्रम। लो जी पहुंच गए चांद पर राहुल भाई के जीपीएस ने बताया। सबकी हालत वही थी, जो कभी नील आर्मस्ट्रांग की हुई होगी। सबने डरते-डरते चांद की धरती पर कदम रखे। जैसे ही कदम रखे, वैसे ही आवाज आई - " ओएएएए महफ़ूजिया, ओएएए दीपिया, मैने सर ऊंचा करके देखा तो एक बहुत बड़ा साईन बोर्ड दिखाई दिया, लिखा था "ढाबा शेर-ए-पंजाब" यहां शुद्ध शाकाहारी और मांसाहारी खाना मिलता है। साईड में छोटे से बोर्ड पर लिखा था "इत्थे डोडे मिलदे ने"। सामने बीसेक मंजिया पाई थी और साथ में कुछ भैंसे भी बंधी थी। एक खाट पर पाबला जी, राजभाटिया, समीर लाल महफ़िल जमाए बैठे थे। हमे देखते ही राज भाटिया बोले - आओ जी, अस्सी और तुस्सी पीवांगे लस्सी। इतनी दुर हम लस्सी ही पीने आए क्या और कुछ है तो बताओ? मिलुगी जी मिलुगी, पहली धार की………त्वानु ऐत्थेई जन्नत दे नजारे वखावांगे। इधर खबर मिली कि संगीता जी चाँद पर पहुंचते-पहुंचते दादी बन चुकी थी। तय यह हुआ कि इनसे पार्टी बाद में ली जाएगी। :)
अपना-अपना ठीहा लगाने के बाद, अजय झा के नेतृत्व में भांग घोटाई होने लगी। राज भाटिया जी ने दूध का इंतजाम कर रखा था। अब बनने लगी केसरी ठंडाई, पहली धार वाले किनारे हो गए एक तरफ़। राहुल भाई चाँद पर पुरावस्तुओं की खोज में निकल गए। लगे हाथ कोई काम भी हो जाए। अशोक भाई उत्तराखंड के चुनाव परिणाम के रुझान जानने में लगे हुए हैं, दर्शन कौर झगड़ रही है टी टी साहब से, कह रही हैं इतनी ईमानदारी दिखाने की क्या जरुरत थी। दो टिकिट में तीन सवारी चला लेना था। लोग फ़्री में भी चले जाते हैं। राहुल भाई के लौटने तक कुछ खाटों को जोड़ कर मंच बना लिया गया था। मंच से कविताई के साथ कुछ पुस्तकों के विमोचन की घोषणा हो रही थी। आम के आम गुठली के दाम, होली मनाने के साथ पुस्तक विमोचन भी। अखिल ब्रह्मांड ब्लॉगर्स संगठन की अध्यक्षा मंच पर विराजमान हो चुकी हैं, अशोक भाई रेड़ियो समेत मंच पर पहुंच गए। अन्जु चौधरी, स्वराज करुण, अनिल पुसदकर, अविनाश वाचस्पति, डॉ मीनाक्षी स्वामी की पुस्तके मंच पर पहुच चुकी हैं, फ़्लेप खोलने पर नई नवेली पुस्तकें सकुचाते शरमाते दुल्हन की तरह बाहर आई, सभी ने तालियां बजा कर स्वागत किया। केवल राम फ़ोटो खींचने में लगे थे।
भंग ठंडाई तैयार थी, पकोड़ों के साथ ठंडाई का दौर शुरु हो गया। अशोक भाई उत्तराचंल के चुनाव परिणाम में उलझे थे, राजनीति भी बडी बैरन है, न सोने देती न खोने देती। जब चांद पर पहुंच गए तो होली तो ढंग से मनाओ। गजल शुरु हो चुकी थी, आज दावत है यारों, चाँद पर बैठकर्……। महफ़ूजानंद सायकिल टायर चेक कर रहे हैं, कहीं पंचर हो गई तो वापसी कैसे होगी? होली खेले रघुवीरा अवध में…… बजते ही धमाल शुरु हो गया, जम कर डांस होने लगा। पाबला जी, पदम सिंह, अलबेला खत्री, इंदू पुरी, संध्या शर्मा, राज भाटिया, महफ़ूजानंद, शिखा, यौगेन्द्र मौदगिल, केवल राम, और हम खूब नाचे। तभी नजर पड़ी कि दर्शन कोर कोने में खड़ी हैं कुछ नाराज सी दिखाई दे रही हैं। पूछने पर पता चला कि रेन डॉंस करना चाहती हैं। अब इनके लिए कहाँ से रेन डॉस का जुगाड़ किया जाए, चाँद पर तो बरसात भी नहीं होती। राज भाटिया जी ने जर्मनी का दिमाग लगा कर समाधान कर दिया। मिनरल वाटर की बोतलों में जाली लगा के फ़व्वारा बनाया और रेन डॉस के लायक बरसात करवा दी। झमाझम रेन डॉस हुआ। शरद कोकास विमोचन में मिली पुस्तकों को लेकर एक कोने में बैठकर पेन से कुछ मार्क कर रहे। लगता है कि पुस्तक समीक्षा की तैयारी हो रही है।
शेर-ए-पंजाब ढाबे में भोजन का दौर शुरु हो गया। एक से एक लजीज व्यंजन बनवा रखे थे राज भाटिया जी ने। हमारी तिकड़ी योगेन्द्र मौद्गिल, सतीश सक्सेना संग हम पहुंच गए जाने पहचाने ठिकाने पर, चीयर्स के साथ होली का आगाज हुआ। समीर दादा तो उड़न तश्तरी में ही चालु थे। अर्चना चावजी ने विशेष आग्रह पर एक भजन सुनाया और योगेन्द्र जी ने मल्लिका को याद किया। अलबेला खत्री की सुई पुराने रिकार्ड पर ही फ़ंसी रही। संजय भास्कर पुराने कमेंट कट पेस्ट कर रहे थे। राहुल भाई ने पूछा कि - बबा कहां गए गा।" हम भी चक्कर में पड़ गए, अवधिया जी किधर गए, बहुत ढूंढने पर वे बैलागाड़ी के नीचे पैरा बिछाकर बैठे दिखे। नजदीक पहुंचने पर दिखा कि खंबा लिए बैठे हैं, आराम से चुस्की मारते हुए टंगड़ी चुहक रहे हैं। मतलब जन्नत के नजारे ले रहे हैं।
अविनाश जी पानी की बोतलों में उलझे हुए थे। तभी सामने से वारेन हेस्टिंग्स का सांड नथुने फ़ुलाए आते हुए दिखाई दिया। सोचा कि निकल जाएगा बगल। लेकिन वह तो उपर ही चढा आ रहा था। अजीब मुसीबत है, जागता हूँ तो सामने दिखाई देता हैं, सोता हूं तो सपने में दौड़ाता है। बड़ी मुसीबत है, सांड ने दौड़ लगाई और मै उसके आगे-आगे वह मेरे पीछे पीछे, अजीब मुसीबत है, मैने इसका क्या बिगाड़ दिया। अरे दौड़ाना है तो उदय प्रकाश जी को दौड़ाओ, जिसके सांड हो तुम……मै दौड़ने लगा चिल्लाते हुए, बचाओSSSS बचाओSSSSS बचाओ SSSSS अरे SSSS कोई तो बचाओ SSSSS, साला मार डालेगा। तभी मुंह पर पानी की बौछार हुई, आँख खुलने पर दे्खा तो कुछ लोग मुंह पर पानी के छींटे मार रहे थे और कह रहे थे………काहे के लिए इतना ठंडाई पी लिए महाराज्…… कब से चिल्ला रहे हो…… बचाओSSSS बचाओSSSSS येल्लो गयी भैंस पानी में…………।
और हमने जो फाग गाकर सुनाया था "चुनरी बिन गवन न होय से सजनवा..." वाला उसका जिक्र नहीं किया आपने ललित जी। बहुत बेइंसाफी है ये।
जवाब देंहटाएंसभी को उमंग-तरंग-रंग एवं परस्पर प्रेम का पर्व होली की की शुभकामनाएँ!
holi mubark ho bhaijaan .akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंकल्पना शक्ति का कमाल है ..
जवाब देंहटाएंगजब की प्रसतुति ..
होली की शुभकामनाएं !!
लगता है बीमारी से तो बच जाऊंगा
जवाब देंहटाएंपर इस पोस्ट में फंसकर हंसने से
नहीं बच पाऊंगा, हंसते हंसते
मैं मर जाऊंगा, सब हंसते रहेंगे
होली पर न पिला रहे हो
न सांड से बचा रहे हो
सांड से डरा डरा कर
देसी भी बचा रहे हो
हम कह रहे हैं मंगल पर चलो
पर तुसी ते चांद पर दंगल करा रहे हो
हंसा रहे हो, हंस रहे हो
मूंछों से ठुमके लगवा रहे हो।
लगता है बीमारी से तो बच जाऊंगा
जवाब देंहटाएंपर इस पोस्ट में फंसकर हंसने से
नहीं बच पाऊंगा, हंसते हंसते
मैं मर जाऊंगा, सब हंसते रहेंगे
होली पर न पिला रहे हो
न सांड से बचा रहे हो
सांड से डरा डरा कर
देसी भी बचा रहे हो
सांड है या प्रकाशक है
जिसने कर रखी अजीब आफत है।
हम कह रहे हैं मंगल पर चलो
पर तुसी ते चांद पर दंगल करा रहे हो
हंसा रहे हो, हंस रहे हो
मूंछों से ठुमके लगवा रहे हो।
व्यंग्य का शून्यकाल का दूसरा संस्करण
कब रिलीज करवा रहे हो।
हा हा हा ..गज़ब होली मनवा दी आपने तो ..जीवन सफल हो गया :)
जवाब देंहटाएंमह्फुजानंद और दिपिया का फोटो देख कर तो हंसी ही नहीं रुक रही..:):)
चाँद पर होली बढ़िया रही .... गजब की कल्पना .... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंचाँद पर होली वाह क्या बात है .... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 -03 -2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं..रंग की तरंग में होली की शुभकामनायें .. नयी पुरानी हलचल में .
वाह... धरती पर तो बहुत मनाई होली लेकिन चाँद पर होली मनाने का अंदाज़ गज़ब का है... हंसी का खजाना मिल गया यहाँ... और इस चाँद पर चार चाँद लगाते सुन्दर - सुन्दर चेहरे... लाजवाब धाराप्रवाह लेखन.... होली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंहमें काहे छोड़ दियो है शर्मा जी, बैलगाड़ी में न सही न्यौता ही दै देते. हम भी अपनी पुराणी फटफटिया लेकर ही आ धमकते. खूब रंग जमता भंग के साथ.
जवाब देंहटाएंशेष फिर. होली की अनेकानेक शुभकामनाएं.
जय जय जय जय, जय होली जय..
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...बहुत ही बढ़िया ढंग से मनाई आपने इस बार की होली...
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया जी फुल्ल बटा फुल्ल :-)
भोत बधिया , भोत बधिया !
जवाब देंहटाएंचाँद पर जाओ या सूरज पर -हमारी शुभकामनायें लेते जाओ । :)
हमें ले जाना क्यों भूल गए भैय्या ... हम भी तो आप के साथ ही चले चलते चाँद पर ..और होली मना लेते.
जवाब देंहटाएंचलो चांद की ओर... एक शीर्षक मिल गया इसी बहाने. होली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसमयानुकूल प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं....
ha ha, bahut khoob, gazab ki kalpana shakti.. mast hai.
जवाब देंहटाएंholi ki badhai aur shubhkamnayein bhai sahab aapko
बहुत अच्छी प्रस्तुति| होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंएला कथें कल्पना शक्ति के कूट कूट के भराई. मान गेन ललित भाई. तर गेन हमू अपन नाम देख के...कतेक जुवार लागिस होही एला तैयार करे मा???? वाकई तोर कोनो सानी नई ये.....बधाई गाड़ा गाड़ा...
जवाब देंहटाएंहमें कहीं नहीं जाना है। अपने पास अपनी एक अदद .चाँद है।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रही चांद पर होली।
जवाब देंहटाएंहोली की रंग बिरंगी शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी रही चांद पर होली।
जवाब देंहटाएंहोली की रंग बिरंगी शुभकामनाएं।
ईधन की बचत के लिए बैलगाड़ी का सहारा लेना पड़ा , उ.प्र. के मतदाताओं ने ईधन की महँगाई के चलते साइकल को अपना लिया है.
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !
हा हा हा हा हा ..बोलो आज के आन्नद की .......जय ! ललित महाराज की जय ... आखिर चाँद पर भी पानी पहुँच ही गया ..सपने में ही सही आपने चाँद की सैर करवा ही दी ..हेप्पी होली चाँद पर पहुँचने वाले सभी महानुभवो को .....!
जवाब देंहटाएं:) होली की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंआज चांद ने फोन किया था। बड़ा खुश लग रहा था। कह रहा था कि होली पर मुझे कोई याद नहीं करता था कम से कम शर्मा जी ने तो याद किया है। चिंता मत करो मेरे पास भी पानी है । चंद्रयान 1 से साबित हो ही चुका है। बाकी व्यवस्था आप करके ही लाएंगे। आओ आओ आओ आप सब का स्वागत है.....
जवाब देंहटाएंविश्व महिला दिवस की हार्दिक बधाई ....एवं होली पर्व की हार्दिक बधाई .... नारी घर की शान है -नारी का सम्मान करें, आदर करें ....
जवाब देंहटाएंगजब.....होली की शुभकामना.........
जवाब देंहटाएंगजब.....होली की शुभकामना.........
जवाब देंहटाएंटी. टी. साहेब का पढते -पढते हुआ बुरा हाल ...
जवाब देंहटाएंआंसू रुक नहीं रहे आँखों से .
और निकल रहा पानी नाक से
बोले ---' रिटायर्ड आदमी को भी काम मिल गया प्यार से ....होली की हार्दिक शुभकामनाए ....
आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर
होली की तरंग
जवाब देंहटाएंब्लागर मित्रों के संग -
चन्द्रमा की धरती पर
आपके सौजन्य से
खूब जमा रंग !
लेकिन आखिर में सांड
ने डाल दिया रंग में भंग !
आपको और सभी ब्लागर मित्रों को होली की
सपरिवार हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
सुन्दर प्रस्तुति ....होली एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं जी आपको
जवाब देंहटाएंबाप रे !! लेख पढने से पहले ही हंस हंस के पेट दुखने लगा हे, यह जो महफ़ूज मियां का रिक्क्षा चलाने का स्टाईल हे, लगता हे पटियाला लगा कर आप ने अविनाश भाई का इंजेक्शन भी इंटरनेशनल कर दिया हे, हंस हंस कर पेट दुखने लगा हे...
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत- बहुत शुभकामनायें !!!
मस्ती मिलन और मटरगस्ती इस बार मून पर,
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ
यही होती है ब्लागरों की संगत की नतीजा है, हर अभियान परिणाम तक पहुंचने के पहले न सिर्फ लीक होता है, बल्कि पिचकारी सा फुहारें मारने लगता है.
जवाब देंहटाएंचाँद पर होली वाह क्या बात है .... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंHOLI KI SHUBHAKAMANA
जवाब देंहटाएंCHAND KI SAIR KARANE KA DHANYAWAD .
EK BAR FIR NYOTA KO SMARAN KARAWATA HUN.AAP AKALTARA MITRON SAHIT AAIYE
KAM SE KAM AAPAKA PYARA SANIDHYA TO MILEGA HI .
मजेदार
जवाब देंहटाएंइतने अच्छे पलों पर अंत में आखिर पानी फेर ही दिया जाता है
सभी चांदोत्सक ब्लॉगरों को रंगोत्सव की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर रिपोर्टिंग .. पर होली तो मंगल पर मनायी गयी थी .. यहां पढें
जवाब देंहटाएंछा गये आओ बुलेरो में घुमाय देत हैं
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा हा...
जवाब देंहटाएंजबरदस्त होली हवे... सिरतोन कहाँ कहाँ लेग जाथे ग तोर कल्पना हा...
अब्बड़ अकन बधइ... होली हे....
हमने तो सोचा कि सच्ची मुच्ची आप लोग चाँद पर चले जायेंगे तब कुछ और ब्लोगरों को मौका मिलेगा .. पूरा ब्लॉग जगत आपे लोग हथियाए रहते हैं .. मगर हुआ सब भटाधार !!! बहुत ही अच्छा लिख गए आप !!! हा हा हा होली का हुडदंग मुबारक
जवाब देंहटाएंचांद पर होली का आंखों देखा हाल पढ़कर इच्छा होने लगी है कि अगले साल हम भी जाएंगे।
जवाब देंहटाएंहोली की अशेष शुभकामनाएं।
KAMAAL KI KALPANAA HAI. BADHAI. RANJAK RACHANA K LIYE...
जवाब देंहटाएंमज़ेदार...मज़ेदार ...मज़ेदार :)))))
जवाब देंहटाएंहोली के समाचार पढ़ मन झूम उठा वाह भाई जी
जवाब देंहटाएंहोली के समाचार पढ़ मन झूम उठा वाह भाई जी
जवाब देंहटाएं