17 सितम्बर को मेरी वेब साईट ललित कला डॉट इन का लोकार्पण ३६ गढ़ के यशस्वी मुख्य मंत्री रमन सिंग जी ने किया. ललित कलाओं पर वेब साईट बनाने की मेरी तमन्ना थी. जो एक दिन पूरी हुयी. जिसकी मुझे बहुत ही ख़ुशी है. लेकिन इस वेब साईट पर अब काम बहुत है. जिसे पूरा करना है. मेरा उद्देश्य है कि हमारे देश में ललित कला के क्षेत्र में काम कर रहे उन साथियों को दुनिया के सामने लाना, जिन्होंने इस क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है. लेकिन किसी कारण वश उनका काम दुनिया के सामने नहीं आ सका. उसे एक मंच नहीं मिला जिससे वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें. इनके विषय में भारत भर से जानकारी एकत्रित करना एक दुष्कर कार्य है. जिसे मुझे करना है।
मैं जब से ब्लॉग जगत में आया हूँ, तब से ही सभी ब्लोगर्स का मुझे भरपूर सहयोग मिला है. अब आपके सहयोग की आवश्यकता भारत के कलाकारों और शिल्पकारों को है. उन्हें हैं जो अभाव में जी रहे हैं. ऐसे कलाकार और शिल्पकार जिनकी कला के विषय में हम दुनिया को बताना चाहें, जिससे उनकी क्रृति को कोई खरीद कर उन्हें लाभान्वित करे. हमें जब ऐसा लगे कि इनके उम्दा काम के विषय में दुनिया को पता चलना चाहिए तो उसके विषय में सभी जानकारियाँ उनकी कृतियों की फोटो सहित एक लेख के रूप में मुझे प्रेषित कर दे. जिससे उनकी समस्त जानकारी www.lalitkala.in पर डाली जा सकें. आपके द्वारा दी गई जानकारी ललित कला कोष में वृद्धि करेगी जिससे कलाकारों के साथ साथ आम लोगो को भी फायदा होगा. उन्हें सभी प्रकार की कला कृतियों के विषय में जानकारी एक ही स्थान पर प्राप्त हो जाएगी.
ब्लॉगर बंधुओं एवं भगिनियों से निवेदन है की यदि आपकी रुचि कलाकृति निर्माण में हो या आप ललित कलाओं से संबंधित कार्य करते हों या आपके आस-पड़ोस, गाँव-शहर में करता हो तो समस्त जानकारी कलाकृतियों के चित्र सहित मुझे (shilpkarr@gmail.com) ई मेल करें। उसे ललित कला वेब साईट में स्थान दिया जाएगा।आप यहाँ से वेब साईट का अवलोकन करें।
इस विषय मे आपसे जल्दी ही सम्पर्क करुंगा
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल। मुझे कुछ मिला तो अवश्य बताऊँगा।
जवाब देंहटाएंजैसे ही कोई शिल्पकार मिलता है उसका पूरा विवरण आपको भेज देंगे |
जवाब देंहटाएंआजही इस काम में लग जाते है |
जवाब देंहटाएं... lage raho ... chalte chalo ... badhate chalo ... jay jay chhattisgarh !!!
जवाब देंहटाएंdefinitely , let's keep in touch !
जवाब देंहटाएंyahan chinhat men kuchh log sundar moortiyan banate haiin aapko batayeneg .
जवाब देंहटाएंएक अच्छा कदम.
जवाब देंहटाएंअच्छी सार्थक पहल ...
जवाब देंहटाएंसाधुवाद ..!
अच्छा प्रयास है । शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं और हम ललित कलाओं के लिए न सही, पर ललित भाई के लिए काम अवश्य करते हैं और करते रहना चाहते हैं।
जवाब देंहटाएंइस काम में सभी को खुले मन से सहयोग देना चाहिए।
जवाब देंहटाएंसृजनात्मक ..........
जवाब देंहटाएंहमारी शुभकामनाएं
साधुवाद ! आपका प्रयास सराहनीय है !
जवाब देंहटाएंप्रणाम, निश्चित रूप से आपका प्रयास सराहनीय है, हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि हम आपके सहयोग हेतु सदा तत्पर रहेंगे............!!
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल हेतु सादर बधाई एवं आभार.......
इस कार्य में आपका सहयोग करने में हमें अपार खुशी होगी
जवाब देंहटाएंऐसी जानकारी मिलते ही आपसे जरूर सम्पर्क करेंगें
Bahut achhee pahal ..kuchh najar men aaya to awashy batayenge.
जवाब देंहटाएंbadhiya pahal bhai sahab, shubhkamnayein
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास, अपील नहिं आदेश दिजिये, हम भी भरसक योगदान देंगे।
जवाब देंहटाएंप्रणाम, निश्चित रूप से आपका प्रयास सराहनीय है, हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि हम आपके सहयोग हेतु सदा तत्पर रहेंगे............!!
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल हेतु सादर बधाई एवं आभार.......
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sunder prayas.
जवाब देंहटाएंहाल में मुझे एक छोटी सी दुकान में एक व्यक्ति मिला .. जो संगमर्मर पर मूर्तियां उकेरता है .. काले मजबूत पत्थर में उसके पिताजी के द्वारा उकेरी गयी एक मूर्ति ने तो मुझे आश्चर्यचकित कर दिया .. मुझे उसकी कारीगिरी अच्छी लगी .. मैने अपने पूजास्थान में रखने के लिए उसे कई छोटी छोटी मूर्तियों के आर्डर भी दिए हैं .. कुछ दिनों में उसके , उसके परिवार के और उसकी कला के बारे में लिखकर आपको भेजती हूं !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी पहल..
जवाब देंहटाएंध्यान रखूंगी ऐसे कलाकारों का...जो कला के धनी तो हों...पर आर्थिक रूप से जरूरतमंद.
सर मैं कोशिश करूंगा कि अपने अगले ग्राम प्रवास के दौरान ..गुमनामी में जी रहे मधुबनी चित्रकला के कलाकारों को संजो कर ला सकूं ..दुनिया से परिचय कराने के लिए
जवाब देंहटाएंजरूर कोशिश करेंगे ललित जी !
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय मुहिम
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक प्रयास। बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंकुछ एक शिल्पकारों से जान पहचान है, देखता हूँ क्या भेज सकता हूँ, वैसे भी राजस्थान कला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.
जवाब देंहटाएंमनोज
ललित भाई, आप के इन प्रयासों के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक पहल है..अनेक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंसूचना तो मुझे आपने पहले से ही दी थी , उत्साहित तो मैं तभी से था ! आज विधिवत सुभारम्भ देखकर मन-सुमन खिल उठा ! ईश्वर से शुभकामना है कि यह लालित्य निखरता रहे ! कभी कुछ देने लायक हुआ तो सादर प्रेषित करूंगा ! आभार !
जवाब देंहटाएंHi Lalit darling. Its a good effort made by you. love you darling n take care
जवाब देंहटाएंइन नकली उस्ताद जी से पूछा जाये कि ये कौन बडा साहित्य लिखे बैठे हैं जो लोगों को नंबर बांटते फ़िर रहे हैं? अगर इतने ही बडे गुणी मास्टर हैं तो सामने आकर मूल्यांकन करें।
जवाब देंहटाएंस्वयं इनके ब्लाग पर कैसा साहित्य लिखा है? यही इनके गुणी होने की पहचान है। क्या अब यही लोग छदम आवरण ओढे हुये लोग हिंदी की सेवा करेंगे?
शुभकामनाएं. इस दिशा में जो भी सहयोग संभव होगा अवश्य ही करूंगी. आपकी ये पहल गुमनाम कलाकारों के लिए एक पहचान का मंच बन जाएगी.
जवाब देंहटाएंThanks for putting great effort for writing the best articles...
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