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संजीव तिवारी-शरद कोकास-अली सा |
गत दिवस जब जगदलपुर गया था तो किसी कारणवश जल्दी लौट आया। वापस आने पर
संजीव भाई ने फ़ोन पर बताया कि
अली साहब जगदलपुर में ही रहते हैं और आपसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी। मैने कहा कि जब फ़िर जगदलपुर जाएगें तो उनके अवश्य ही दर्शन लाभ प्राप्त करेंगें। कुछ दिनों पहले किसी काम से भिलाई गया था तो समय निकाल कर संजीव भाई से मुलाकात की तब उन्होने बताया कि अली भाई साहब भिलाई आ रहे हैं, मैने कहा सुअवसर हैं उनसे मुलाकात की जाए।
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श्रीमति तिवारी-श्रीमति अली |
आज संजीव भाई ने 11 बजे फ़ोन करके बताया कि अली साहब आने वाले हैं तो मैं तुरंत तैयार होकर भिलाई 50 किलोमीटर दूरी तय करने चल पड़ा। वहां पहुंच कर संजीव भाई का इंतजार किया। उन्होने बताया कि शरद कोकास और पाबला जी भी पहुंचने वाले हैं। आप जहां है वहीं रहे, आपको लेने मैं आ रहा हूँ। थोड़ी देर बाद संजीव भाई पहुंचे तो उन्होने बताया कि सपरिवार आए हैं। तृप्ति रेस्टोरेंट में इंतजार हो रहा है। हम तृप्ति रेस्टोरेंट पहुंचे वहाँ अली भाई से हमारी प्रथम मुलाकात हुई और चिर परिचित बड़े भैया
शरद कोकास जी भी मिले।
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क्यों शरद भैया स्कूटर की एवरेज क्या है? |
जाते ही अली भाई ने गले लगाया आत्मा तृप्त हो गयी। सबसे मिले और तब संजीव भाई ने खाना लगवा दिया।चर्चा होते रही खाना चलते रहा, संजीव भाई के चिरंजीव भी ब्लागिंग के विषय में बहुत कुछ जानते हैं। सुन कर अच्छा लगा। भोजन होने के कुछ देर बाद
पाबला जी भी पहुंच गए। एक फ़ोटो सेशन फ़िर हुआ। ब्लागिंग को लेकर चर्चा होते रही और काफ़ी की चुस्कियाँ चलते रही। तभी शरद जी ने निगाह डाली, एक 10 साल का बच्चा मिठाई की ट्रे उठाकर ला रहा था। उन्होने कहा कि-"हमारे यहाँ बाल मजदूर नहीं है"। सभी की निगाहें उस तरफ़ घूमी। ज्यादातर होटलों और अन्य संस्थानों में लिखा रहता है "हमारे यहाँ बाल मजदूर नहीं है", पर बाल मजदूर वहीं पाए जाते हैं। रोटी के लिए तो मशक्कत करनी ही पड़ती है।
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फ़ोटो हेंचने वाला फ़ोटो में क्यों नहीं रहता? |
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शुगर फ़्री खाओ-खुद जान जाओ |
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जरा फ़ोटो और हो जाए |
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अब चलते चलते-क्या हुआ शरद भाई?-फ़िर मिलेंगे। |
अब समय आ गया था हमारा विदा लेने का, क्योंकि साढे पाँच बज गए थे और हमें 50 किलोमीटर जाना था, शाम घिरने लगी थी। सो हम सबसे विदा लेकर चल पड़े अपने घर की ओर, फ़िर मिलने का वादा करके।
बहुत अच्छा लगा जानकर मीट बढ़िया रही ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया लगा इस लघु सम्मलेन के बारे में जानकर
जवाब देंहटाएं... bahut badhiyaa ... mauje-hi-mauje ... balle-hi-balle ... !
जवाब देंहटाएंभिलाई की मिलाई पर बधाई ।
जवाब देंहटाएंथोड़े मोटे हो गए हो भाई ।
नाइस ब्लागर मीट....
जवाब देंहटाएंवाह वाह का बात है सर , आप लोग इत्ते सारे ..एके जगह पर रहते हैं कि जब मन करता है ...मीट बना लेते हैं ....ऊ भी मीट मसाला डाल के । बढिया दिलचस्प ...सर कौनो दंड संहिता उहिता भी बना का ?? ..मेल कर दीजीएगा ......
जवाब देंहटाएंभिलाई तो लौह नगरी है ,लोहे के चने भी चबाने पड़े होंगें .
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा मिलन समाचर और तस्वीरें..मेल मुलाकात चलती रहे.
जवाब देंहटाएंफोटो देखने वाला भी सोच रहा कि वह फोटो में क्यों नही. वैसे अगर मैं ठीक याद कर पा रहा हूं तो 'फोटो में मैं क्यों नहीं' प्रसंग फिल्म 'बढ़ती का नाम दाढ़ी' में था.
जवाब देंहटाएंमीनू क्या था मज़ेदार ही होगा
जवाब देंहटाएंमेरे जीजू ने खूब चठकारे लिये होंगे न ...?
ब्लॉगर मीट का आनंद आया । आभार ।
जवाब देंहटाएं@गिरीश बिल्लोरे
जवाब देंहटाएंजीजू का बड़ा ख्याल रखते हो भाई
जरा अड़ोस पड़ोस को भी देख लिया करो:)
बढ़िया रहा यह ब्लोगर मिलन
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रही यह मुलाकात भी ! लगे रहिये !
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी लगी ये चित्रमय रिपोर्ट...मिलना -जुलना हमेशा अच्छा ही लगता है..
जवाब देंहटाएंतस्वीरें तो क्या खूब आई हैं...खासकर श्रीमति तिवारी एवं श्रीमति अली की ( अब इतना पक्षपात तो चलता है :) ) ...पर उनको कम्पनी देने के लिए और लोग अपनी श्रीमति जी को क्यूँ नहीं लाए?
तृप्ति -हाँ हाँ हम भी तृप्त हो लिए .....
जवाब देंहटाएंप्रशंसा खुल कर करनी चाहिए -भाभियाँ सुन्दर हैं !
जवाब देंहटाएंbadhiya, daur chalta rahe milne milaane ka....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगा मिलन जी , चित्र भी एक से बढ कर एक,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंलगता है हरा रंग फेशन में है आजकल इंडिया में :) बढ़िया चित्रमयी रिपोर्ट.
जवाब देंहटाएंशाम के 6.24 हो रहे हैं. पहली फ़ोटो में ही खाली प्लेटें देख कर भूख को कुछ समझ नहीं आ रहा ...:-))
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आप लोगों की मुलाक़ात के बारे में जानकर.
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जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आप लोगों को हँसते मुस्कुराते देखकर। मेरा भी मन करता है आप लोगों से मिलने को। सभी तस्वीरें बेहद खूबसूरत हैं। सभी लोग काफी हैंडसम दिख रहे है । ये प्यार यूँ ही हमेशा बना रहे।
आभार ।
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बहुत ही सार्थक प्रयास ...यह जरूरी नहीं की आयोजन कौन कर रहा है ..कौन उपस्थित था ...? ब्लोगर देश और समाज हित में मिल रहें हैं और हिंदी ब्लोगिंग का विकाश हो रहा है ..यह देखकर मुझे बेहद ख़ुशी होती है ..ऐसे आयोजन हर शहर ,हर गली-मुहल्लों में जिस दिन होने लगेगा उस दिन देश और समाज में कुछ सार्थक बदलाव जरूर आएगा ...आप सभी को शुभकामनायें और आभार ...जरूरत है राज्य और केंद्र सरकार भी हिंदी ब्लोगरों के संगोष्ठी के आयोजन में रूचि ले ...
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा. आप लोगों से फोटो सेशन के माध्यम से हमारी भी मुलाक़ात हो गयी.
जवाब देंहटाएंअच्छा लगता है अपनों को यूं हंसते मुस्कुराते देखना।
जवाब देंहटाएंरिपोर्ट पढकर अच्छा लगा .. पर उपस्थित महिलाओं का परिचय नहीं मिला !!
जवाब देंहटाएंखासकर श्रीमति तिवारी एवं श्रीमति अली की
जवाब देंहटाएंटिप्प्णी से मालूम हो गया !!
@संगीता पुरी
जवाब देंहटाएंमुझे इनके विषय में इतनी ही जानकारी है
अगर नाम से परिचय होता तो अवश्य ही लिखता।
उम्मीद है संजीव भाई और अली सा इस कमी को पूरा कर देंगे।
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जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंयादगार लम्हों की मजेदार रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद भईया.
जवाब देंहटाएंश्रीमती तिवारी का पूरा नाम है श्रीमती सुरभि तिवारी.
अब गेंद अली भईया के पाले में, वैसे भी वे राजनांदगांव से नेट कनेक्ट होने का प्रयास कर रहे हैं किन्तु शायद नेटवर्क नहीं मिल रहा है इस कारण उनकी टिप्पणी नहीं पहुच पाई है, हवा में ही कहीं अटकी है :)
बहुत अच्छा लगा आप लोगों को साथ देखकर. साथी ब्लोगर्स से मिलने का मज़ा ही कुछ और है. कुछ दिनों पहले मैं भी एक ब्लॉगर के शहर पहुँच गया, तीन घंटे एक ही जगह कैसे निकल गए मालूम ही नहीं चला.
जवाब देंहटाएंउम्मीद करता हूँ और दुआ भी, यह आत्मियता मुलाक़ात डर मुलाक़ात बढती रहे.
सादर
मनोज
आप सब को एक जगह देख कर और एक दूसरे के प्रति भात्रि भाव देख कर एक अन्जानी ख़ुशी का अहसास हुवा।
जवाब देंहटाएंभाई गेस्ट ब्लॉगर तो जगदलपुर से पधारे प्रो. अली ही थे बाकी दुर्ग मे रहने वाले संजीव तिवारी होस्ट ब्लॉगर न 1 ( बिल इन्ही ने चुकाया था ना ) , मैं दुर्ग का होस्ट ब्लॉगर न. 2 , उसके बाद कुछ दूर भिलाई से आये पाबला जी होस्ट ब्लॉगर न. 3 और अभनपुर के ललित शर्मा होस्ट ब्लॉगर न. 4 । वैस सभी गेस्ट भी थे और सभी होस्ट भी ।नही समझ मे आया ना ? जाने दीजिये , छत्तीसगढ मे हम लोग कुछ भी कर सकते हैं ।
जवाब देंहटाएंवैसे एक बात आप लोगो ने देखी या नहीं अंतिम दोनो फोटो मे सभी मोबाइल पर कुछ न कुछ करने मे लगे है , एक अकेला मैं ईमानदारी से फोटो खीचने वाले का सम्मान कर रहा हूँ ।
और गिरीश .... ठीक है , तुम भी आ जाओ दुर्ग , बढिया खिलायेंगे ।
ललित भाई,
जवाब देंहटाएंकल से कोशिश कर रहा हूं पर राजनांदगांव में नेटवर्क का सिर दर्द है ! कल ही एक टिप्पणी की थी पता नहीं कहां चली गई ? आप लोगों से मिलना सुखद रहा !
एक दो फोटो रि-यूज करनें की अनुमति चाहूंगा ! जगदलपुर पहुंच कर मिलन से छेडछाड करता हूं :)
अली
वाह..ग्रेट मीटिंग!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ब्लागर मीट है बधाई\
जवाब देंहटाएंहमे मालूम होता तो हम भी आ जाते .आप लोगों से मिलने का मौका और मुझ नौसीखिए ब्लॉगर को कुछ सीखने का अवसर मिलता.
जवाब देंहटाएंहमे मालूम होता तो हम भी आ जाते . आप लोगों से मिलने और मुझ जैसे नौसीखिए को सीखने का मोका मिलता .
जवाब देंहटाएंबधाई भईया
जवाब देंहटाएंमुझे ही देर हो गई आने में, वरना आनंद कुछ और बढ़ जाता आप सबके सानिध्य में
जवाब देंहटाएंलेकिन यह स्कूटर-कथा क्या है?
Appreciating your hard work in all areas...Thanks
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