सोमवार, 22 अगस्त 2011

पनघट मैं जाऊं कैसे? -- जन्माष्टमी विशेष -- ललित शर्मा

सभी मित्रों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।


पनघट मैं जाऊं कैसे, छेड़े मोहे कान्हा।
पानी      नहीं    है,    जरुरी   है   लाना।।

बहुत   हुआ  मुश्किल, घरों  से  निकलना।
पानी  भरी  गगरी को,सर पे रख के चलना।
फोडे  ना   गगरी,   बचाना    ओ    बचाना॥

पनघट मैं जाऊं कैसे,छेड़े मोहे कान्हा ।
पानी      नहीं    है,    जरुरी    है   लाना॥

गगरी    तो   फोडी   कलाई   भी  ना  छोड़ी।
खूब   जोर  से  खींची  और  कसके  मरोड़ी।
छोडो  जी  कलाई,  यूँ सताना  ना   सताना॥

पनघट मैं जाऊं कैसे,छेड़े मोहे कान्हा ।
पानी      नहीं     है,   जरुरी   है   लाना॥

मुंह    नहीं    खोले,  बोले    उसके    नयना।
ऐसी   मधुर   छवि  है, खोये  मन का चयना।
कान्हा   तू   मुरली    बजाना   ओ   बजाना॥

पनघट मैं जाऊं कैसे,छेड़े मोहे कान्हा ।
पानी      नहीं    है,   जरुरी   है   लाना॥


NH-30 सड़क गंगा की सैर

22 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर गीत ।
    कान्हा की लीला तो न्यारी थी ।
    जन्माष्टमी की शुभकामनायें ।

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  2. सुन्दर रचना ..

    जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

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  3. जन्माष्टमी की बहुत सुन्दर रचना .

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  4. वाह ..
    बहुत खूब !!
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!

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  5. कृष्णा कृष्णा आए कृष्णा,
    जगमग हुआ रे घर-अंगना...

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई...

    जय हिंद...

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  6. बहुत ही सुन्दर अभिवयक्ति..... श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई...

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  7. वही तो!!
    आस-पास वालों को सुनाना कि है मुझे पानी लाना, सब जानते हैं कि ये है बहाना। जैसे ही कान्हा ने है बाहर आना इन्होंने दौड़ कर है पहुंच जाना।

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  8. बहुत सुंदर ....शुभकामनायें जन्माष्टमी के पावन पर्व की.....

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  9. ऐसी मधुर छवि है, खोये मन का चयना।
    कान्हा तू मुरली बजाना ओ बजाना॥

    bahut sundar rachna lalit ji ..
    badhayi ho

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  10. बहुत सुन्दर रचना ...

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...

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  11. आपकी रचना बहुत अच्छी है।
    मुरली वाले जी के बारे में कुछ कोमल भावनाएं हमारी भी हैं जिन्हें आप देख सकते हैं
    ब्लॉगर्स मीट वीकली (5) में
    आपके चहेते ब्लॉगर्स के लेख आपके लिए पेश किए गए हैं।
    शुक्रिया !

    आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
    जन्माष्टमी की शुभकामनाएं !

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  12. मुंह नहीं खोले, बोले उसके नयना।
    ऐसी मधुर छवि है, खोये मन का चयना।
    कान्हा तू मुरली बजाना ओ बजाना॥

    पनघट मैं जाऊं कैसे,छेड़े मोहे कान्हा ।
    पानी नहीं है, जरुरी है लाना॥"

    वाह ! क्या बात हैं .....ये रंगीन छेड़छाड़...कान्हा के बस की ही बात थी ...और उसपर राधा की मन मोह लेने वाली छबी ? क्या बात हैं ...

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  13. कान्हा की लीलाओं की भावपूर्ण प्रस्तुति ।
    आपको भी जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  14. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  15. मुंह नहीं खोले, बोले उसके नयना।
    ऐसी मधुर छवि है, खोये मन का चयना।
    कान्हा तू मुरली बजाना ओ बजाना॥

    जय श्री कृष्णा....
    जन्माष्टमी की सादर बधाईयाँ....

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  16. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  17. श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    आजकी रचना अच्छी लगी |बधाई
    आशा

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  18. बहुत सुन्दर गीत ...
    जन्माष्टमी की शुभकामनायें ।

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  19. बहुत सुन्दर गीत ।
    Read More: http://lalitdotcom.blogspot.com/2011/08/blog-post_22.html

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  20. जन्माष्टमी की शुभकामनायें

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