मंगलवार, 13 नवंबर 2012

तुम ही कहो ........ ललित शर्मा

तुम ही कहो
कैसे मनाऊँ दीवाली?
महंगी हुई है शक्कर
महंगा हुआ आटा दाल
बाजारों में आग लगी
निर्धन का कौन हवाल
तुम ही कहो .........

रंग रोगन से
लिपे पुते घर
लक्ष्मी आए आँगन में
धन हो जिसका रोज निवाला
बरसे उस ठग के आँगन में
सत्य हमेशा ठगा रहेगा?
यह है एक सवाल
तुम ही कहो ........

दिन-रात की
हाड़-तोड़ मेहनत
एक दीए की आशा में
लगी रही नजरें उसकी
कुछ धन की प्रत्याशा में
लाऊँ कहाँ से फुलझड़ी
राह देखे बाल-गोपाल
तुम ही कहो ........

फिर भी लक्ष्मी
तेरा स्वागत है
मेरे घर की दुवारी पे
मुझ पर तू रीझ जाए
खिले फूल फुलवारी में
जो भी है करूँ अर्पण
दे जाए तू कुछ माल
तुम ही कहो .........



तन मन हो आलोकित, अंतरतम हो उजियार
आप सभी हो मुबारक , दीपावली का त्यौहार ..........

सभी मित्रों को दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

15 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ा कठिन है यह एक सवाल... तुम ही कहो ...??
    मंगलमय हो दीपों का त्यौहार... दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.......

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  2. जन जागरूकता निहायत जरूरी है

    नही ला पाते यदि

    भूखमरी, मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचारी

    में जीना इंसान की मजबूरी है

    बरसों से जी रहे, इनकी छाँव में

    पहले तो दीखता यदा कदा

    पहुँच गया है अब गाँव गाँव में

    करना बेकार हे एखर आजेच जिकर

    दाई लछमी ल सादर बुलावौ

    छोड़ सारी दुनिया के फिकर

    दिया तिहार देवारी के गाड़ा गाड़ा बधाई

    आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं .....



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  3. दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
    सादर

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  4. दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    कल 14/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. सुंदर रचना ... दीपावली की शुभकामनायें

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  6. सुन्दर प्रस्तुति .
    नवीनतम पोस्ट www.kpk-vichar.blogspot.in

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  7. फिर भी लक्ष्मी
    तेरा स्वागत है
    मेरे घर की दुवारी पे
    मुझ पर तू रीझ जाए
    खिले फूल फुलवारी में
    जो भी है करूँ अर्पण
    दे जाए तू कुछ माल
    तुम ही कहो .

    aapaki BALWATI IKSHA KA SWAGAT

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  8. दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  9. रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" की ढेरों मुबारकबाद!

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  10. अति सुन्दर रचना...
    आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    :-)

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  11. फिर भी मन ही गयी दिवाली और खूब मनी .
    बाजारों की रौनक देख लगता रहा की महंगाई है कहाँ !

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