श्री अरुण कुमार शर्मा |
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सिरपुर का दो दिन और दो रात का स्वपोषित पैकेज पूर्णता की और था, अर्थात हम सिरपुर भ्रमण के अंतिम चरण की और बढ़ रहे थे। आर्किओलोजी में कुछ भी अंतिम नहीं होता। नित नई खोजें सामने आती हैं और अन्य प्रमाण मिलने पर पुरानी थ्योरी बदल जाती है। हम भी सिरपुर की पुरातात्विक धरोहरों को पूरा नहीं देख पाए, पर उत्खनित से लेकर जमीन में दबी हुयी पुरातात्विक धरोहरों के साथ मुख्य-मुख्य स्थानों को देख परख लिया। बाकी अगले चरण के लिए छोड़ दिया। जब कभी दुबारा आयेंगे तो बचे हुए स्थानों को देखेंगे। तब तक अरुण कुमार शर्मा जी की टीम और कुछ खोद कर निकाल देगी जमीन के नीचे से। वह हमारे लिए नया होगा। फिर आयेगे सिरपुर उसे देखने। इतना तो मानना पड़ेगा अरुणकुमार शर्मा और सिरपुर एक स्थान के दो नाम हो गए हैं।
सिरपुर का दो दिन और दो रात का स्वपोषित पैकेज पूर्णता की और था, अर्थात हम सिरपुर भ्रमण के अंतिम चरण की और बढ़ रहे थे। आर्किओलोजी में कुछ भी अंतिम नहीं होता। नित नई खोजें सामने आती हैं और अन्य प्रमाण मिलने पर पुरानी थ्योरी बदल जाती है। हम भी सिरपुर की पुरातात्विक धरोहरों को पूरा नहीं देख पाए, पर उत्खनित से लेकर जमीन में दबी हुयी पुरातात्विक धरोहरों के साथ मुख्य-मुख्य स्थानों को देख परख लिया। बाकी अगले चरण के लिए छोड़ दिया। जब कभी दुबारा आयेंगे तो बचे हुए स्थानों को देखेंगे। तब तक अरुण कुमार शर्मा जी की टीम और कुछ खोद कर निकाल देगी जमीन के नीचे से। वह हमारे लिए नया होगा। फिर आयेगे सिरपुर उसे देखने। इतना तो मानना पड़ेगा अरुणकुमार शर्मा और सिरपुर एक स्थान के दो नाम हो गए हैं।
पर्यटक सूचना केंद्र |
अब हम पहुच रहे थे छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के पर्यटक सूचना केंद्र पर। सिरपुर प्रवेश करने के पूर्व दायीं और पर्यटक सुचना केंद्र का सुन्दर भवन निर्मित है। यहाँ प्रवेश करने पर हमें लीना साहू मिलती हैं, ये पर्यटक सूचना सहायक के पद पर कार्यरत हैं। इन्होने टेबल पर एक अतिथी पुस्तिका रखी हुयी है, जिसमे यहाँ आने वाले पर्यटकों से फीड बैक ली जाती है। वे अपनी टिप्पणी इस पुस्तिका में दर्ज करते हैं। मुझे नहीं लगता कि इस पुस्तिका में दर्ज पर्यटकों की टिप्पणी को कोई जिम्मेदार अधिकारी पढकर इनकी शिकायतों या सलाहों पर कोई उचित कार्यवाही करता होगा। पर इतना तो तय है कि सिरपुर आए पर्यटक का नाम पुस्तिका में दर्ज होने से वह भ्रमणकर्ताओं की सूची में अपना नाम अवश्य दर्ज करा लेता है। मैंने अपनी टिप्पणी पुस्तिका में दर्ज की। इस केंद्र के प्रभारी सूचना सहायक के रूप में सचिन भोई कार्यरत हैं।
पर्यटक सूचना केंद्र |
छतीसगढ़ पर्यटन मंडल के रिसोर्ट, मोटेल एवं कॉटेज हैं, जिनका आरक्षण सूचना केन्द्रों से हो जाता है। पर्यटन मंडल का मोटेल सिरपुर में निर्माणाधीन है। मोटेल अभी बनकर तैयार हुआ नहीं है, इसके लिए कुक की भरती अभी से कर ली गयी है। धनराज लाल नाग की नियुक्ति यहाँ कुक के पद पर है, उसने हमें उम्दा चाय पिलाई, इससे जाहिर है कि खाना भी स्वादिष्ट और बेहतरीन बनाता होगा। सिरपुर में मौजूद लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस की बुकिंग यहाँ से नहीं होती। उसकी बुकिंग महासमुद के डिप्टी कलेक्टर या विभागीय अनुविभागीय अधिकारी करते हैं। स्थानीय रेस्ट हाउस के आरक्षण का अधिकार भी पर्यटक सूचना केन्द्रों को दिया जाना चाहिए।
पर्यटक सूचना केंद्र |
छतीसगढ़ पर्यटन मंडल के सूचना केंद्र भारत में दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, नागपुर, भोपाल, विशाखापत्तनम सहित छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, रायपुर, रायपुर विमानतल, डोंगरगढ़, सिरपुर, धमतरी, पुरखौती मुक्तांगन उपरवारा, चंपारण्य, दुर्ग, जगदलपुर में स्थापित हैं। जो शासकीय कार्य दिवस में खुले रहते हैं। यहाँ से छत्तीसगढ़ भ्रमण के विषय में पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। पर्यटन विभाग ने ब्रोसर भी छपवा रखे हैं। उनमे भी स्थान विशेष के विषय में प्रारंभिक जानकारी दी गयी है। छतीसगढ़ पर्यटन मंडल के मुख्य कार्यालय का फोन नंबर 91-771-4028636, 4066416, फैक्स - 91-771-4066425 एवं email - visit@gmail.com है। यहाँ से सम्पर्क करके जानकारी ली जा सकती है।
यायावर का नमस्ते-धसकुड के झरने से |
पर्यटक सूचना केंद्र से हम 1 बजे घर के लिए रवाना हो गए। लौटते हुए क्रिकेट स्टेडियम से होते हुए, नयी राजधानी पहुचे। यहाँ नवम्बर में उद्घाटन की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हैं। सरकार जो चाहे वह कर सकती है। राजधानी के मुख्य स्क्वेयर का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण द्रुत गति से चल रहा है, 6-7 फुट के वृक्ष चौक में लग चुके हैं। कुछ दिनों में चौक की रौनक बढ़ने वाली है। राजधानी के समस्त रोड इसी चौक से होकर गुजरते हैं। भले ही राजधानी को आबाद होने 10-20 बरस लग जाएँ, यह भारत के किसी भी प्रदेश की राजधानियों से खूबसूरत होगी इतना तो तय है। जब तक मेरी यह पोस्ट प्रकाशित होगी तब तक राजधानी का उद्घाटन हो चूका होगा। लगभग 4 बजे शाम को तीन दिन की यात्रा के बाद घर पहुच गए। राजीव से विदा ली, उसे आगे कोंटा तक सफर करना था और शाम 5 बजे तक पहुँचने की जल्दबाजी थी। ......... मिलते हैं ब्रेक के बाद, फिर चलेंगे किसी अन्य सफ़र पर। जारी है … आगे पढें
फिलहाल तो ललित शर्मा और सिरपुर एक स्थान के दो नाम हो गए लग रहे हैं।
जवाब देंहटाएंयह तो एक अनूठा सफर रहा, एकान्त का, ज्ञान का...
जवाब देंहटाएंभाई साहब धुप में न निकलें रंग काला पड़ जायेगा . बहुत सुन्दर जानकारी . घुमाने की इच्छा हो गई .
जवाब देंहटाएंयात्रा वृत्तान्त के प्रथम सोपान के समापन के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई .....हो जाएँ तैयार
अगले एपिसोड के लिए ....हमारी शुभकामनाएं
सदैव आपके साथ हैं ...जय जोहार
आपका भ्रमण कुछ न कुछ तो नया खोजकर ही लाता हैं सिरपुर भ्रमण और नई खोजों के लिये बधाईयां आगें की पोस्ट का इंतजार रहेगा।
जवाब देंहटाएंरायपुर के बारे में हमने भी अख़बारों में पढ़ा. अच्छा लगा जानकर की वहां विकास कार्य तेजी से प्रगति पर है.
जवाब देंहटाएंवैसे तो राहुल सिंह जी से सहमति पर आपको ना पोसाये तो एक ही स्थान के तीन नाम कर लीजिए :)
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी :)))
जवाब देंहटाएं"इतना तो मानना पड़ेगा अरुणकुमार शर्मा और सिरपुर एक स्थान के दो नाम हो गए हैं। "
जवाब देंहटाएंपूरा सफ़र जानकारियों से भरपूर रहा...सिरपुर के अगले यात्रा वृत्तान्त की प्रतीक्षा है...शुभकामनायें