मित्रों किसी बात को ज्यादा दिनों तक छुपाया जाए तो वह राज कहलाती है। मै भी उस वाकये को छुपाना चाहता था,जिसे महीनों से कई तहों में दफ़्न करके रखा था।
चाह कर भी ब्लाग जगत के सामने नहीं रख पा रहा था। लेकिन अब राज खोल देना चाहता हुँ,मुझसे बोझ संभलता नहीं है। इसे उतार ही देना चाहिए। चलिए वह राज आपके सामने खोल ही देता हुँ।
चाह कर भी ब्लाग जगत के सामने नहीं रख पा रहा था। लेकिन अब राज खोल देना चाहता हुँ,मुझसे बोझ संभलता नहीं है। इसे उतार ही देना चाहिए। चलिए वह राज आपके सामने खोल ही देता हुँ।
बात यह है कि पाबला जी एक अच्छे शुटर हैं, हमने भी बहुत शुटिंग की है लेकिन उनके सामने टिकना बहुत मुस्किल है,उनके निशाने के आगे अच्छे-अच्छे शुटर पानी भरते हैं।
उनकी एके 47 गजब का सटीक निशाना साधती है। एक बार में 10 से लेकर 20 काटरेज तक का बर्स्ट मारती है और जब मैग्जिन फ़ुल लोड हो तो क्या कहने, बस तड़ तड़ तड़..........
आगे पीछे कुछ दिखता ही नहीं है सिर्फ़ रोशनी ही रोशनी और घायल ही घायल। एक दिन हमने उन्हे पकड़ ही लिया शुटिंग करते-करते। अब आप खुद ही देखिए उनकी शुटिंग का अंदाज, कितना बेमिसाल है।
बन्दूक तो हमेशा आप के हाथ में दिखाई देता है.
जवाब देंहटाएंपाबला जी के शूटिंग का स्टाईल तो देख लिया, हमारे यहाँ यही स्टाईल होती है जब भैंस का दूध निकालते हैं.
ये आसन कौन सा है जी?
जवाब देंहटाएंये आसन कौन सा है जी?
जवाब देंहटाएं"मो सम कौन?" की टिप्पणी को ही हमारा इंडोर्समेंट माना जाए. उनसे बेहतर हम कह नहीं पायेंगे.
@मो सम कौन
जवाब देंहटाएंअभी तुमने पाबला जी की सारी क्वालिटी देखी ही कहां हैं...
वो गाना सुना है न...
तूने अभी देखा नहीं, देखा है तो जाना नहीं,
दुनिया दीवानी मेरी, आगे-पीछे घूमें यहां,
जो सोचे जो समझें वो करके दिखा दें,
हम वो हैं जो दो और दो पांच बना दे...
ं
दरअसल पाबला जी एक पंथ, कई काज के अनुयायी हैं...अगले ओलंपिक खेलों के लिए पाबला जी कई विधाओं में एक साथ उतरने की तैयारी कर रहे हैं...मसलन शूटिंग, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग...
एक बात और ये आसन नहीं है, ये दृश्य परिचायक है पाबला जी की फ्लेक्सिबल बॉ़डी का जो जिम्नाजियम के लिए बहुत ज़रूरी है...इस फील्ड में भी नाडिया कोमेनेची के बाद पाबला जी का नाम सबसे बड़ा होने वाला है...
पाबला जी, बड़े दिणा बाद तुआडे नाल पंगा लैण दा मौका देता है ललित परा ने...
जय हिंद...
हा हा!! शार्प शूटर!!
जवाब देंहटाएंकुछ और बताया जाय ,मसलन कितनी देर में लोड करते हैं ,कितने निशाने बिलकुल शिकार पर लगते हैं ,लबलबी खीचने में समय कितना लगता है ,कभी अनलोड भी होते हैं या नहीं ,आदि आदि ....कितने शिकार मारे अब तक ?
जवाब देंहटाएं@ के एस सर:
जवाब देंहटाएंसर जी, गाने तो और भी सुन रखे हैं, पर मुद्दे वाली बात आप भी गोल कर गये।
आपने भी वो पंजाबी गाना सुन ही रखा होगा, "पंगा न लै मेरे नाल. पंगा न लै" (पाबला साहब भी गा रहे होंगे, दरअसल पाबला जी एक पंथ, कई काज के अनुयायी हैं)।
हम ठहरे मज़ाजीवी,मजे लेते रहेंगे।
मज़ाजीवी नहीं जी पंगाजीवी कहते हैं ऐसन प्राणी लोगन को ...
जवाब देंहटाएंऔर ई रहा शूटासन...flexibility में अब कौनो डाउट नहीं है बाबा .....और हाँ लग रहे हैं कि पक्का 'मध्यप्रदेश' में बासी हैं.....
हाँ नहीं तो..!! :)
...पाबला जी तुसी ग्रेट हो ... हो जायेगी बल्ले बल्ले ....हो जायेगी बल्ले बल्ले !!!!
जवाब देंहटाएंतो यही है उनकी स्फूर्ति का राज
जवाब देंहटाएंस्वस्थ जीवन का बज रहा साज
चलो बढ़िया आप वापस आ गए ....नहीं तो हम ये शूटिंग नहीं देख पाते :)
जवाब देंहटाएंललित जी!
जवाब देंहटाएंउस राज का पर्दाफास करने के लिए शुक्रिया!
GAZAB KI BANDUK HE SAHEB
जवाब देंहटाएंभई हम तो कुछ नहीं कहेंगे इस बारे में!
जवाब देंहटाएंकुंवर जी,
पाबला जी की शूटिंग के क्या कहने! और उनकी शूटिंग को आपने शूट कर लिया, आपके भी क्या कहने!
जवाब देंहटाएंहां हमने भी देखा है पाब्ला जी की शूटिंग का कमाल्।
जवाब देंहटाएंअरे भाइयो किसी ने गौर किया क्या?? बन्दूक की नली तो अपनी तरफ किये बैठे हैं ??? इरादा क्या है ??
जवाब देंहटाएंकिसी ने कहा.. जी करता है सेना में भरती हो जाऊं लेकिन यही नहीं पता कि बन्दूक की नली किधर को रखनी होती है ... कोई बोला किधर भी रखो ... भला देश का ही होगा .... हा हा हा
शूटर को शूट कर दिया जी आपने
जवाब देंहटाएंप्रणाम
villege me to pani ka louta,gilas ya bottle lekar aisa aasan karte hain.narayan narayan
जवाब देंहटाएं@अरविंद मिश्रा जी
जवाब देंहटाएंपाबला जी की गन हमेशा लोड़ ही रहती है मैग्जिन चेंज करने का समय है 5 सेकंड। सारे निशाने 10 प्वाइंट (बुल)पर लगते हैं। ट्रिगर चार्ज ही रहता है..........शिकारो के सिर और खाल तो आप इनके घर की दीवारों पर टंगे हुए देख सकते हैं।
चलो बढ़िया आप वापस आ गए ....नहीं तो हम ये शूटिंग नहीं देख पाते
जवाब देंहटाएंI liked the 'Alert-asana', while loading 303.
जवाब देंहटाएंare sarkaar !
जवाब देंहटाएंpaabla jee ke hath men bandook ke saath mobile bhee dikh rahaa hai ...
yaanee '' door sanchaaree aur takneekee shot '' !!!
waise nishaane to lag hee jaate hai !
dekh rahaa hun nishaanaa sahee hai ! aabhaar !!!
sahi. hamne bhi kai baar dekha hai pabla jee ka yah kamaal
जवाब देंहटाएंयह एक और नयी विशेषता पता चली,पाबला जी के बारे में....कई सारे गुण एक साथ हैं...
जवाब देंहटाएं:-) ग्रेट्!
जवाब देंहटाएंपाबला जी अगर हम इस स्टाईल मै बेठे तो पेंट तो जरुर फ़ट जायेगी, वेसे क्या बात है जी
जवाब देंहटाएंललित जी बात पचा ही जाते तो अच्छा होता।
जवाब देंहटाएंअब जब बात सामने आ ही गयी है तो आपकी भी तारीफ करेंगे। फोटो जबरदस्त उतारी है।
ये पाबला जी का बाई डिफ़ाल्ट आसन है जो कि अक्सर उस वक्त अपने आप निकल जाता है जब उनके हाथ में उनका कैमरा होता है और सामने शिकार आ जाते हैं , शूटिंग भी सायलेंसर फ़िट करके की जाती है मजाल है जो एक भी शौट मिस कर जाए । मगर ललित जी ने इस आसन में ही एक शूटर को शूट कर लिया , इसे कहते हैं सोने पर सुहागा
जवाब देंहटाएंअरे भैया , ये इस्टाइल तो हमको भी नहीं आती थी।
जवाब देंहटाएंबढ़िया पोज़!
अपुन को जे बात पसंद आई गुरु
जवाब देंहटाएंक्या कहने साहब
जवाब देंहटाएंजबाब नहीं
प्रसंशनीय प्रस्तुति
satguru-satykikhoj.blogspot.com
आप बेकार ही में इत्ती लम्बी दम्बूक रखे रहते हो ललितजी।
जवाब देंहटाएंदेखो ना पाबला जी मिनी एके ४७ से शूटमशूट मचाए पड़े हैं, हत्ता कि एक गोल धरती भी संभाल रक्खी है आगे की ओर। हा हा।
हम तो पहले ही यहाँ से भागने के लिए बिस्तर समेट रहे हैं, तो हमें तो क्या निशाना बनाएंगे पाबला जी। अब आप लोग ही इनकी बंदूक का निशाना बनिए। हम तो चले।
जवाब देंहटाएंस्मार्ट इंडियन जी की ही टिप्पणी को मेरी टिप्पणी माना जाए... :)
जवाब देंहटाएंबाप रे.. हम तो डर गए.. काँप रहे हैं थर-थर.. :)
जवाब देंहटाएंललितजी! आप भी कम नही 'शूटर' को ही 'शूट' कर लिया.
जवाब देंहटाएंये तो शूट करके सर और घर की दीवार पर तांक देते हैं.
आपने इन्हें ब्लॉग पर चिपका दिया.
हा हा हा
बढ़िया पोज है :)
जवाब देंहटाएंहो जायेगी बल्ले बल्ले !!!!
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