छत्तीसगढ के यशस्वी ब्लॉगर साहित्यकार स्वराज्य करुण का नाम परिचय का मोहताज नहीं है,लगभग-35-40 वर्षों से उनकी सतत साहित्य साधना जारी है। एक दिन फ़ोन पर बताया कि उनका द्वितीय काव्य संग्रह "मेरे दिल की बात" प्रकाशित हो चुका है। उन्होने काव्य संग्रह के विमोचन के लिए तारीख तय करने कहा। हमने 15 दिसम्बर तारीख तय की। स्वराज्य जी ने कहा कि अशोक बजाज जी बंगले "चौपाल" पर ही एक छोटा सा कार्यक्रम किया जाए और कुछ ब्लॉगर मित्रों की उपस्थिति में काव्यसंग्रह का विमोचन किया जाए। ब्लॉगर के काव्य संग्रह का विमोचन एक ब्लॉगर के हाथ और ब्लॉगर्स के साथ हो। इससे बड़ी क्या बात हो सकती है। बस कार्यक्रम तय हो गया।
मुझे 16 दिसम्बर को गुजरात भ्रमण पर जाना था। हावड़ा से अहमदाबाद जाने वाली सभी गाड़ीयाँ रिशेडयुल चल रही हैं। रायपुर सुबह आने वाली गाड़ियां शाम को पहुंच रही हैं। इससे हावड़ा अहमदाबाद मार्ग पर चलने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मैने एक सप्ताह पहले पुरी अहमदाबाद से अपना जाने का आरक्षण करवाया, पर 15 तारीख तक आरक्षण कनफ़र्म नहीं हुआ। इसलिए आपातकालीन कोटे से आरक्षण करवाने के लिए मुझे रायपुर डी आर एम कार्यालय से सम्पर्क करना था अर्थात रायपुर जाना तय था। दोपहर में डी आर एम ऑफ़िस से आरक्षण का पत्र देकर राहुल भाई के पास पहुंच गए। यहाँ पहुंचने पर सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक ज्ञान में वृद्धि हो ही जाती है। बैठे-बिठाए कुछ ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
शाम को अरुणेश दवे जी का फ़ोन आने पर उन्हे राहुल भैया के आफ़िस में ही बुला लिया गया। थोड़ी देर बाद वरिष्ठ ब्लॉगर जी के अवधिया जी भी पहुंच गए। धीरे-धीरे ब्लॉगर साथी उपस्थित होने लगे। विमोचन का समय शाम 7 बजे का तय किया गया था। तब तक अशोक भाई भी चौपाल में पहुंच चुके थे। गिरीश पंकज, जी के अवधिया, राहुल सिंह, हबीब साहब, गुरबीर चावला, अरुणेश दवे, अल्पना देशपांडे एवं पिथौरा से उपस्थित श्रृंखला साहित्य मंच के प्रवीण प्रवाह, बंटी छत्तीसगढिया, शिवा मोहंती, शंकर गोयल की गरिमामय उपस्थिति में "मेरे दिल की बात" का विमोचन भाई अशोक बजाज के द्वारा किया गया। सभी ने करतल ध्वनि से स्वराज्य करुण जी का स्वागत करते हुए काव्य संग्रह के विमोचन पर उन्हे ढेर सारी बधाईयाँ दी। स्वल्पाहार के दौर के पश्चात गिरीश पंकज जी ने नयी कविता और छन्द बद्ध कविता पर अपने विचार प्रगट किए। उपस्थित सभी साथियों ने भी अपने विचार इस कार्यक्रम के दौरान रखे। इस दौरान राज भाटिया, अर्चना चावजी, बीएस पाबला जी ने फ़ोन पर अपनी शुभकामनाएं दी।विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न होने के पश्चात मैने चलते-चलते टिकिट का पी एन आर देखा तो टिकिट कन्फ़र्म हो चुकी थी। मतलब अब गुजरात का भ्रमण पक्का हो चुका था।
ठंड बढ चुकी है, इसका अहसास रात 9 बजे के बाद घर आने के दौरान रास्ते में हुआ। मैने रात विनोद गुप्ता जी को फ़ोन लगा कर गुजरात के मौसम के विषय में पूछा तो उन्होने बताया कि एक स्वेटर की ठंड है उधर। साथ ही एकाध कोट लाने की हिदायत भी उन्होने दे दी। अब कल सुबह 7-25 को हम अहमदाबाद पहुंचेगे, फ़िर तय किया जाएगा कि किधर घूमना है? गुजरात जाने का कार्यक्रम अगस्त माह से बन रहा था, लेकिन कुछ न कुछ अवरोध अवश्य उपस्थित हो जाता था। यात्रा टल रही थी, इस बीच कई जगह जाना पड़ा। मित्रों अब गुजरात का सफ़र जारी हो चुका है। अहमदाबाद में कोई ब्लॉगर मित्र हैं तो अवश्य जानकारी दें, उनसे मिलने का प्रयास किया जाएगा। रात उमड़त-घुमड़त विचार ने बताया कि नागपुर में भी अच्छी ठंड हो गयी है। रजाई का इस्तेमाल किया जा रहा है पर हल्की रजाई में ठंड नहीं रुक रही। शरद कोकास भाई को भी नागपुर की शादी के दौरान ठंड लग गयी। फ़ोनिक चर्चा के दौरान उन्होने ठंड लगने की जानकारी दी। अब लेते हैं शार्ट ब्रेक और मिलते हैं अहमदाबाद में।
94-96 के दौरान दो साल नागपुर रहा लेकिन तब तो इतनी भयंकर ठंड नहीं देखी मैंनं...
जवाब देंहटाएंआपकी यात्रा आरामदायक और मंगलमय हो. हम सब की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंमंगलमय यात्रा के लिए शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंढेरों बधाईयाँ और यात्रा की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएं@ ललित.काम,
जवाब देंहटाएंमैंने सोचा कि आप विमोचित काव्य संग्रह की समीक्षा करेंगे पर आप तो गुजरात निकल लिए जबकि अयोध्या से वापसी को कुछ मिनट ही बीते होंगे :)
कभी घर में भी रहा करें :)
@ विमोचित काव्य संग्रह ,
सबसे पहले करुण जी को हार्दिक शुभकामनायें कि वे लेखन / सृजन के हिसाब से अब भी उतने ही ऊर्जावान / युवा हैं जितने कि ब्लागर होने से पहले हुआ करते थे ! उनकी रचनाधर्मिता को कई बरस तक मात्र 'नौ इंच' की दूरी से देखा है ! मैं तो बरसों से उनमें असीम संभावनाएं देखता रहा हूं ,विमोचन उनमें से एक छोटी सी घटना है ! बहरहाल उन्हें पुनः शुभकामनायें !
नौ इंच = एक दीवार की मोटाई :)
विमोचन के साथ शुभ यात्रा का मार्ग प्रशस्त हुआ, शार्ट ब्रेक के साथ यात्रा शुरू, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंललित भाई सब कुछ विस्तार से बताना ताकि फ़रवरी में आपकी की गई घुमक्कडी हमारे भी काम आये।
जवाब देंहटाएंशर्मा जी , हम पढ़ते पढ़ते थक गए , आप घूमते घूमते नहीं थके । :)
जवाब देंहटाएंक्यों चिढ़ा रहे हो यार । हम छुट्टी लेकर बैठे हैं , वो वादा करके भूल गए ।
ढेरों बधाईयाँ शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंढेरों बधाईयाँ
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और आगे की यात्रा के लिए शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआदरणीय स्वराज करुण जी को बधाई।
जवाब देंहटाएंआपकी गुजरात यात्रा के लिए शुभकामनाएं।
जय जय गर्वी गुजरात.
जवाब देंहटाएंआदरणीय स्वराज जी को बधाईयाँ...
जवाब देंहटाएंशुभ यात्रा....
अरे वाह अब गुजरात का आँखों देखा हाल.
जवाब देंहटाएंआपकी यात्रा आरामदायक और मंगलमय हो. हम सब की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसमय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
मंगलमय यात्रा के लिए शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंघूमते घूमते हमें भी लाइव गुजरात दर्शन करवातें रहें
यात्रा मंगलमय हो ...
जवाब देंहटाएंस्वराज जी को बहुत -बहुत बधाई .....
जवाब देंहटाएंआपकी आगे की यात्रा कुशलपूर्वक हो ...
संभल कर रहना ...
जवाब देंहटाएंठंडी के मौसम में ज्यादा इधर-उधर जाना ठीक नहीं. लेकिन कौन रोक सका है यायावर जीव को..शुभकामनाये...
ललित भाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
हम भी आपके आशिक है ,लेकिन कभी भूल कर भी हमें याद नहीं करते
आपकी यात्रा शुभकारी मंगलमय हो,....
जवाब देंहटाएंकभी हमारे पोस्ट पर आइये,...स्वागत है
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Social work .
जवाब देंहटाएंGood job .