शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012

मोटल पंडवानी ----Motel Pandwani----- ललित शर्मा

पंडवानी मोटल का खूबसूरत दृश्य
छत्तीसगढ़ अंचल पर्यटन की दृष्टि से सम्पन्न राज्य है। यहाँ हरी-भरी पर्वत श्रृंखलाएं, लहराती बलखाती नदियाँ, गरजते जल प्रपात, पुरासम्पदाएं, प्राचीन एतिहासिक स्थल, अभ्यारण्य, गुफ़ाएं-कंदराएं, प्रागैतिहासिक काल के भित्ती चित्रों के साथ और भी बहुत कुछ है देखने को, जो पर्यटकों का मन मोह लेता है। यहाँ की धरा किसी स्वर्ग से कम नहीं है। वनों से आच्छादित धरती पर रंग बिरंगी तितलियों के साथ शेर की दहाड़ एवं हाथियों की चिंघाड़ भी सुनने मिलती है। मन करता है कि कभी इस पावन भूमि को अपने कदमों से चलकर उसका एक-एक इंच भाग के दर्शन कर लूँ, यहाँ के नजारे अपनी आँखों में संजो लूँ। न जाने फ़िर कभी किसी जन्म में देखना संभव हो भी या नहीं। मेरे जैसे घुमक्कड़ को ऐसे ही स्थान पसंद आते हैं। मैं हमेशा प्रकृति के समीप ही रहना पसंद करता हूँ क्योंकि प्रकृति ही मुझे आगे चलने के लिए उर्जा प्रदान करती है। प्रकृति के नजारों का आनंद ही मेरी यायावरी का ईंधन है।

सुसज्जित शयन कक्ष
छत्तीसगढ नया राज्य है, इसका निर्माण हुए 11 वर्ष ही हुए हैं। इतने कम समय में सरकार के पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से बहुत कार्य किए हैं। इन कार्यों में प्रमुख हैं पर्यटन स्थलों के समीप प्राकृतिक वातावरण में मोटल एवं रिसोर्ट का निर्माण। पूर्व में छत्तीसगढ अंचल में पर्यटन करने पर ठहरने और खाने के लिए ग्रामीण होटलों का सहारा लेना पड़ता था। स्थान-स्थान पर अंग्रेजों के बनाए विश्राम गृह तो है, पर वे मध्यप्रदेश के जमाने से लोकनिर्माण विभाग के अधीन हैं और पर्यटक जब रात को थका हारा विश्राम करने लिए यहाँ पहुंचता था तो पहले किसी अन्य नाम से यहाँ से कमरे बुक मिलते थे। भले ही कोई वहाँ रहने के लिए रात भर नही आए, परन्तु सरकारी आरक्षण तो आरक्षण होता है। ऐसी दशा से निपटने के लिए पर्यटकों को सुविधा देने की दृष्टि से पर्यटन स्थलों पर मोटलों एवं रिसोर्ट्स का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा किया गया। लगभग सभी पर्यटन स्थलों पर मोटल या रिसोर्ट हैं। जहाँ ठहरने के साथ भोजन की उत्तम सुविधा भी उपलब्ध है। कुछ विश्राम गृह भी लोकनिर्माण विभाग ने पर्यटन मंडल को हस्तांतरित किए हैं।

सुव्यवस्थित रसोई घर
पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पर्यटन स्थलों पर 21 मोटलो का निर्माण किया है। जहाँ भोजन के साथ ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। ऐसा ही एक मोटल रायपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर ग्राम केन्द्री (अभनपुर) के समीप निर्मित हुआ है। इस मोटल का नाम छतीसगढ की प्रसिद्ध काव्य लोक गाथा पंडवानी पर रखा गया है। पंडवानी मोटल रायपुर से 22 किलोमीटर अभनपुर से 5 किलोमीटर और नवीन राजधानी से अधिकतम 5 किलोमीटर पर स्थित है। पंडवानी मोटल को केन्द्र में रख कर अगर हम समीपस्थ पर्यटन स्थलों पर गौर करें तो राजिम लोचन मंदिर 23 किलोमीटर, प्रसिद्ध तीर्थ बल्लभाचार्य की जन्म भूमि चम्पारण 23 किलोमीटर, छत्तीसगढ की सांस्कृतिक झलक पुरखौती मुक्तांगन 3 किलोमीटर, एयरपोर्ट 7 किलोमीटर, नवीन क्रिकेट स्टेडियम 10 किलोमीटर, प्रस्तावित टायगर सफ़ारी 3 किलोमीटर एवं नैरोगेज का रेल्वे स्टेशन केन्द्री में आधे किलोमीटर पर स्थित है।

रेस्टोरेंट से बाहर का नजारा
राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप होने से यहाँ से यात्रा के साधन बस, टैक्सियाँ हमेशा उपलब्ध हैं। रात को ही अगर कहीं अचानक जाना पड़े तो आवा-गमन के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं। पंडवानी मोटल से 2 किलोमीटर पर छत्तीसगढ की महत्वाकांक्षीं सिंचाई परियोजना "महानदी उद्वहन सिंचाई परियोजना ग्राम झांकी" स्थित है। परियोजना स्थल की ऊँचाई समुद्र तल 324.25 मीटर है। इसका निर्माण 1978 में हुआ था। उस समय यह एशिया की पहली उद्वहन सिंचाई परियोजना थी। मोटल के समीप होने से इस स्थान का भ्रमण किया जा सकता है। महानदी यहाँ से 16 किलोमीटर पर प्रवाहित होती है। इसके तीर पर बसे पद्म क्षेत्र राजिम की मान्यता विश्व भर में है। राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष यहाँ पर राजिम कुंभ उत्सव मनाया जाता है। जिसमें देश-विदेश के पर्यटक आते हैं। माघ मास की पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक चलने वाले इस उत्सव का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।

विशाल हॉल
पंडवानी मोटल में पर्यटकों सुविधाओं की दृष्टि से ठहरने की उत्तम व्यवस्था है। साफ़-सुथरे एसी और नान एसी रुम हैं। रुम के अलावा एसी डोरमैट्री भी उपलब्ध है। जेब जितना खर्च करना चाहे उतने खर्चे में ही मोटल में ठहरने का लाभ उठाया जा सकता है। लगभग 5 एकड़ में बगीचा लगा हुआ है, जिसमें बच्चों के मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं। एक कृत्रिम गुफ़ा के साथ ही स्वीमिंग पूल की व्यवस्था भी है। स्नान के लिए गर्म पानी और खाने के लिए साफ़ सुथरा शाकाहारी रेस्टोरेंट भी है, अन्य होटलों की तरह किचन में मुझे गंदगी नहीं दिखाई दी। साफ़ सुथरा रसोई घर होने से उत्तम भोजन मिलने की संभावना रहती है। पंडवानी मोटल में "बार" की सुविधा नहीं है और न ही यहाँ मांसाहारी भोजन मिलता है। रुम सर्विस के लिए पर्याप्त स्टॉफ़ की व्यवस्था है। घर से दूर शांत वातावरण में रह कर आस-पास के पर्यटन स्थलों की सैर करने की दृष्टि से यह स्थान उत्तम है। पर्यटन विभाग ने मोटल का संचालन निजी हाथों में दे रखा है, इसलिए पर्यटकों को अच्छी सेवा मिलने की उम्मीद की जा सकती है।  

18 टिप्‍पणियां:

  1. चलिये, क्कभी पहुँचे वहाँ तो छतत्तीसगढ़ प्रयटन की सेवा ली जायेगी...वैसे उपाध्याय जी जो इन सब के इन्चार्ज हैं छत्तीसगढ़ में - वो मेरे खास मित्रों में से हैं.

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  2. @Udan Tashtari - यहाँ कोई उपाध्याय जी नहीं है। बाकी, मिश्रा, दुबे, चौबे सब मिल जाएगें :)

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  3. बढिया जगह है अगर जा सके कभी तो

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  4. छत्तीसगढ़ के पर्यटन के लिए सरकार से ज्यादा काम आपकी पर्यटन श्रृंखलाओं ने किया है !

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  5. सुकून से बैठें प्रकृति की गोद में, सौन्दर्य निहारें।

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  6. विकास की आंधी यहाँ भी पहुँच ही गई .
    अच्छे लक्षण हैं .

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  7. बहुत ही सुन्दर जानकारी साथ ही पर्यटन विभाग को धन्यवाद .

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  8. हाँ घुमक्कडी मेरा शौंक है .... पर मन ही मन...

    काश कभी शारीरिक रूप से भी घुमक्कडी का आनंद उठाया जाए... और ऐसे ही किसी होटल के मेहमान बने तो बढिया लगेगा..

    सार्थक पोस्ट.

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  9. जो व्यवस्था निजी हाथों में हो वहाँ सेवाएँ अच्छी मिलती हैं ... बढ़िया जानकारी

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  10. छत्तीसगढ़ के विषय मे महत्वपूर्ण जानकारी ...!!
    सार्थक पोस्ट ।

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  11. माटल पंडवानी के बारे मा सुघर जानकारी दे हौ आप मन। ऐसे लागिस के हम उहें भ्रमण करत हन। देखी कब ठहरे के मौका मिलत हे। आप ला गाड़ा गाड़ा बधाई।

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  12. सर जी , आप तो छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के एजेंट बन गए है लगता है. हमारे आस पास सब कुछ इतना अच्छा भी नहीं है.

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  13. छत्तीस गढ सरकार काम कर रही है । यही मालूम पडता है आपके इस चिठ्टे से । साफ सुथरी ठहरने खाने की व्यवस्था हो तो और क्या चाहिये । प्रकृती का आनंद लूटने का मजा दुगना हो जाता है ।

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  14. बहुत अच्छी जानकारी कभी आना हुआ तो यहां की सेवा जरूर लेंगें

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