विज्ञान तरक्की कर रहा है, नित नयी खोज हो रही हैं. पहले एक मात्र प्रकाश और उर्जा का साधन सूर्य ही था.
उसके बाद अग्नि का अविष्कार हुआ. रात के अंधियारे को दूर करने के लिए घी तेल के दिये आये. फिर उसके बाद विद्युत् के अविष्कार ने एक नयी विद्युत क्रांति को जन्म दिया. जिसका उपयोग हम आज तक कर रहें है.
अब बिजली के बल्बों और ट्यूब लाईटों का जमाना भी जा रहा है. सी.ऍफ़.एल बल्ब और ट्यूब लाईटें आ गई.
उसके बाद अग्नि का अविष्कार हुआ. रात के अंधियारे को दूर करने के लिए घी तेल के दिये आये. फिर उसके बाद विद्युत् के अविष्कार ने एक नयी विद्युत क्रांति को जन्म दिया. जिसका उपयोग हम आज तक कर रहें है.
अब बिजली के बल्बों और ट्यूब लाईटों का जमाना भी जा रहा है. सी.ऍफ़.एल बल्ब और ट्यूब लाईटें आ गई.
इसके बाद वैज्ञानिक इसके आगे कैसी लाईटें हो? और कैसी प्रकाश व्यवस्था हो? इस खोज में लगे हैं.
अब एक ऐसा वाल पेपर बनया जा रहा जिसे दीवाल पर लगाने के बाद प्रकाश देगा.
यह वाल पेपर २०१२ तक घर-घर पहुँचाने का दावा किया जा रहा है. कम कार्बन उत्सर्जित करने वाली तकनीकि से बल्ब से भी अधिक चमकीली और धुप जैसी रौशनी देने वाले वाल पेपर बाजार में आ जायेंगे. जिन्हें जहाँ चाहो चिपका लो.
ब्रिटेन के समाचार पत्र द टाईम्स के अनुसार इन वाल पेपरों पर एक खास किस्म का रसायन चढ़ा होगा.जो बल्ब से बेहतर रोशनी देगा.
इससे ऑंखें भी नहीं चौन्धियाएगी. इन रसायन लिपे पेपरों को रौशन करने के लिए बिजली का करंट ही इस्तेमाल किया जायेगा.
लेकिन इसमें वोल्टेज इतना कम होगा की दीवाल पर हाथ लगाने से कोई करंट का झटका नहीं लगेगा.
इन वाल पेपरों की रौशनी को रेग्युलेटर से कम और ज्यादा किया जा सकेगा. ये वाल पेपर साधारण बिजली बल्ब से ढाई गुना अधिक प्रभावी और बिजली की खपत कम करने वाले होंगे.
इसमें ३ से ५ वोल्ट तक का ही करंट प्रवाहित होगा. यह कार्य ब्रिटिश सरकार द्वारा समर्थित कंपनी कार्बन ट्रस्ट ने इस कंपनी को तकनीकी विकसित करने के लिए अनुदान भी दिया है.
इस नयी तकनीकि से अवश्य ही बिजली की बचत होगी. इसके शोध करता वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में टेलीविजन, कंप्यूटर, और मोबाइल फोन डिसप्ले में उपयोग की जाएगी.
यह कम्पनी इस खास तरह एक पेपर का उपयोग सबसे पहले उन स्थानों पर करेगी जहाँ बिजली नहीं है. वहां इन्हें सौर्य उर्जा और बैटरी से करंट दिया जायेगा.
तो अब तैयार हो जाएँ नए तरह के चमकीली उर्जा और प्रकाश देने वाले वाल पेपर अपनी दीवाल पर लगाने के लिए. बिजली और बल्ब का खरचा बचाने के लिए. २०१२ में ये उपहार मिलेगा.
ललित जी, इन आविष्कारों के आम प्रयोग में आने में अभी २-३ साल का वक्त लगेगा लेकिन आपके ब्लॉग आविष्कार बहुत उम्दा लगे, बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी और काम की जानकारी दी है आपने!
जवाब देंहटाएंखुशी की बात है कि बिजली बिल भी कम आयेगा!
उपयोगी जानकारी के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंवाह क्या खूब !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुखद खबर दी आपने. आभार.
जवाब देंहटाएं’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
बहुत ही सुखद समाचार है।
जवाब देंहटाएंइस तकनीक की तो बहुत ज़रुरत है।
जवाब देंहटाएंइंतजार रहेगा।