आज माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है. भगवान राजीव लोचन की नगरी राजिम में कुम्भ मेला प्रतिवर्षानुसार प्रारंभ हो रहा है. तिन नदियों के संगम पर बसा हुआ राजिम प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. यहाँ चित्रोत्पला गंगा महानदी के किनारे यह कुम्भ मेला भरता है. त्रिवेणी संगम पर भगवान कुलेश्वर महा देव का प्राचीन मंदिर है. छत्तीसगढ़ प्रदेश का यह प्रमुख आयोजन है. यह कुम्भ मेला शिवरात्रि तक चलता है. लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर स्नान करते हैं. मंदिरों में दर्शनकर प्रसाद पाते है. यह कुम्भ मेला छत्तीसगढ़ के वासियों की आस्था के साथ जुड़ा है. राजिम कुम्भ की झलक गत वर्ष के चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत है. |
साक्षात दर्शन करा दिये भैया राजीवलोचन जी का.
जवाब देंहटाएंपिछला पोस्ट भी बहुत ज्ञानवर्धक रहा. धन्यवाद.
घर बइठे राजिमलोचन के दरसन करवा हस महराज! बहुतेच बने लागिस हे।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब गुरजी, मैं भी नाह लिया !
जवाब देंहटाएंसुंदर दर्शन
जवाब देंहटाएंइसमे एक कवि सम्मेलन भी होता है जिसमे लोग हमारी कविता के रस मे नहाते हैं ।
जवाब देंहटाएं... अदभुत दर्शन,प्रभावशाली प्रस्तुति!!!!
जवाब देंहटाएंधन्य हुए जी , आभार।
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