नवल धवल सूरज से आलोकित, हो घर आँगन परिवार
नूतन वर्ष २०१० की आपको अशेष शुभकामनाएं अपार
बाधाएं दूर हो जीवन की, नित प्रेम सुरभि का हो संचार
मन में करुणा व्यापे निश दिन, बढे सुखों का कोषागार
आज नव वर्ष २०१० का प्रथम सूर्योदय हो चूका है. सूर्य की स्वर्णिम किरणे धरा को स्वर्णमयी चादर में लपेट चुकी हैं. गुलाबी ठण्ड में कोहरे की हलकी सी धुंध प्रकाश की किरणों का मार्ग रोकने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन किरणों को तो धरा पर आना है,
एक सत्य की तरह, चाहे कितनी भी धुंध की चादर उसे ढकने का असफल प्रयास कर लें, किरणों को तो मंजिल तक पहुंचना ही है.अब पथिक चल पड़ा है. दृढ निश्चय करके लक्ष्य की ओर, जहाँ उसे पहुंचना ही है. यही जीवन है.दृढ निश्चयी पथिक मंजिल पा ही लेता है.
चाहे कितने भी अवरोधक खड़े किये जाएँ उसे रोकने के लिए. इन दिनों में मैंने यही देखा है. मैं बैठा था बीते हुए वर्ष में मैंने ब्लॉग जगत पर जो लिखा उसकी चर्चा करने के लिए.
एक सत्य की तरह, चाहे कितनी भी धुंध की चादर उसे ढकने का असफल प्रयास कर लें, किरणों को तो मंजिल तक पहुंचना ही है.अब पथिक चल पड़ा है. दृढ निश्चय करके लक्ष्य की ओर, जहाँ उसे पहुंचना ही है. यही जीवन है.दृढ निश्चयी पथिक मंजिल पा ही लेता है.
चाहे कितने भी अवरोधक खड़े किये जाएँ उसे रोकने के लिए. इन दिनों में मैंने यही देखा है. मैं बैठा था बीते हुए वर्ष में मैंने ब्लॉग जगत पर जो लिखा उसकी चर्चा करने के लिए.
गत जनवरी माह में मैं ब्लाग पर आ चूका था. लेकिन सक्रिय लेखन १५ जुलाई से प्राम्भ किया. उसके बाद सिलसिला बदस्तूर जारी है.
जो कारवां एक बार चल पड़ा वो रुका नहीं है. इस यात्रा में बहुत से सहयात्री मिले. उनका बहुमूल्य सहयोग मुझे प्राप्त हुआ. मैंने शिल्पकार के मुख से ब्लाग पर कवितायेँ लिखना प्रारंभ किया.
उसके पश्चात् "एक लोहार की" , ललित डोट कॉम, ललित वाणी, अड़हा के गोठ, इससे पूर्व गुरतुर गोठ में छत्तीसगढ़ी लिखता रहा. जब मित्रों का दायरा बढा तो एक सामूहिक ब्लॉग की आवश्यकता हुई,
तब आपस में विचार करके चर्चा पान की दुकान पर ब्लाग का उदय हुया. मैंने अन्य सामूहिक ब्लॉग पर भी लिखा उल्टा तीर, नेट प्रेस, जबलपुर ब्रिगेड, साल के अंत में आते-आते चर्चा मंच पर चिटठा चर्चा भी लिखी. अंतिम में हिंदी चिटठा चर्चा परिवार में शामिल हुआ.
इसके पूर्व पंजाबी ब्लाग पंजाब दी खुशबु में भी अपना पंजाबी लिखने का शौक पूरा करने के लिए शामिल हुआ.
जो कारवां एक बार चल पड़ा वो रुका नहीं है. इस यात्रा में बहुत से सहयात्री मिले. उनका बहुमूल्य सहयोग मुझे प्राप्त हुआ. मैंने शिल्पकार के मुख से ब्लाग पर कवितायेँ लिखना प्रारंभ किया.
उसके पश्चात् "एक लोहार की" , ललित डोट कॉम, ललित वाणी, अड़हा के गोठ, इससे पूर्व गुरतुर गोठ में छत्तीसगढ़ी लिखता रहा. जब मित्रों का दायरा बढा तो एक सामूहिक ब्लॉग की आवश्यकता हुई,
तब आपस में विचार करके चर्चा पान की दुकान पर ब्लाग का उदय हुया. मैंने अन्य सामूहिक ब्लॉग पर भी लिखा उल्टा तीर, नेट प्रेस, जबलपुर ब्रिगेड, साल के अंत में आते-आते चर्चा मंच पर चिटठा चर्चा भी लिखी. अंतिम में हिंदी चिटठा चर्चा परिवार में शामिल हुआ.
इसके पूर्व पंजाबी ब्लाग पंजाब दी खुशबु में भी अपना पंजाबी लिखने का शौक पूरा करने के लिए शामिल हुआ.
इस अवधि में मैं सभी ब्लॉगों पर लगातार 356 पोस्ट लिखी, जिन्हें लग भग २,८६,289 पाठकों ने अपना प्रेम और स्नेह दिया तथा सभी को मिलाकर अभी तक 1665 टिप्पणियां प्राप्त हुई.
यह मेरे गत वर्ष के लेखन का लेखा जोखा था. जहाँ तक कोशिश हुयी की मेरी दो पोस्ट लगातार प्रकाशित होती रहे और मैं इसमें कामयाब भी हुआ. एक गृहस्थ जीवन के झंझावातों से समय निकाल कर इतना कर पाना बहुत ही मुश्किल है. लेकिन मैंने इसे निरंतर करने की पुरजोर कोशिश की.
यह मेरे गत वर्ष के लेखन का लेखा जोखा था. जहाँ तक कोशिश हुयी की मेरी दो पोस्ट लगातार प्रकाशित होती रहे और मैं इसमें कामयाब भी हुआ. एक गृहस्थ जीवन के झंझावातों से समय निकाल कर इतना कर पाना बहुत ही मुश्किल है. लेकिन मैंने इसे निरंतर करने की पुरजोर कोशिश की.
इन दिनों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. ब्लॉग की राजनीति से मैं दूर था और हमेशा ही दूर रहना चाहूँगा. क्योंकि मैंने राजनीति को बहुत ही करीब से जिया है.
जहाँ तक लोगों का पहुंचना एक सपना है. उसे मैं छोड़ कर आ चूका हूँ अपने घर, अब मुझे सिर्फ शांति से बैठ कर लेखन कार्य ही करना है.
इसलिए मैं इस ब्लाग राजनीति दूर रहता हूं और अपनी टिप्पणी भी सोच समझ कर देता हूँ कि मेरी किसी टिप्पणी से किसी को ठेस मत पहुंचे. ईश्वर ने अभी तक तो साथ दिया है.
अपनी कृपा बनाये रखी है. आगे उसकी मर्जी. "जेहि विधि रखे राम तेहि विधि रहिये".
जहाँ तक लोगों का पहुंचना एक सपना है. उसे मैं छोड़ कर आ चूका हूँ अपने घर, अब मुझे सिर्फ शांति से बैठ कर लेखन कार्य ही करना है.
इसलिए मैं इस ब्लाग राजनीति दूर रहता हूं और अपनी टिप्पणी भी सोच समझ कर देता हूँ कि मेरी किसी टिप्पणी से किसी को ठेस मत पहुंचे. ईश्वर ने अभी तक तो साथ दिया है.
अपनी कृपा बनाये रखी है. आगे उसकी मर्जी. "जेहि विधि रखे राम तेहि विधि रहिये".
इस यात्रा में मेरे सहयोगी बने उनमे प्रथम नाम संजीव तिवारी जी का ही आता हैं. उनसे मेरी मुलाकात नेट पर ही हुयी उन्होंने मुझे ब्लागिंग की बारीकियों के विषय में अवगत कराया.
फिर समीर लाल जी ब्लॉग पर पहुचे अपने उड़ान तश्तरी लेकर. तब लेकर उनसे रोज दुआ सलाम हो ही जाती है.ताऊ जी रामपुरिया जी का अपार स्नेह प्राप्त हुआ.
अनिल पुसदकर भैया, बी.एस. पावला, अविनाश वाचस्पति ,डॉ.सत्यजित साहू. "गिरीशपंकज भैया अलबेला खत्री, आचार्य रूपचंद शास्त्री, निर्मला कपिला , संगीता पूरी , कुसुम ठाकुर, श्रीमती आशा जोगलेकर, अल्पना देशपांडे, बबली, लवली कुमारी,पी.सी. गोदियाल ,
परमजीत बाली जी, संजीव तिवारी, शरद कोकास, दिनेश राय दिवेदी ,गिरिजेश राव, गिरीश पंकज, राजकुमार ग्वालानी, जी.के अवधिया, खुशदीप सहगल, राजीव तनेजा, पंकज मिश्रा, राज भाटिया. ज्ञान दत्त पांडेय, चिटठा चर्चा वाले अनूप शुक्ल जी ने भी चर्चा में स्थान दिया ,
हिन्दी चिटठा चर्चा में पंकज मिश्रा जी ने चर्चा की . अजयकुमार झा से मित्रता हुयी., एम् वर्मा, परम जीत बाली, श्यामल सुमन, महेंद्र मिश्रा शिवम् मिश्रा सदा अदृश्य रहें वाले टिप्पू चाचा, मुरारी पारीक, रतन सिंग शेखावत जी, ताऊ जी लट्ठ वाले, रवि रतलामी सूर्यकांत गुप्ता, बाल कृष्ण अय्यर, सुनील कौशल, विवेक रस्तोगी, रवि कुमार रावतभाठा, दीपक तिरुवा महफूज अली अजय कुमार जी.पंडित डी.के.शर्मा"वत्स", का अपार स्नेह मिला.
फिर समीर लाल जी ब्लॉग पर पहुचे अपने उड़ान तश्तरी लेकर. तब लेकर उनसे रोज दुआ सलाम हो ही जाती है.ताऊ जी रामपुरिया जी का अपार स्नेह प्राप्त हुआ.
अनिल पुसदकर भैया, बी.एस. पावला, अविनाश वाचस्पति ,डॉ.सत्यजित साहू. "गिरीशपंकज भैया अलबेला खत्री, आचार्य रूपचंद शास्त्री, निर्मला कपिला , संगीता पूरी , कुसुम ठाकुर, श्रीमती आशा जोगलेकर, अल्पना देशपांडे, बबली, लवली कुमारी,पी.सी. गोदियाल ,
परमजीत बाली जी, संजीव तिवारी, शरद कोकास, दिनेश राय दिवेदी ,गिरिजेश राव, गिरीश पंकज, राजकुमार ग्वालानी, जी.के अवधिया, खुशदीप सहगल, राजीव तनेजा, पंकज मिश्रा, राज भाटिया. ज्ञान दत्त पांडेय, चिटठा चर्चा वाले अनूप शुक्ल जी ने भी चर्चा में स्थान दिया ,
हिन्दी चिटठा चर्चा में पंकज मिश्रा जी ने चर्चा की . अजयकुमार झा से मित्रता हुयी., एम् वर्मा, परम जीत बाली, श्यामल सुमन, महेंद्र मिश्रा शिवम् मिश्रा सदा अदृश्य रहें वाले टिप्पू चाचा, मुरारी पारीक, रतन सिंग शेखावत जी, ताऊ जी लट्ठ वाले, रवि रतलामी सूर्यकांत गुप्ता, बाल कृष्ण अय्यर, सुनील कौशल, विवेक रस्तोगी, रवि कुमार रावतभाठा, दीपक तिरुवा महफूज अली अजय कुमार जी.पंडित डी.के.शर्मा"वत्स", का अपार स्नेह मिला.
अब चर्चा पान की दुकान पर समीर लाल जी , ताऊ रामपुरिया जी , अजय झा जी, राजीव तनेजा जी, जी.के. अवधिया जी. योगेन्द्र मौदगिल जी, अनिल पुसदकर जी , गिरीश पंकज जी ,शरद कोकास जी, महेंद्र मिश्रा जी, कुसुम ठाकुर जी, बालकृष्ण अय्यर जी , संजीव तिवारी जी, राजकुमार ग्वालानी जी . बी.एस. पावला जी, अपनी उत्कृष्ट रचनाये दे रहे है.
इस तरह छत्तीसगढ़ से हमारा सामूहिक ब्लाग चल रहा है. हमारा उद्देश्य है की हम पाठकों को अच्छी से अच्छी रचनाएँ दे.
इस तरह छत्तीसगढ़ से हमारा सामूहिक ब्लाग चल रहा है. हमारा उद्देश्य है की हम पाठकों को अच्छी से अच्छी रचनाएँ दे.
अभी कुछ दिनों में नए साथी भी मेरे से जुड़े. जिसमे डॉ. टी.एस. दराल जी,अरविन्द मिश्रा जी, दिनेश राय दिवेदी जी, डॉ. रूपचंद शास्त्री जी, कार्टूनिस्ट काजल कुमार जी, सुरेश शर्मा जी, जबलपुरिहा दुबे जी, हिमाशु जी, वाणी गीत जी, विवेक गुप्ता जी , मनोज कुमार जी, अदा जी, अल्पना वर्मा जी, सुनीता शानू जी, रेखा प्रह्लाद जी, शबनम खान जी, गिरीश बिल्लोरे जी, प्रवीण शाह, अंतर सोहिल जी, जाकिर अली रजनीश जी, स्मार्ट इंडियन जी, बवाल जी, हमारे युवा साथी कुलवंत हैप्पी जी, मिथलेश दुबे जी, का साथ मिला, अब कारवां बढ़ चला है. ब्लाग जगत का परिवार भी बढ़ रहा है.
मैं सभी पाठको एवं ब्लागर मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ और आशा करता हूँ कि जब तक मैं इस दुनिया में हूँ इसी तरह अपना स्नेह बनायें रखे. आपका आभारी रहूँगा.
यदि किसी मित्र का नाम मानवीय भूल से इस सूची में छुट गया हो तो मुझे क्षमा करना. तथा मुझे आगाह करना, यही मित्रता है, मित्र की भूल को क्षमा कर देना. आपसे पुन: आशीष की आकांक्षा के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
कुछ मित्रों के समयाभाव होने के कारण लिंक नही दे पाया क्षमा प्रार्थी हूँ.
यदि किसी मित्र का नाम मानवीय भूल से इस सूची में छुट गया हो तो मुझे क्षमा करना. तथा मुझे आगाह करना, यही मित्रता है, मित्र की भूल को क्षमा कर देना. आपसे पुन: आशीष की आकांक्षा के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
कुछ मित्रों के समयाभाव होने के कारण लिंक नही दे पाया क्षमा प्रार्थी हूँ.
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये Lalit ji!
जवाब देंहटाएंअच्छा लेखा जोखा दिया गए साल का !!
जवाब देंहटाएंआइये अब स्वागत करें नए साल का!!!
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंसुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो. (अजीत जोगी की कविता के अंश)
अच्छा लगा पढकर .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखाजोखा! हिन्दी ब्लॉगजगत में आप आगे ही आगे बढ़ते जायें!
जवाब देंहटाएंआप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
naye sal ki ekdam brand new post k liye bohot bohot badhayi ho ji....
जवाब देंहटाएंshubhkamnaye....
यह उपलब्धि काबिले तारीफ है , बधाई।
जवाब देंहटाएंनया साल एक नयी आशा लेकर आता है ।
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
सादर।
डॉ दराल
नववर्ष की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंbadhai.....aage barhate raho...aise lalit kaam karake duniya me apana, apne pariveer ka, chhttisgarh ka..aur desh ka naam bhi raushan karo..shubhkamanaye
जवाब देंहटाएंवाह जनाब...
जवाब देंहटाएंआप तो हिसाब-किताब में भी माहिर निकले...
बहुत-बहुत बधाईयां...