मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

हमने ली ब्लागिंग से छुट्टी

अभी अभी विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि हमारी ब्लागिंग के खिलाफ एक षड़यंत्र रचा गया, कल रात को एक बैठक हुयी जिसमे हमारी ब्लागिंग के प्रति लगन और समर्पण को देख कर विरोधी पक्ष ने बहुत गरियाया है. वहां सभी के सुर हमारे प्रति बहुत ही तल्ख थे और हमें ब्लागिंग ना करने की धमकी  भी दी गई.  अगर हम ब्लागिंग को अभी जारी रहेंगे तो हमारे अभिकलित्र यंत्र पर हमला भी हो सकता है. अब सूत्र हमारा बहुत ही विश्वसनीय है जिस पर हम अविश्वास ही नहीं कर सकते क्योकि पूर्व में भी उसने मुझे समय  से पहले सूचना देकर आने वाले संकट से बचा लिया था.

वैसे भी हकीकत की दुनिया  और आभासी दुनिया के बीच युद्ध तो जारी है. जगत को मिथ्या कहने वाले लोग भी इसमें सम्मिलित हैं. युद्ध आभासी से आभासी के बीच भी जारी है. नित टांकीरोहण का कार्य क्रम भी चल रहा है. हम इसे देखते रहते हैं तो इस पर बहुत समय निकल जाता है. जब से हमने आभासी दुनिया में कदम रखा तब से बाकी दुनिया छुट सी गई है. पूरा समय चक्र गड़बड़ा गया है. क्योंकि जिसे हम खाली समय कहते हैं वह पूरा इसमें लग जाता है और हमारे काम का समय भी घुस जाता है.
हमारे विरुद्ध यह षडयंत्र काफी दिनों से चल रहा है हमें इसकी भनक ही नहीं थी कि कोई एक वर्ग हमारे इस कार्य से रुष्ट है क्योंकि हमारे सामने इस तरह की बातें नहीं आती हैं. परदे के पीछे सब चलता रहता है. अब संगीने खिंच चुकी हैं, कहीं ऐसा ना हो कि रण क्षेत्र ही सज जाये. युद्ध हुआ तो उसमे सभी का नुकसान है. इसलिए हमने सुचना के आधार पर ही रक्षा का उपाय कर लिया है और अपनी ब्लागिंग को बचाए रखने के लिए कुछ दिन का विश्राम लेने कि घोषणा करने का मन बना लिया है. लेकिन कहते हैं ना चोर-चोरी से जाये पर हेरा-फेरी से ना जाये. इस लिए कुछ रास्ता भी निकालेंगे के इस विश्राम की अवधि में ब्लागिंग ज्यादा नहीं तो थोड़ी बहुत ही हो जाये. 
ब्लागिंग का नशा भी शराब, भंग या अन्य नशों से बढ़कर ही. अगर किसी को डाक्टर ने शराब पीने से मना कर रखा है और बताया है कि अगर पियोगे तो तुम्हारा लीवर ख़राब हो जायेगा और मर जाओगे. इसके बाद भी वह दुनिया और घर वालों के दिखावे के लिए बंद तो कर देता है. लेकिन मौका मिलते ही एकाध दो पैग मार ही लेता है कि जो होगा सो देखा जायेगा. वैसा ही नशा ब्लागिंग का है  
कोई लाख भी कोशिश कर ले और घोषणा कर ले लेकिन नहीं छोड़ सकता, अगर लेखन छोड़ देगा तो पढना नहीं छोड़ेगा और जब पढ़ना नहीं छोड़ेगा तो कहीं कहीं टिपियायेगा ही क्योंकि पढ़ कर मन में उमड़ते-घुमड़ते विचारों को व्यक्त करना भी जरुरी है. नहीं तो अजीर्ण हो जायेगा, बदहजमी हो जाएगी. जब टिपियायेगा तो कहीं एकाध टिप्पणी उलटी  हो गई और प्रति टिप्पणी करने  के लिए एक पोस्ट लगाएगा. बस यह देखो फिर शुरू हो गयी धुवांधार ब्लागिंग. इस तरह आना जाना चलता ही रहेगा. हम भी आने के लिए ही जा रहे हैं. विश्राम करना तो एक मज़बूरी है. बस आठ दस दिनों में वापसी है.
चलिए हम षड़यंत्र का रहस्योद्घाटन कर ही देते हैं. कल रात हमारे परिवार के सभी माननीय सदस्य लोगों ने बैठक का आयोजन किया, इस बैठक में हमारी माताजी, श्रीमती जी, भाईयों-बहुओं, बेटे बेटियों ने हिस्सा लिया तथा चर्चा की, कि अभी सामने हमारी भतीजी शादी आ रही है. और पापा अभी तक कंप्यूटर में ही लगे रहते हैं. कोई काम कहो तो फोन पर आदेश कर देते हैं. ये क्या बला  हो गयी है कि कंप्यूटर छुटता ही नहीं है. इस लिए माताजी को ये काम दिया गया कि वे हमें पहले समझाएं अगर समझ जाएँ तो ठीक है. नहीं समझे तो १० दिन इनका इंटरनेट छुपा दिया जाये जिससे ये बला कुछ दिनों के लिए शांत हो जाएगी. जब शादी निपट जाये तो फिर वापस कर देंगे. अभी हमारे तक माता जी का आदेश नहीं पहुंचा है, पुत्र ने आकर कान में सूचना दी है. इस लिए हम स्वयं ही जाकर कहे देते हैं सबको कि १० दिन ब्लागिंग से विश्राम ले लिया है. अब शादी के ही काम में लगेंगे. इस लिए प्रियवर हम १० दिन आपसे दूर रहेंगे. उसके बाद फिर ब्लागिंग होगी, आप होंगे और हम होंगे. 
कभी-कभी ब्लागिंग मे ऐसा भी होता है मित्रों:-)

31 टिप्‍पणियां:

  1. Lalit sir chhutti chahiye thee to aise hi maang lete... itnee bahanebaazi kyon????
    ha ha ha

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  2. भतीजी रानी को बहुत आशीर्वाद .. मात्र दस दिनों का समय शेष है .. आप वहां का काम देखें .. पुनर्वापसी का इंतजार रहेगा !!

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  3. बहुत जरुरी है जी..हम भारत जाते हैं तो ४-६ माह का अवकाश ले लेते हैं. कुछ बातें इससे ज्यादा जरुरी हैं..जरुर अवकाश लिजिये और इत्मिनान से आईये. अनेक शुभकामनाएँ.

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  4. ye to aapne 16 aane sach kaha ki ye bloging ka nasha bhi sharab ke nashe se kam nahi...rahi baat chutti ki to ek antaraal bhi kayra men nai chetana daldeta hai... :)
    http://kavyamanjusha.blogspot.com/

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  5. जाइए आप कहां जाएंगे,
    ये नज़र लौट के आएगी...

    अब समझ में आया आप के दिल्ली न पहुंचने का राज़...

    खैर अभी गृह मंत्रालय की ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह निभाइए...वरना वाकई आपका लैपटॉप न छुपा दिया जाए...बिटिया के नए जीवन के लिए पूरे ब्लॉगवुड की ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं...

    जय हिंद...

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  6. गुज़र लेंगे किसी तरह ये दस दिन आपके बिना...:-(
    बाकी काम भी ज़रूरी हैं

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  7. बच्ची को शादी की शुभकामना- इस शुभ कार्य के लिए ब्लागिंग छोड़ने में क्या हर्ज?

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  9. अरे भ्राता जी!
    आपने तो डरा ही दिया था!
    अप भतीजी की शादी निबटाएँ!
    आपको ब्लॉग परिवार हमेशा याद रखेगा!
    शुभकामनाएँ!

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  10. ललितभाई पहले शादी की तैयारी कीजिये, फ़िर उसके किस्से ब्लॉगिंग में छापें, इंतजार है आपका और किस्सों का..:)

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  11. हा हा हा आपने तो हमारी कान भी खडे कर दिये आज कल हमे भी यही लगता है कि छुट्टी लेनी ही चाहिये आपकी भतीजी को बहुत बहुत आशीर्वाद्

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  12. ललित जी छुट्टी के लिए आवेदन देने का यह ३६ गढ़ी तरीका भी खूब भाया :) शुक्रिया ! शादी निपटा के आओ फिर बात करते है ! शुभ कार्य की अग्रिम शुभकामनाये !

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  13. ओह! शुरुआत में आपने तो डरा ही दिया था..... मैंने अपना लाठी -बल्लम निकल लिया था.... फिर बाकी पढ़ा तो चैन आया..... पर इसी बहाने लाठी-बल्लम बाहर निकल आये.... उनको तेल पिला कर..मालिश वालिश कर के.... बरसात में धूप दिखा रहा हूँ.....

    दस दिन तक आपकी कमी खलेगी.... पर मोबाइल है ना..... :)

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  14. भतीजी की शादी को सम्पन्न करके आये. विवाह की बहुत बहुत शुभकामना.

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  15. अपनी ब्लागिंग को बचाए रखने के लिए
    कुछ दिन का विश्राम लेने की घोषणा ही तो की है

    तौबा थोड़े ही की है :-)

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  16. भतीजी की शादी सकुशल धूमधाम से संपन्न हो। कोई जरूरी थोड़े ही है कि ब्लागीरी इंटरनेट पर ही हो। लगे रहिए, वहाँ बहुत लोग मिलेंगे, मेहमान होंगे, वहीं अपनी ब्लागीरी जमाइए। नैट पर वापस लौट कर बताइए कि बिन्नैट ब्लागीरी कैसी रही?

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  17. समझ रहा हूँ कहाँ आप तीर मार रहे हैं .... यानी
    तुन्कहा डूबे लौट आएगा ! ......... चलिए दो चार ऐसे भी
    पत्र चाहिए जो बार बार कहें कि '' अपना पैर काट डालूँगा ! ''
    नशा-ए-ब्लोगिंग पर आपका लेखन मस्त लगा !
    .
    आभासी संसार में इतना लीन न हो जाइए कि वास्तविक संसार की
    शादी जैसी रस्मों में भी विघ्न महसूस होने लगे ...
    फोनालाप करके खुशी हुई कि आप वास्तविक संसार से बोल रहे थे | आभार !

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  18. भतिजी की शादी की शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  19. मैं तो चौंक ही गया था।गज़ब लिखा ललित बाबू।सबको सन्नाटे मे ला दिया।मैं भी चमक गया था साला हमारे सिवाय और कौन आ गया धमकाने-चमकाने वाला।उधर यूपी के देसी जेम्स बाण्ड महफ़ूज़ भी लाठी-बल्लम निकाल लिये थे।अच्छा हुआ पूरा पढ कर कमेण्ट करने की आदत है वरना आधा पढ कर गरियाते तो बेचारा राजकुमार फ़ोकट मे फ़ंस जाता।हा हा हा।मस्त होकर आराम,सारी आराम नही शादी के काम करो।बाद मे तो मिलना है ही।कोई सेवा मेरे लायक हो तो ज़रूर बताना।

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  20. koi baat nahi lalit bhai, kalam ke khilaf talwar uthate rahate hai. jeet kalam ki hi hoti hai.

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  21. vakai ekdam chaukaane wali shuruaat aur emotional aur parivarik ending. likhaa to bdhiya hai aapne..

    bhatiji ko shubhkamnayein

    seva ho apne layak to yad kijiyega

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  22. मैं तो शीर्षक पढ के ही सबसे लंबी वाली सीढी ले के चल दिया टंकी की ओर , सोचा पोस्ट क्या पढना, जब आप छुट्टी ले रहे हैं तो हम भी कुट्टी कर लेंगे । फ़िर टंकी के ऊपर पहुंच कर पूरी पोस्ट पढ ली , देखा तो आप लीव एप्लीकेशन दिए थे । सो टंकी में से पानी के उतर आए
    अजय कुमार झा

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  23. तैं हा तो डेरवाइच् दे रहे महराज!

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  24. hahaha h ah...ekdam durust farmaya ji ! yahi haal har blogar ke ghar ka hai....bas hadtal honi baki hai.

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  25. आप जैसे समझदार इंसान को ईशारा ही काफी होना चाहिए था। हाई कमान तक बात कैसे पहुंच गयी?
    चलिये इस शुभ अवसर पर अग्रिम बधाई। अगली मीट पर मिठाई ड्यू रही।

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  26. अब तो घर वालों की बात मान लेने में ही भलाई है।
    वैसे ब्लोगिंग से समय समय पर एक आध दिन की छुट्टी लेते रहना चाहिए।
    शुभकामनायें।

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  27. .... अच्छा डराते हो ललित भाई .... वैसे एक बात कहूं "कितनी भी व्यस्थ्ता क्यों न हो,पर बिना ब्लागिंग के चैन पडने बाला नही है!!!

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  28. समय समय पर इस तरह की घोषणाए ज़रूरी हैं गुरु देव
    फिर धीरे से सच्ची बात कहने से देखिये कित्ते लोग जुड़े मज़ा आ रिया है गुरु

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  29. अच्छे बच्चे माँ का कहना मानते हैं । शादी के काम में जी जान से लगिये .. ब्लॉगिंग तो चलती रहेगी ।

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  30. महराज आप अभी जादा मत गरियाव
    निपटावौ सुग्घर भतीजिन के बिहाव
    लउट के लडुआ पपची खवाव
    चिर सुखी रहे इंखर जिनगी
    हमरो आशीर्वाद इनला पहुचाव

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