सभी को नमस्कार, अब हम छुट्टी से लौट आये हैं. कुछ दिन दिनों बाद. इन दिनों में ब्लाग गंगा में बहुत कुछ बह गया. उसे प्राप्त करने के लिए समय चक्र पर फिर मुझे वापस लौटना पड़ेगा कुछ दिनों के लिए और जो छुट गया है उसे पढ़ना चाहता हूँ. क्योंकि पिछला पढ़ना भी बहुत जरुरी है.
तभी आगे की ओर बढा जा सकता है. कुछ पोस्ट मैंने लगा कर शेड्यूल कर दी थी. जो ब्लाग जगत में मेरी उपस्थिति दर्ज करती रही.
तभी आगे की ओर बढा जा सकता है. कुछ पोस्ट मैंने लगा कर शेड्यूल कर दी थी. जो ब्लाग जगत में मेरी उपस्थिति दर्ज करती रही.
आ तो गए ब्लाग जगत में पर आते ही एक समस्या ने घेर लिया. जिसका हल मेरे पास नहीं है. इस लिए उसे आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ. आज इस विषय पर एक पोस्ट भी मैंने देखी लेकिन उसमे समस्या मिली लेकिन उसका समाधान नहीं मिला.
मेरे ब्लागर डेशबोर्ड पर एक सन्देश दिख रहा है. जिसे आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ मैं उसका स्क्रीन शाट लगा रहा हूँ.अगर किसी भाई-बहन के पास इसका समाधान हो तो अवश्य हमारे साथ बांटने की महती कृपा करें.
भाई छुट्टी से आप वापिस आ गए हैं बड़ी ख़ुशी की बात है .... आपके वगैर सूना सूना सा लगता था ... खैर अब आपकी पोस्ट खूब पढ़ने मिलेंगी .....
जवाब देंहटाएंमैं भी तो इस बात को लेकर परेशान हूं .. कुछ पता चले तो हमें भी बताइए !!
जवाब देंहटाएंइसका हल देखते हैं. वापसी पर स्वागत है. पाबला जी क्या कहते हैं?
जवाब देंहटाएंभई इस मामले में हमसे तो मदद की कोई उम्मीद मत रखिएगा...क्यों कि हमारा भी हाल आपके जैसा ही है :)
जवाब देंहटाएंये समस्या तो जो छुट्टी पर नहीं थे उनकी भी है..:)
जवाब देंहटाएंछुट्टी कैसी रही..... आपकी? समस्या पढ़ के ...मैंने लाठी बल्लम निकाल लिया था.... फिर पोस्ट पढ़ के.... तेल पानी लगा के वापिस स्टोर में रख आया......
जवाब देंहटाएंमेरे सुझाव है कि आप टेम्प्लेट बदल कर देखें!
जवाब देंहटाएंस्वागत है ब्लोगजगत में फ़िर से
जवाब देंहटाएंछुट्टी खूब मना ली, अब कुछ काम किया जाये
छुट्टी पर जाने के पहले ललित जी को फोन पर बता दिया था इसके बारे में।
जवाब देंहटाएंशायद मैं समझा नहीं पाया :-(
अब अवधिया जी भी छुट्टी से लौटे नहीं है, सो समय निकाल कर मैं ही कुछ लिखने की कोशिश करता हूँ :-)
बी एस पाबला
वापसी के लिए बधाई ।
जवाब देंहटाएंham to thahre ghogha-basant is mamle men !
जवाब देंहटाएंललित जी, मेरा वेबपेज KAJALKUMAR.TK मूलत: गूगलपेजेज़ पर ही था (यह मैंने कई साल पहले geocities.yahoo.com से नाराज़ होकर बनाया था).
जवाब देंहटाएंएक दिन, मुझे भी यही सूचना मिली. विकल्प दो थे, या तो गूगल साइट्स पर जाने की हामी भर दो या, हामी नहीं भरोगे तो भी हम आपका वेबपेज वहां स्थानांतरित कर ही देंगे :) (जो उन्होंने मुझे ढीठ मान, बाद में कर भी दिया)
इस बीच, मुझे यह विकल्प भी दिया गया था कि मैं चाहूं तो अपनी सारी सामग्री बैकअप के लिए डाउनलोड कर लूं.
सबसे अच्छी बात, गूगलसाइट्स पर स्थानांतरण के बाद भी, मैं गूगलपेजेज़ का पता भरने के बावजूद, नई साइट पर पहुंच सकता हूं क्योंकि रिडायरेक्शनल सेवा गूगल अपने आप देता है. इस प्रकार मेरा उपरोक्त पेज दो बार रिडायरेक्ट होता है पहला, गूगलपेजेज़ से गूगलसाइट्स पर, व दूसरी बार गूगलसाइट्स से .tk पर. लेकिन इसका किसी को कुछ पता नहीं चलता, सब बाबा का खेल है :)
ललित भाई
जवाब देंहटाएंपल पल बदल रही दुनिया में आप सी एल लेकर मत जाया कीजिये
कल कोई घटना हो जाएगी तो ज़िम्मेदारी कौन लेगा ?
बताइये !समयचक्र पर हैं ही नहीं आप आप तो पूरे पंचांग में हैं गुरु जी
समयचक्र पर ही नहीं आप आप तो पूरे पंचांग में हैं गुरु जी
जवाब देंहटाएंचिंता ये है की आप किस दुनिया में चले जाते हैं पता ही नहीं चलता
नाईस Nice
जवाब देंहटाएंनाईस Nice
जवाब देंहटाएंनाईस Nice
जवाब देंहटाएंशेर सिंह जी, आप दुनिया को बना सकते हैं, मुझे नहीं...
जवाब देंहटाएंमेरे विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी दी है कि आप गुपचुप ढंग से अमेरिका की किसी शूटिंग रेंज में कुछ खास किस्म की शूटिंग की ट्रेनिंग लेकर लौटे हैं...अब देखना है कि आप ये ताज़ा सीखा हुनर कहां आजमाते हैं...
जय हिंद...
नाईस
जवाब देंहटाएंहमें तो टिप्पणी में अब नाईस ही याद आता है जी
प्रणाम
ललित जी यह कोई समस्या नहीं है |
जवाब देंहटाएंशायद फोन पर बात होने के बाद आपकी यह समस्या सुलझ गयी होगी पर फिर भी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी लेनी हो तो आशीष जी के हिंदी टिप्स ब्लॉग पर यह पोस्ट पढ़े |http://tips-hindi.blogspot.com/2009/12/update-your-templates.html
आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंआपकी कमी खल रही थी, आप लौट आये यह तसल्ली की बात है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आपका स्वागत है।
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