अधिकतर लोग इस ज़माने में फलित ज्योतिष को संदेह की नजर से देखते हैं, उनमे मै भी शरीक हूँ. मै वैदिक ज्योतिष गणित को मानता हूं जो काल की गणना करता है. इसके बिना हम दिन, वार, माह, साल, संवत्सर, अयन, इत्यादि के विषय में नहीं जान सकते. लेकिन कुछ दिनों से मैं संगीता पूरी जी के लिख पढ़ रहा हूँ. तो मुझे भी फलित ज्योतिष की भविष्यवाणियों की प्रमाणिकता के विषय में चिंतन करना पड़ रहा है.
अभी संगीता जी एक भविष्य वाणी की थी क्या आपको भी विश्वास है कि देश के अधिकांश भाग में 3 और 4 फरवरी का मौसम बिगडा रहेगा ??!
दरअसल ज्योतिष में मौसम से संबंधित भविष्यवाणियों के लिए शुभ ग्रह और अशुभ ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है। शुभ ग्रहों का संयोग मौसम को नम और ठंडा तथा अशुभ ग्रहों का संयोग वातावरण को गर्म और शुष्क बनाता है। 3 और 4 फरवरी को शुभ ग्रहों की खास स्थिति को देखते हुए ही मैने कहा था कि इस ग्रहयोग के व्यतीत हो जाने के बाद ही मौसम में सुधार आ सकता है। पर मेरा ध्यान इस बात पर थोडा भी नहीं गया कि 29 और 30 जनवरी को मंगल और चंद्र की स्थिति वातावरण को शुष्क बनाए रख सकती है। पर मेरी इस गल्ती से 3 और 4 फरवरी के शुभ ग्रहों का प्रभाव तो समाप्त नहीं हो सकता। आनेवाले 3 और 4 फरवरी को भारतवर्ष के अधिकांश भाग का , खासकर उत्तर भारत का मौसम बहुत गडबड रहेगा , इस बात पर मैं अभी भी डटी हुई हूं ।
तो मैंने फिर इसे स्वभाव के अनुसार इस हल्के में ही लिया.लेकिन इनकी भविष्य वाणी अक्षरश: सच निकली. हमारे यहाँ मौसम ३ तारिख रात से ही ख़राब है. आसमान में बादल छाये हुए हैं. तेज हवाएं चल रही है. अचानक ठण्ड बढ़ गई है. बारिश होने के हालत बने हुए हैं और आज ४फ़रवरी है. तो मुझे याद आया कि संगीता जी ने तो यह भविष्य वाणी सोमवार, १ फरवरी २०१० को कर दी थी.
हमारी प्राचीन विद्या की प्रमाणिकता के लिए इससे बड़ा उदहारण कोई हो ही नहीं सकता. भले हो लोग आज इसे मजाक में लेते हैं. लेकिन इसमें दम तो है. इससे पूर्व में भी इनकी कई भविष्यवाणियाँ सच हो चुकी हैं. इस लिए ज्योतिष विज्ञान को झूठ लाया नहीं जा सकता. संगीता जी आपको मेरा सैल्यूट है.
आप ने सही लिखा।सहमत।
जवाब देंहटाएंsahi aankalan hetu sangeeta ji ko badhai aur aapko bhi
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो अपने क्षेत्र के मौसम के हाल से अवगत कराने के लिए आपका धन्यवाद .. कल शाम तक मौसम विभाग ने कोई भविष्यवाणी तो क्या .. कहीं पर बादल होने की सूचना भी नहीं दी थी .. 3 और 4 के ग्रहीय योग की चर्चा मैं दो महीने पूर्व 9 दिसंबर 2009 के पोस्टमें ही कर चुकी थी .. जिसे बाद में कई बार दुहराया गया था .. पर आज सुबह तक उस ग्रहयोग को कोई काम न करते देख चिंतित थी .. फिर मैने इसे भूकम्प की तरह ही आक्षांस और देशांतर रेखा को सही सही न निकाल पाने की अपनी खामी से ही जोड दिया .. और अपनी हार स्वीकार कर ली .. क्यूंकि दुनिया के कई देशों में मौसम की खराबी कल अपने चरम पर पहुंच गयी थी .. पर 3 फरवरी को किसी एक जगह के मौसम से भी आज रात तक हर जगह इसके प्रभाव की आशा बंध गयी है .. और मौसम से संबंधित उस पद्धति पर विश्वास और गहरा गया है .. जिसके कारण पिछले 17 वर्षों से मौसम की गडबडी देखी जा रही है .. मुझे अपनी ओर से आपने इतना महत्व दिया .. इसके लिए एक बार फिर से बहुत बहुत धन्यवाद .. यह आपके क्षेत्र के लोगों का 'गत्यात्मक ज्योतिष' पर विश्वास ही है कि मौसम की खराबी आपके क्षेत्र से ही हुई !!
जवाब देंहटाएंलो जी, हम सुबह से सोच रहे थे कि फोन करके बधाई दें संगीता जी को, समय ही नहीं मिल पाया और अब आपकी पोस्ट दिख गई :-)
जवाब देंहटाएंमौसम तो कल रात से गड़बड़ था, सुबह से ठंडी हवाएँ चल रही थीं, अब तो सावन-भादों की झड़ी सा नज़ारा है।
बधाई, संगीता जी को
उत्तर भारत में तो मौसम चकाचक है -संगीता जी ने उत्तर भारत की बात की थी -लगता है देशांतर अक्षांश में फिर गड़बड़ी हो गयी है .
जवाब देंहटाएंसंगीता जी को बधाई!
जवाब देंहटाएंआपने सही लिखस है संगीता जी को बधाई
जवाब देंहटाएं... अपने देश में प्रतिभाशाली लोगों की कमी नही है, बधाई!!!!
जवाब देंहटाएंलखनऊ - 26 जनवरी से 4 फरवरी तक चकाचक मौसम लगातार ।
जवाब देंहटाएंशायद उत्तर भारत में ही है।
हाँ, कमांश में है - अधिकांश में नहीं।
अक्षांश में है देशांतर में नहीं।
प्रकारांतर से अंतर्दशा में प्रत्यांतर दशा में अंतर पड़ गया होगा।
.. जय हो।
कल का मौसम खराब हो तो थोड़ी राहत मिले।
.. बस फन मित्रों बस फन। रंग है। हुड़दंग है।
क्या पता..कहाँ क्या रहा मगर हमारे यहाँ तो बरफ गिरी. खैर, सो तो रोज गिर रही है.
जवाब देंहटाएंsahamat, bilkul sahi likha hai aapne.
जवाब देंहटाएंबहुँत सही जानकारी है ललित जी, अपने पुर्वजो के ज्ञान को अगर थोडा सा टटोले तो हम ज्ञान का अथाह सागर मे डुबती लगाते मिलेगे ।
जवाब देंहटाएंज्योतिष विज्ञानं है, अगर आंकड़े सही बैठ गए तो वाह वाह, नहीं तो आह आह
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंSangeeta ji ki bhvishyawaniya bahut satik hoti hain
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