रविवार, 26 सितंबर 2010

तेरे जैसा प्यार कहाँ-कितनी प्यारी है तू बहना-----------ललित शर्मा

बिल्हा स्टेशन में रेल्वे प्लेटफ़ार्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था, तभी मेरी निगाह बच्चों पर पड़ी। पास ही उनके माँ बाप किसी बात पर तू तू - मैं मैं कर रहे थे। शायद बच्चों की माँ रुमाल में बंधे कुछ रुपए कहीं गिरा आई थी। इसलिए उनमें तकरार हो रहा था। मजदूर परिवार के लिए 100-200 रुपए भी गुमना तकलीफ़ देह हो जाता है। लेकिन दोनो बच्चों का ध्यान उनकी तरफ़ नहीं था। दोनो बहन और भाई आपस में मशगुल थे। बहन अपने छोटे भाई बार-बार स्नेह से दुलार रही थी। मैं भी खड़ा हुआ देख रहा है। बचपन कितना निश्छल होता है, बहन छोटे भाई को बार-बार स्नेह से चूम रही थी। बहन बड़ी होने का फ़ायदा यह है कि लड़के को माँ और बहन दोनो का प्यार मिलता है। 
गाँव में लड़कियाँ बचपन से बच्चों को खिलाने की अभ्यस्त हो जाती हैं। माँ जब खेतों में काम पर चली जाती है तो छोटे भाई-बहनों की रेख-देख की जिम्मेदारी उस पर ही जाती है। 9-10 साल की बच्चियाँ भात-साग रांधना सीख जाती हैं। निंदाई-रोपाई के समय तो स्कूल से भी छुट्टी करके घर परिवार की देख भाल करनी पड़ती है। जिम्मेदारी निभाना बचपन से ही आ जाता है, खेलकूद की उमर में घर गृहस्थी संभालने का पाठ पढना पड़ जाता है। ऐसे ही जब भाई-बहन को देखा तो  मेरे से रहा नहीं गया, मैने चुपचाप उनकी तश्वीर अपने मोबाईल कैमरे में कैद कर ली। आप भी देखिए।

36 टिप्‍पणियां:

  1. बचपन का यह निश्चल प्रेम बड़े होने पर स्वार्थ की अग्नि में स्वाहा हो जाता है |

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  2. नि:सन्देह सुन्दर एहसास, प्रेम और भाव की तस्वीर है यह

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  3. हमारा इर्द-गिर्द ही अक्‍सर हमसे ओझल रह जाता है, आपने प्रकट किया, बधाई.

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  4. बहुत प्यारी तस्वीर और प्यारा विषय . एक लोकप्रिय पुरानी हिन्दी फिल्म का यह प्यारा सा गीत याद आ गया -
    बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे,
    ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे !
    तस्वीर के साथ भावनाओं की सुंदर प्रस्तुति के लिए ह्रदय से आभार .

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  5. ललित जी , आपकी यह तस्वीर तो पुरस्कृत होने लायक है । एक कुशल फोटोग्राफर की तरह , बहुत बढ़िया पल कैद किया है कैमरे में । बधाई ।

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  6. आहा! ऐसे क्षण बड़े बिरले ही होते हैं उसपर उन्हें केमरे में कैद कर पाना तो बड़ी उपलब्धि ही मानी जायेगी.

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  7. अच्छी तस्वीर है, प्रेम प्रदर्शन समय और स्थिति का मोहताज नहीं

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  8. सुन्दर निश्छल बचपन की साँझ हमेशा मन मे बसी रहती है। शुभकामनायें।

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  9. इस दुनिया में कोई भी प्रेम शाश्‍वत है तो वह भाई और बहन का ही है। हो सकता है हमारे बीच में मतभेद भी हो जाए लेकिन किसी भी प्रेम से अधिक इसके लिए दिल में दर्द रहता है। बहुत अच्‍छी दृष्टि।

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  10. मोबाईल कैमरे का चमत्कार और आप को नमस्कार भाई और बहन का प्यार आज भी अमर है ........ बहुत सुन्दर ईसे देख अपना बचपन याद आ रहा है ।

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  11. "छोटा करके देख लिया जीवन का विस्तार,
    आँखों भर आकाश है, बाहों भर संसार"
    हमारे मुल्क की सच्ची तस्वीर यही है भईया. इस बहुत प्यारे क्षणों सलाम. साथ ही सलाम इस बहुत ही प्यारे क्षणों को क़ैद करने वाली प्यारी सी नज़र को भी.

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  12. कभी न भूल पाने वाला पल....सुखद अनुभूति...पाँच भाई-बहनों में सबसे बडी हूँ....सबकी याद आई मुझे फोटो देखकर...

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  13. सुंदर...भावुक...बेहतर...

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  14. बहुत सुन्‍दर चित्र, शाश्‍वत प्रेम.

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  15. आपने बात भी अच्छी कही, तस्वीर तो कमाल के है ही. बहन-भाई का प्यार तो जीवन के अनमोल रत्नों में से होता है.

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  16. ऐसा प्यार भरा फोटो देख कर अच्छा लगा !

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  17. यही हे प्यार, प्रेम, बस रिश्ता बदल जाता है लेकिन ऎसा प्यार यानि सच्चा प्यार नही बदलता है, काश यह बचपन का निश्छल प्रेम इन दोनो मै बना रहे, बहुत सुंदर चित्र. धन्यवाद

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  18. वास्तव में बचपन निश्चल प्रेम से परिपूर्ण होता है। सारी दुनियां से बेखबर होता है। भगवान उन दोनों भाइ बहन का प्यार बनाये रखें जानकारी बांटने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।

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  19. बच्चों को भगवान का स्वरूप कहते है..इस उम्र में बस निश्चल प्रेम होता है..और भाई बहन का प्रेम तो अटूट है..बढ़िया संस्मरण..बधाई

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  20. आपको बहुत बहुत
    बहुत बहुत
    बहुत बहुत
    ....................धन्यवाद।

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  21. सच में ऐसा निश्छल प्यार और कहाँ.. ये रिश्ता ही कुछ ऐसा है..
    जन्मदिन पर आपकी शुभकामनाओं ने मेरा हौसला भी बढाया और यकीं भी दिलाया कि मैं कुछ अच्छा कर सकता हूँ.. ऐसे ही स्नेह बनाये रखें..

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  22. बड़ी प्यारी तस्वीर है....बहन का प्रेम , भाइयों के लिये हमेशा ही ऐसा होता है..निश्छल.

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  23. कैमरा सही समय पर क्लिक कर जाए तो इतिहास बना जाता है ..सच ही कहा है किसी ने

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  24. वाह....... ललित भाई.......क्या समय से पहुंचे आप वहाँ ... बहुत बढ़िया फोटो !

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  25. बहुत प्यारी, इस फोटो के लिये आभार

    प्रणाम

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  26. चपन कितना निश्छल होता है, बहन छोटे भाई को बार-बार स्नेह से चूम रही थी। बहन बड़ी होने का फ़ायदा यह है कि लड़के को माँ और बहन दोनो का प्यार मिलता है।
    बचपन इसी लिए तो सारा जीवन याद आता रहता है ......

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  27. All time best article. You have great knowledge for writing this blog. Kudo's to you.

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