बुधवार, 6 जनवरी 2010

पीने वालों के लिए खुशखबरी-नए साल में !!!!

नया साल आया तो अपने साथ पीने वालों के लिए खुशखबरी भी लेकर आया है. नए साल के पहले सप्ताह में ही एक अच्छी खबर आ गई. लेकिन यह अच्छी खबर इससे वास्ता रखने वालों के लिए ही है.

हमने देखा है कि दो पैग ज्यादा होने पर पीने के बाद लोग बहक जाते हैं. उसके बाद इसके नशे में कुछ का कुछ हो जाता है "जाना था रंगून पहुँच गए चीन सुकू-सुकू". फिर जूतम पैजार की नौबत आ जाती है. फिर थाना, कचहरी, जेल तक मामला पहुँच जाता है. 

अगर ना पहुंचे तो फिर सुबह का हैंग ओवर परेशान कर देता है. काम में दिल नहीं लगता क्या करूँ.? सर दुःख रहा है. एक डिस्प्रिन ले ली जाये.

अब इसका तोड़ निकाला जा रहा है. ब्रिटिश वैज्ञानिक एक ऐसा सिंथेटिक ड्रिंक विकसित कर रहे हैं जो हमारे दिमाग को वैसी ही रहत देगा जैसा की शराब देती है.

इसे पीने वाला पीकर अब बहकेगा नहीं और नहीं हैंग ओवर की शिकायत होगी. अल्कोहल का यह विकल्प लन्दन के इम्पीरियल कालेज में विकसित किया जा रहा है.

इस टीम की अगुवाई ब्रिटेन के टप ड्रग एक्सपर्ट डेविड नट कर रहे हैं. ये सिंथेटिक ड्रिंक दिमाग के उन हिस्सों में असर नहीं डालेगा जो हमारे मूड में आने वाले बदलावों को कंट्रोल करता है.

इसमें हैंग ओवर जैसी शिकायत नहीं होगी. इसे शरीर से निकालने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होगी.ऐसा कुछ ब्रिटेन के अखबार फरमा रहे हैं. अब यह ड्रिंक तो बाजार में आ जायेगा लोगों को सुकून भी मिलेगा.

झूम बराबर झूम शराबी, हमें पीने का शौक नही पीते हैं गम भुलाने को, गम तो भूल जायेंगे और खतरा भी कम हो जायेगा.


8 टिप्‍पणियां:

  1. ललित भाई,
    सबसे पहले तो माफ़ी...ये ससुराल जाने के चक्कर में सारा रूटीन बिगड़ गया...खैर फिर से कमेंट का सिलसिला शुरू कर रहा हूं...आप पीने-पिलाने वालों का ख्याल रखकर मानवता की सच्ची सेवा कर रहे हैं...रही बात ये आप जिस नुस्खे की बात कर रहे हैं ये भारतीय मसालों और खाद्य पदार्थों से तैयार किया गया है...अब ये बात और है कि इसकी कीमत सुनकर नशा चढ़ने से पहले ही काफ़ूर हो जाए...

    जय हिंद...

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  2. ललित जी! जानकारी तो ए वन दी है आपने!!

    किन्तु मयकशों को सिन्थेटिक ड्रिंक शायद ही पसंद आये।

    गुलाम अली जी फरमाते हैँ

    ये किसने कह दिया आखिर के छुप छुपा के पियो
    ये मय है मय इसे औरों को भी पिला के पियो

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  3. धन्य है प्रभु आप, जो आपने मेरे को इतनी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई ! मुझे भी अभी जल्दी नहीं है :)

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  4. बड़ी अजीब है ये दुनिया भी, न जीने देती है और न ही पीने देते है !

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  5. यही खातिर तौ हम आंखन से छलकी
    मय से ही कम चला लेइत हन ..

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  6. छोड- दे पीना छोड़ शराबी वाली कव्वाली नही सुनी ?

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