बुधवार, 21 अप्रैल 2010

जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे!!!

43 टिप्‍पणियां:

  1. आईये महाराज,
    आपकी अपनी ही दुनिया में लौटने पर स्वागत है आपका।

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  2. वापसी का यह भी नायब तरीका है, स्वागत है....

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  3. वापसी का यह भी नायाब तरीका है, स्वागत है..

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  4. वापसी का यह भी नायब तरीका है, स्वागत है....

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  5. आप तो जो भी बात करो, हमको तो वो ही पसंद आने लगती है..अब का करें, बताईये जरा!!

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  6. महाराज !
    वापसी पर हार्दिक स्वागत :)

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  7. ***************
    स्वागतम!
    خوش آمدید
    ਆਪ ਜੀ ਦਾ ਸੁਆਗਤ ਹੈ
    Welcome!
    **************

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  8. बातों बातों में, बात होने दो जी,
    ब्लॉगवुड को अपनी बातों में खोने दो जी...

    जय हिंद...

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  9. सादर वन्दे!
    तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे !
    रत्नेश त्रिपाठी

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  10. गाते गाते

    गाने सुनाते

    लौट आ


    पर लोटा

    कहां छोड़

    आए जनाब।


    अच्‍छा लगा
    अब आपको

    लौटा लाए

    जनाब।

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  11. خوش آمدید


    स्वागत करना भूल गये थे, अब कट पेस्ट करके कर दिया अनुराग भाई के यहाँ से. :)

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  12. प्रिय भाई ललित,
    भले ही लुच्चे लफंगे गायकों की भीड़ में लौंडे-लपाडे मुकेश को याद नहीं करते लेकिन तुमने मुकेश का यह गीत सुनाकर कई बातों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। मुझे लगता है कि मुकेश ने भी यह गीत किसी झोला छाप डाक्टर की सलाह से परेशान होकर गाया होगा। सचमुच वर्चस्व के लिए लोग क्या-क्या काम नहीं करते। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झोला छाप डाक्टरों का गिरोह और रामसे ब्रदर्स की फिल्मों की तरह टोपी पहनकर पर्दे के पीछे खड़े रहकर तमाशा देखने वाले लोग तुम्हें बधाई देते हैं या नहीं। बहरहाल मैं तुम्हारे साथ पहले भी था आगे भी रहूंगा। मैं तुम्हें पसन्द इसलिए करता हूं क्योंकि तुम एक जिन्दादिल इंसान हो और जिन्दादिलों से मुलाकात यदाकदा ही होती है। मुर्दों और चुके हुए लोगों से तो मुझे रोज ही मिलते हैं। अब दो एक दिनों में चिट्ठा चर्चा भी शुरू करो। आंडू-पांडू लोग चिट्ठा चर्चा कर रहे हैं तो तुम तो उन सबसे अच्छा ही लिखते हो।

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  13. दिलचस्प होगा कि झोला छाप डाक्टरों का गिरोह और रामसे ब्रदर्स की फिल्मों की तरह टोपी पहनकर पर्दे के पीछे खड़े रहकर तमाशा देखने वाले लोग तुम्हें बधाई देते हैं या नहीं...kahi soniji ke ye shabd mere liye to nahi hai?

    bhala aap jaise dildar loge kilkhe our mere jaisa tamasha dekhanewale badhai n de ye kaise ho sakata hai.

    badhai ho." sher ko vaapas to aana hi thaa,aakhir lomadi kab tak kursi sambhaalati.

    soniji aapko bhi bahut-bahut sukriya.aakhir ek dildar aadami hi dildar aadami ka kadra karata hai.

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  14. मुकेश का गीत सुन कर मुझे भी एक गीत याद आ रहा है. ब्लोगिंग-प्रेयसी चहकते हुए कह रही है '' घर आया मेरा परदेसी,प्यास बुझी इन अखियों की./ अब दिलतोड़ के मत जाना, रोती छोड़ के मत जाना/कसम तुझे इन अखियों की / घर आया मेरा परदेसी''.तो भाई, अब ध्यान रखना क्योकिं ब्लोगिंग-प्रेयसी मचलते हुए फिर कह रही है.- '' परदेसी-परदेसी जाना नहीं, मुझे छोड़ के, मुझे छोड़ के''. और अब तुमको कहना है. ''बचना ऐ हसीनों ,लो मै आ गया'' ये गीत भी गा सकते हो-''अरे दिवानों, मुझे पहचानो, मै हूँ डान''. मतलब यह कि कसम खा लो- '' न दैन्यं, न पलायनम '' . होती रहती है दो-दो बातें. यही है समाज.हमको अपना काम करनाहै, बस..मेरे भी कितने विरोधी है.सर्जक को जीने नहीं देते लोग. लेकिन मै खतरनाक ताकतों से यही कहता हूँ, तुम भी कहो,कि ''आसमान से टूटा इक तारा नहीं हूँ मैं/ जब तलक ज़िंदा हूँ हारा नहीं हूँ मै'' तो बस अब लग जाओ. 'ब्लॉग' के सुन्दर ''बाग़'' को विचारों की खुशबू से भर दो. अभी फिलहाल इतनाही.

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  15. लौटानी की बधाई ..
    गाना भी आपके धीरज को व्यक्त कर रहा हो जैसे ..

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  16. जो तुमको न हो पसंद , हम वही बात कहेंगे ,
    ब्लॉग पर लिखेंगे भी वही जो हालात कहेंगे,
    टिप्पणियाँ देकर, चिडायेंगे, सराहेंगे आपको भी
    टंकी पर भी चढ़ जायेंगे जब जज्बात कहेंगे..................

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  17. ओके, ओके. ठीक है जो भी कहेंगें अब ब्‍लाग पे कहेंगें.

    स्‍वागत है भाई, स्‍वागत है.

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  18. अजी टंकी पर इस गर्मी मै कोन ज्यादा दिन टिक सकता है....
    आप का स्वागत है, गीत बहुत सुंदर लगा... अब फ़ोजी भाई आप आ गये तो मोजां ही मोजां

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  19. आपका दोबारा स्वागत है...

    और अब एक शिकायत....

    आपको बहुत कॉल किया.... लेकिन कॉल नहीं उठी.... ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ.......व़ा.....वा....ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ .....वा .....वा.....वा....

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  20. आइयें आपका इंतज़ार था.....



    कुंवर जी,

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  21. ललित अंकल बहुत दिन बाद मेरे ब्लॉग पर तसरीफ लाये है , खैर पधारने के लिए धन्यावाद , आपसे आगे भी प्रोत्साहन की दरकार रहेगी
    आपका पोस्ट किया हुआ ,मेरे पापा का मनपसंद गाना है , क्या बात है , खुबसूरत

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  22. @माधव,
    अब बेटा बिला नागा, जरुर मिलेंगे आपसे।
    बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलकर्।

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  23. @ महफ़ूज
    ये न हो सका कि तुम पूकारो और मेरा जवाब ना आए।
    शायद मै किसी कुंए के अंदर था,जहां तक आवाज नही गई हो।

    अब शिकायत नहीं होगी।

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  24. स्वागतम...स्वागतम...स्वागतम...स्वागतम...स्वागतम...!!!

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  25. हँसते हँसते कट जाए रस्ते
    जिंदगी यूँ ही चलती रहे ....
    :)

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  26. आप जो बात कहेंगे , वो पसंद न हो , ऐसा कैसे हो सकता है।
    एक छोटे से ब्रेक के बाद स्वागत है।

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  27. आईये... दो कदम हमारे साथ भी चलिए. आपको भी अच्छा लगेगा. तो चलिए न....

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  28. Chaahenge, nibaahenge , saraahenge aap hi ko..aankhon mein nam hai jab tak...dekhenge aap hi ko...apnbi jubaan se aapke jajbaat kahenge...tum din ko agar raat kaho.....

    Welcome back, Lalit ji .

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  29. हाँ ये हुई न कोई बात
    परेड! जैसे थे। सावधान!
    विश्राम
    आराम से!
    चलन दे अपन बूता ल। बने लागिस।

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  30. aapke bina to blogjagat hi suna hai .
    aapki vapsi ka swagat hai...................

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