आपके इस चित्र को भले ही लोग हंसी-मजाक में ले रहे हैं लेकिन मैं इसे गंभीर मानता हूं। मुझे मेरे एक ब्लागर मित्र ने बताया कि उसने किसी की पोस्ट पर जाकर आपत्ति जता दी थी। इस आपत्ति का खामियाजा उसे कई दिनों तक भुगतना पड़ा। सामने वाले ने कुछ खतरनाक किस्म के जासूस कम्पयूटर पर भेज दिए थे। जो शख्स थप्पड़ मार रहा है वह एरर नहीं वरन् आलोचना को सहन नहीं करने वाला है। यह कोई भी हो सकता है। शुक्ला भी हो सकता है। पांडे भी, सक्सेना भी.. मोहन भी और कोई छर्रा भी, कंचा भी और लटकने वाला गोला भी।
...bahut khoob ... लाजवाब !!!!
जवाब देंहटाएंमिलेगी, गलती की सजा जरूर मिलेगी
जवाब देंहटाएंअब तो वायरलैस कीबोर्ड और माउस उपयोग में लाना पड़ेगा या जब ब्लॉगिंग करेंगे तो पहनना पड़ेगा हेलमेट।
जवाब देंहटाएंसहमत अविनाश जी
जवाब देंहटाएंमैं तो ऐसा ही करता हूँ
चौबीसों घंटों कंप्यूटर को उंगल करते रहेंगे तो चमाट तो पडेगी ही न .................हाय मैं भी हेलमेट पहन ही लूं.....खतरा मुझे भी है ......
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! निर्मल आनंद आ गया ।
जवाब देंहटाएंथपरा खाये के सन्डे स्पेशल आय! अरे महू ला एखर ले पीछा छुड़ाना हे भाई। बइहा हो गे हँव ए बुलाग के चक्कर मा।
जवाब देंहटाएंहा हा हा
जवाब देंहटाएंललित जी,
जवाब देंहटाएंसुबह-सुबह थप्पड वाली चीज दिखा रहे हो।
ये थप्पड़ तो उंगली दिखने की वजह से पढ़ा है
जवाब देंहटाएंये सज्जन बार बार जो कर रहे हैं उस का परिणाम तो यही होगा।
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंसभी टिपियाने वालों को ऐसे चपाट से दो-चार होना ही पड़ता है।
जवाब देंहटाएंHa-ha-ha-ha, kaash ki aisaa ho paataa !!
जवाब देंहटाएंआपके इस चित्र को भले ही लोग हंसी-मजाक में ले रहे हैं लेकिन मैं इसे गंभीर मानता हूं। मुझे मेरे एक ब्लागर मित्र ने बताया कि उसने किसी की पोस्ट पर जाकर आपत्ति जता दी थी। इस आपत्ति का खामियाजा उसे कई दिनों तक भुगतना पड़ा। सामने वाले ने कुछ खतरनाक किस्म के जासूस कम्पयूटर पर भेज दिए थे। जो शख्स थप्पड़ मार रहा है वह एरर नहीं वरन् आलोचना को सहन नहीं करने वाला है। यह कोई भी हो सकता है। शुक्ला भी हो सकता है। पांडे भी, सक्सेना भी.. मोहन भी और कोई छर्रा भी, कंचा भी और लटकने वाला गोला भी।
जवाब देंहटाएंअच्छा थप्पड़ जमाये हो वाह वाह गोला लग रहा है ..
जवाब देंहटाएंभगवान परशुराम जयंती अवसर पर हार्दिक शुभकामनाये .
wahwa...wahwa...wahwa....
जवाब देंहटाएंऔर ऊठायेगा अंगुली?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
बस यही कसर रह गयी है
जवाब देंहटाएंआपका हर अंदाज़ निराला है ,मज़ा आ गया
हा हा हा .....कोई कसर बाकी ना रहे...
जवाब देंहटाएंanubhav khara raha, bechara blogger. narayan narayan
जवाब देंहटाएंइसे पाबला जी की भाषा में कहते हैं----पंगा लेना, खाली जगह पर क्या लिखा जाना है, सिर्फ पाबला जी को ही पता है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
ललित जी आप तो ऎसे ना थे... अरे लगना ही है तो जोर से लगाओ दोवारा गलती ना करे
जवाब देंहटाएंहा हा हा...
जवाब देंहटाएंहा हा हा!
जवाब देंहटाएंअक्षय तृतीया की शुभकामनाएं!
Ha ha ha ha....
जवाब देंहटाएंBahut pit gaya, ab chhod bhi do use.....
बहुत अच्छे शर्मा जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन हास्य जो तंज़ में भी ग़ज़ब है।
जवाब देंहटाएंमालको काहणूँ बेचारे गरीब बन्दे नूं कुट्टी जा रहे हों :-)
जवाब देंहटाएं@ कुमार जलजला
जवाब देंहटाएंइस तरह सब कुछ जला देने की तमन्ना रखने वाले कुमार
तुमने हिन्दी ब्लॉगरों को भी समझा है पैसे के लिए बीमार।
एक जलजला तो आ चुका है दूसरा तुम लाओगे
- कैसी तमन्ना रखते हो।
इनाम में बांटने हैं जो नोट - छिपकर उन्हें छापने में व्यस्त लगते हो।
हा हा हा...!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब !!!!
जवाब देंहटाएं