जुम्मा जुम्मा कुछ दिन ही हुए हैं हमे डॉक्टर साहब ने ब्लागोमेनिया का मरीज करार दे दिया। :) हमारे लिए तो सभी डॉक्टर बराबर हैं, हां अगर हमारे समीप के शहर में होते तो उनसे इलाज अवश्य लेते और स्वास्थ्य लाभ करते।
हमारी तरह से ही घोषित और अघोषित मरीज बहुत सारे हैं इस दुनिया में और इस इंटरनेट बुखार से डॉक्टर भी ग्रस्त हैं, और आम आदमी भी।
अब ये अपना इलाज करें कि हमारा। इंटरनेट की लत से बड़ी समस्या पैदा हो गयी है?
हमारी तरह से ही घोषित और अघोषित मरीज बहुत सारे हैं इस दुनिया में और इस इंटरनेट बुखार से डॉक्टर भी ग्रस्त हैं, और आम आदमी भी।
अब ये अपना इलाज करें कि हमारा। इंटरनेट की लत से बड़ी समस्या पैदा हो गयी है?
इस लत का निदान करने याने इंटरनेट की बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए दक्षिण कोरिया की सरकार एक अनुठा साफ़्टवेयर उपलब्ध कराने जा रही है.
इस साफ़्टवेयर की खासियत यह है कि निर्धारित समय सीमा के बाद यह इंटरनेट का उपयोग नहीं करने देगा। यह साफ़्टवेयर लैपटॉप और डेस्कटॉप दोनों के लिए अगले वर्ष से उपलब्ध होगा।
अगर आपको लगता है कि आप 3 घंटे ही इंटरनेट का उपयोग करना चाहते हैं तो यह साफ़्टवेयर 3 घंटे के बाद इंटरनेट कनेक्शन बंद कर देगा।
दक्षिण कोरिया की सरकार कम्प्युटर गेम डिजाईन करने वालों से भी आग्रह कर रही है कि वे गेम इस तरह से बनाएं कि लोगों को इसकी लत ना लगे धीरे-धीर गेम इतने कठिन हो जाएं कि हार कर उन्हे छोड़ना पड़े।
इस साफ़्टवेयर की खासियत यह है कि निर्धारित समय सीमा के बाद यह इंटरनेट का उपयोग नहीं करने देगा। यह साफ़्टवेयर लैपटॉप और डेस्कटॉप दोनों के लिए अगले वर्ष से उपलब्ध होगा।
अगर आपको लगता है कि आप 3 घंटे ही इंटरनेट का उपयोग करना चाहते हैं तो यह साफ़्टवेयर 3 घंटे के बाद इंटरनेट कनेक्शन बंद कर देगा।
दक्षिण कोरिया की सरकार कम्प्युटर गेम डिजाईन करने वालों से भी आग्रह कर रही है कि वे गेम इस तरह से बनाएं कि लोगों को इसकी लत ना लगे धीरे-धीर गेम इतने कठिन हो जाएं कि हार कर उन्हे छोड़ना पड़े।
दक्षिण कोरिया कि सरकार को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि इंटरनेट के जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल की ऐसी खबरें सुनने मिली जिन्होने लोगों को चिंताग्रस्त कर दि्या।
एक अनु्मान के अनुसार देश में लगभग 20लाख लोग इंटरनेट गेम की लत के शि्कार हैं। पिछले दिनों एक युवा दम्पत्ति ने नवजात शिशु को लम्बे समय तक भूखा रख कर मार डाला क्योंकि वे एक इंटरनेट गेम खेलने में व्यस्त थे। जिसमें वे एक काल्पनिक बच्चे की देखभाल कर रहे थे।
एक अनु्मान के अनुसार देश में लगभग 20लाख लोग इंटरनेट गेम की लत के शि्कार हैं। पिछले दिनों एक युवा दम्पत्ति ने नवजात शिशु को लम्बे समय तक भूखा रख कर मार डाला क्योंकि वे एक इंटरनेट गेम खेलने में व्यस्त थे। जिसमें वे एक काल्पनिक बच्चे की देखभाल कर रहे थे।
एक नौजवान ने अपनी माँ को इसलिए मार डाला क्योंकि उसकी हर समय इंटरनेट पर लगे रहने की आदत से परेशान था।
दक्षिण कोरि्या की सरकार ने लोगों की इंटरनेट की लत से छुटकारा दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया है जिसमें विशेषज्ञ के साथ काउंसलिंग सेवा भी शामिल है।
दक्षिण कोरि्या की सरकार ने लोगों की इंटरनेट की लत से छुटकारा दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया है जिसमें विशेषज्ञ के साथ काउंसलिंग सेवा भी शामिल है।
sach me badi hi khatarnaak aadat hai ye..
जवाब देंहटाएंसच में यह बीमारी बहुतों को जकड रही है
जवाब देंहटाएंब्लागोमेनिया का शिकार तो शायद मैं भी हूँ। आपकी सूचना के बाद लगता है छुटकारे का उपाय ढ़ूँढ़ना ही होगा ललित भाई।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
ब्लॉग पर २५ से ज्यादा पोस्ट पढ़ना, २५ से ज्यादा कमेंट करना, हफ्ते में ३ से ज्यादा पोस्ट करना....बस्स!! और बैन लग जाये..ऐसा सॉफ्टवेयर बन जाना चाहिये तुरंत. वरना अपने बच्चे भी किसी दिन निपटा ही न दें. :)
जवाब देंहटाएं... मेरा मानना है कि जिसके पास समय है वह ही ज्यादा समय ब्लागिंग का लुत्फ़ उठा रहा है ... कुछ लोग दिन दिन भर टी.वी. देखते रहते हैं ... कुछ लोग दिन भर ताश खेलते रहते हैं ... कुछ लोग घंटों बैठकर दारू पीते रहते हैं ... कुछ लोग महिनों अपनी प्रयोगशाला से बाहर नहीं निकलते ... लोग बे-वजह ही ब्लागिंग व ब्लागरों के पीछे पड गये हैं ...!!!
जवाब देंहटाएं... चलने दो धकापेल चलने दो ...!!!!
जवाब देंहटाएं... कहीं कोई बुराई/बीमारी नहीं है !!!!
जवाब देंहटाएंये इन्टरनेट बुरी बाला और अच्छी बला दोनों है
जवाब देंहटाएं@गुरुदेव समीर लाल समीर जी,
जवाब देंहटाएंबच्चे निपटा देंगे तो ऊपर जाकर कौन से इंटरनेट प्रोवाइडर का कनेक्शन लेना सही रहेगा...ज़रा मार्गदर्शन कीजिए...
जय हिंद...
जिसके पास जितना समय.. वो उतना ही बैठ पाता है।
जवाब देंहटाएं24 ऑवर कम्प्यूटर यूजर्स में ललित जी का नाम आता है।
इन्तार्नैत और ब्लॉग्गिंग में नशा तो ज़रूर है ...पर इस हद तक खतरनाक हो सकता है?...ऐसा सोचा ना था
जवाब देंहटाएंजानकारीपरक आलेख के लिए शुक्रिया
हमें अभी तक तो लत पडी नहीं है। लेकिन लगता है कि देर सवेर पड ही जायेगी।
जवाब देंहटाएंलत तो बुरी ही बतायी गयी है जी!वैसे वहा की सरकार जागरूक है अपने देशवासियों के प्रति!अपनी तो....
जवाब देंहटाएंकुंवर जी,
yeh baat to sahi hai... ki iski lat bahut buri hoti hai...
जवाब देंहटाएंलत लगना तो अपनी स्वयं की कमजोरी है, इसमें इंटरनेट का क्या दोष? यदि आदमी स्वयं पर नियन्त्रण रखे तो किसी प्रकार की लत ही क्यों लगे?
जवाब देंहटाएंभई हम एक तो ऊपरवाले और दूसरा बिजली विभाग इन दोनों के घणे शुक्रगुजार हैं...जिनकी कृ्पा से हमारा नाम इन नैट व्यसनीयों में आने से बच गया....
जवाब देंहटाएंलगता है आप झोलाछाप डाक्टरों से पिंड नहीं छुडा पा रहे हो ललित भाई। आपको डाक्टरों की सलाह से बचना चाहिए।
जवाब देंहटाएंबहुत बुरी लत है भाई ।
जवाब देंहटाएंलेकिन लत तो सभी बुरी ही होती हैं ।
चाहे कितनी ही महंगी और बढ़िया क्यों न हो, सिर्फ दो पैग, बस !
जवाब देंहटाएंकिसी भी बात की अति बुरी होती है ...
जवाब देंहटाएंआपने बढ़िया और सही जानकारी दी है
लत तो हर चीज की बुरी होती है।
जवाब देंहटाएं--------
पड़ोसी की गई क्या?
गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
main to sach me dar gayi hu is post ko padh kar aur apne aap me analyse kar rahi hu ki mujhe kitni lat pad gayi hai.
जवाब देंहटाएंacchhi jagruk karne wali post. shukriya.
कोरिया तो क्षेत्रफल की दृष्टि से हमारे प्रदेश जितना ही है डाक्टर रमन को बतलाना पडेगा, वे सरकारी खर्च से यहां भी इस साफ्टवेयर को मुफ्त में बटवाये.
जवाब देंहटाएंवैसे उदय भाई की बातों से हम सहमत हैं, चलने दो धकापेल-मुडपेल-रेलमपेल.
baap re dara rahe hain aap to.
जवाब देंहटाएंबेहद जागरूक करने वाली बात लिखी है.....अब तो सच ही सोचना होगा ...:):) लत तो लत ही है...
जवाब देंहटाएंखाना ..जरूरी नहीं .....बस नेट चाहिए ????..हमारे दिल की बात ....अच्छे तरीके से .. आपकी कलम के माध्यम से निकली .....अच्छा लेख ...सच के बहुत करीब ,,,,,http://athaah.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंहाँ लत तो है ....मैं इसे "कंट्रोल" करने की भरपूर कोशिस कर रहा हूँ , तभी तो आज कल कम दिख रहा हूँ | एक्जाम जो आ रहे है ...सिर्फ "विकीपीडिया" जैसी साईटों तक अपने को सीमित कर रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंलेख "रोचक" लगा |
अच्छी जानकारी!वास्तव मे लत किसी बात की नही पड़नी चाहिये। और अति का अंत तो मालूम है ही।
जवाब देंहटाएंलेख "रोचक" लगा |
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