अपने लक्ष्य को पाने की लिए व्यक्ति पूरी जिन्दगी लगा देता है, जुनून की हद से भी आगे निकल जाता है, लोग कहने लगते हैं कि कहीं पागल तो नही हो गया है, किस फ़ालतु काम में लगा है?
यह सब सुनकर कभी कभी विश्वास भी डगमगाने लगता है, लेकिन फ़िर भी व्यक्ति किसी कथन से निराश नहीं होकर अनवरत अपने काम में लगा रहता है, तब कहीं जाकर कुछ सफ़लता मिलती है और वह क्षण उसके जीवन में मील का पत्थर साबित होता है।
जब वह मंजिल तक पहुंचता है तो उसे विश्वास ही नहीं हो पाता कि जिसका मैने सपना देखा था और वह प्राप्त हो गया। कभी अपने आपको च्युंटी काट कर देखता है कि कहीं ख्वाब तो नहीं। लेकिन ख्वाब ही हकीकत में बदला करते हैं।
यह सब सुनकर कभी कभी विश्वास भी डगमगाने लगता है, लेकिन फ़िर भी व्यक्ति किसी कथन से निराश नहीं होकर अनवरत अपने काम में लगा रहता है, तब कहीं जाकर कुछ सफ़लता मिलती है और वह क्षण उसके जीवन में मील का पत्थर साबित होता है।
जब वह मंजिल तक पहुंचता है तो उसे विश्वास ही नहीं हो पाता कि जिसका मैने सपना देखा था और वह प्राप्त हो गया। कभी अपने आपको च्युंटी काट कर देखता है कि कहीं ख्वाब तो नहीं। लेकिन ख्वाब ही हकीकत में बदला करते हैं।
जी हाँ! खवाब ही हकीकत में बदला करते हैं, ऐसा ही कुछ ख्वाब आज से 20 वर्ष पूर्व देखा था अल्पना देशपान्डे जी ने, उन्होने हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड का निर्माण प्रारंभ किया, फ़िर धीरे-धीर उन्हे सहेज कर रखना प्रारंभ किया।
एक अंतराल के बाद उनके पास हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड का जखीरा खड़ा हो गया। फ़िर उनके सहयोगी मित्रों ने भी उन्हे ग्रीटिंग कार्ड बना कर दिए।
मेरी जब मुलाकात हुई तब तक उनके पास 10008 ग्रीटिंग कार्ड का संग्रह हो चुका था। उनकी इच्छा थी कि लिम्बा बुक ऑफ़ रिकार्डस में उनका नाम दर्ज हो और वह हो गया।
एक अंतराल के बाद उनके पास हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड का जखीरा खड़ा हो गया। फ़िर उनके सहयोगी मित्रों ने भी उन्हे ग्रीटिंग कार्ड बना कर दिए।
मेरी जब मुलाकात हुई तब तक उनके पास 10008 ग्रीटिंग कार्ड का संग्रह हो चुका था। उनकी इच्छा थी कि लिम्बा बुक ऑफ़ रिकार्डस में उनका नाम दर्ज हो और वह हो गया।
कल मुझे फ़ोन द्वारा उन्होने यह शुभ सूचना दी, सुनकर बड़ी खुशी हुई कि उन्होने जिस जुनून के साथ यह कार्य प्रारंभ किया था उसका फ़ल आज उनको प्राप्त हो रहा है।
हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड के संग्रह का संरक्षण करना कोई आसान कार्य नही हैं, लिम्काबुक में उनके नाम 10,008 कार्ड दर्ज हुए हैं, आज उनके संग्रह में 12,345 कार्ड 31मार्च तक थे।
अब संग्रह में और भी बढोतरी हो गयी होगी। हम इनके जज्बे और जुनून को सैल्युट करते हैं।
मै जब उनसे मिलने गया तो वे संस्कृति विभाग के निवेदन पर आकार में बच्चों को ग्रीटिंग कार्ड बनाना सीखा रही थीं, बस उसी समय मेरा वहां पहुंचना हुआ, समय बहुत कम था मुश्किल से 5 मिनट, क्योंकि मै ताऊ शेखावाटी से 6 बजे मिलना तय कर आया था। लेकिन फ़िर भी मैने जल्दी जल्दी में कुछ चित्र लिए और उनसे नमस्ते कर निकल गया।
हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड के संग्रह का संरक्षण करना कोई आसान कार्य नही हैं, लिम्काबुक में उनके नाम 10,008 कार्ड दर्ज हुए हैं, आज उनके संग्रह में 12,345 कार्ड 31मार्च तक थे।
अब संग्रह में और भी बढोतरी हो गयी होगी। हम इनके जज्बे और जुनून को सैल्युट करते हैं।
मै जब उनसे मिलने गया तो वे संस्कृति विभाग के निवेदन पर आकार में बच्चों को ग्रीटिंग कार्ड बनाना सीखा रही थीं, बस उसी समय मेरा वहां पहुंचना हुआ, समय बहुत कम था मुश्किल से 5 मिनट, क्योंकि मै ताऊ शेखावाटी से 6 बजे मिलना तय कर आया था। लेकिन फ़िर भी मैने जल्दी जल्दी में कुछ चित्र लिए और उनसे नमस्ते कर निकल गया।
अल्पना जी अपने आप को बहुत ही व्यस्त रखती हैं, सुबह से रात तक एक बस चलती ही रहती हैं, एक क्षण का समय भी व्यर्थ नही जाने देती।
सुबह शाम बच्चों को ग्रीटिंग कार्ड बनाने का प्रशिक्षण देती हैं इसके बाद गृह विज्ञान के एक विषय पर शोध कार्य कर रहीं है, कालेज में पढाती हैं और बहुत कार्य हैं इनके।
इस उपलब्धि के पीछे इनके परिवार का भी बहुत बड़ा हाथ है, इनके पति श्री अरविंद देशपाण्डे जी एक जिंदादिल इंसान हैं और हमेशा इन्हे प्रोत्साहित करते रहते हैं,
इनके बेटे अमितेश और बेटी अदिति भी छाया की तरह साथा लगे रहते हैं।
एक उपलब्धि भी बरसों की कुर्बानी के बाद मिलती है। इतना आसान नहीं है। अब आगे गिनिज बुक का नम्बर है,
हम इन्हे ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते हैं और प्रार्थना करते हैं कि निरंतर आगे प्रगति करते रहें..............आमीन।
सुबह शाम बच्चों को ग्रीटिंग कार्ड बनाने का प्रशिक्षण देती हैं इसके बाद गृह विज्ञान के एक विषय पर शोध कार्य कर रहीं है, कालेज में पढाती हैं और बहुत कार्य हैं इनके।
इस उपलब्धि के पीछे इनके परिवार का भी बहुत बड़ा हाथ है, इनके पति श्री अरविंद देशपाण्डे जी एक जिंदादिल इंसान हैं और हमेशा इन्हे प्रोत्साहित करते रहते हैं,
इनके बेटे अमितेश और बेटी अदिति भी छाया की तरह साथा लगे रहते हैं।
एक उपलब्धि भी बरसों की कुर्बानी के बाद मिलती है। इतना आसान नहीं है। अब आगे गिनिज बुक का नम्बर है,
हम इन्हे ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते हैं और प्रार्थना करते हैं कि निरंतर आगे प्रगति करते रहें..............आमीन।
अल्पना जी को बधाई!!
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बधाई....!!
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंआपका भी धन्यवाद ये बताने के लिए ...
अल्पना जी को ढेर सारी बंधाई ......
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को शुभकामनाएं और आपको भी कैसे दे भुलायें। आपने प्रस्तुत किया इसलिए आपको आभार।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को हार्दिक बधाईयां
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति के लिये ललित भाई को
नम्बर वन पर कार्य होते हैं न कि वाक्विलास
मेहनत जरूर एक दिन रंग लाती है। अल्पना जी और उन के परिवार को बहुत बहुत बधाइयाँ!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ! अनन्त शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएं...बधाई व शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंअल्पनाजी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंअल्पना जी की अथक साधना को नमन...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
अल्पना जी को इस नेक कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई ...!!
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई,
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम उन्हे हार्दिक बधाई। मेहनत द्रिढ इच्छा शक्ति रन्ग लाई। इस प्रेरक प्रसन्ग को यहाँ उद्ध्रित करने भाई ललित को भी बधाई।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंregards
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंभाई वाह जज्बा हो तो ऐसा हो , अल्पना जी को बहुत-बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बधाई!!
जवाब देंहटाएंऔर आपको भी जो इस बात को हम तक पहुंचाया,प्रेरणा स्त्रोत बनाया!
कुंवर जी,
अल्पना जी को बधाई!!
जवाब देंहटाएंइस उपलब्धि के लिए अल्पना जी को जितनी बधाई दी जाए कम है।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंऔर आपका भी धन्यवाद इनसे मिलवाने के लिये
प्रणाम
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई .
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बधाई और आपका आभार सर..
जवाब देंहटाएंअल्पना जी से मैं एक बार ही मिल पाया हूं। मैंने उन्हें पूरे मनोयोग से काम करते हुए देखा है और उनके मनोयोग में उनके हमकदम की भूमिका भी सराहनीय है। उन्हें बधाई... ढेर सारी बधाई।
जवाब देंहटाएंआप और आगे बढ़े इन्ही शुभकामनाओं के साथ
अल्पना जी को बधाई.
जवाब देंहटाएंशौक का कोई जवाब नही होता
हमारी शुभकामनाएं भी प्रेषित कर दीजियेगा.
जवाब देंहटाएंजय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
सब से पहले तो आप को बधाई जी, जो यह खबर आप ने हम तक पहुचाई, ओर फ़िर अल्पना जी को बधाई!!
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंऔर आपका भी धन्यवाद इनसे मिलवाने के लिये
अल्पना जी को हार्दिक बधाई, अल्पना जी से मेरा अनुरोध है कि एक कार्ड उन अनाम शहीदों के नाम जो छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए शहीद हो गए उनके लिए भी बनांए.
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअल्पना जी को बधाई!
जवाब देंहटाएंCongratulations Alpana ji and thanks Lalit ji.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअल्पना जी का उदाहरण दूसरों के लिए भी एक प्रेरणाश्रोत रहेगा ।
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई साथ ही आपकी सार्थक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद'
जवाब देंहटाएंअल्पना जी कोटिशः हार्दिक बधाइयाँ..
जवाब देंहटाएंअल्पनाजी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंआपका भी धन्यवाद इस खबर को पहुँचाने हेतु
आप दोनों को बधाई..
जवाब देंहटाएंजी हाँ! खवाब ही हकीकत में बदला करते हैं
जवाब देंहटाएंcongts
हमे भी पार्टी चाहिये
जवाब देंहटाएंखवाब ही हकीकत में बदला करते हैं
जवाब देंहटाएं