ईद का चाँद मुस्किल से दिखता है,
लैला को मजनुं मुस्किल से मिलता है।
हम तो SMS भेजते रहते हैं पर,
आपका SMS मुश्किल से मिलता है।
मेरी किसी खता पे नाराज न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना।
सुकून मिलता है सुनकर आपकी हंसी,
जिन्दगी में तुम कभी उदास न होना।
उम्मीदों की शमा दिल में मत जलाना,
इस जहान से अलग दुनिया मत बसाना।
आज मुड में था तो SMS कर दिया,
पर रोज इंतजार में पलकें मत बिछाना।
एक तो आपसे मुलाकात नहीं होती,
होती है तो पर बात नहीं होती।
सिर्फ़ SMS आने से दिल नहीं भरता,
क्युंकि उसमें आपकी आवाज नहीं होती।
धरती का गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है।
मर कर भी छुपाने होते हैं गम शायद,
इसलिए हर लाश पे एक कफ़न होता है।
लैला को मजनुं मुस्किल से मिलता है।
हम तो SMS भेजते रहते हैं पर,
आपका SMS मुश्किल से मिलता है।
मेरी किसी खता पे नाराज न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना।
सुकून मिलता है सुनकर आपकी हंसी,
जिन्दगी में तुम कभी उदास न होना।
उम्मीदों की शमा दिल में मत जलाना,
इस जहान से अलग दुनिया मत बसाना।
आज मुड में था तो SMS कर दिया,
पर रोज इंतजार में पलकें मत बिछाना।
एक तो आपसे मुलाकात नहीं होती,
होती है तो पर बात नहीं होती।
सिर्फ़ SMS आने से दिल नहीं भरता,
क्युंकि उसमें आपकी आवाज नहीं होती।
धरती का गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है।
मर कर भी छुपाने होते हैं गम शायद,
इसलिए हर लाश पे एक कफ़न होता है।
शुभ प्रभात भईया, एक SMS मेरा भी स्वीकारें -
जवाब देंहटाएं"किसका पीड़ा से सरोकार नहीं होता,
भावों का मगर व्यापार नहीं होता,
मन की बातें रख लूँ मन में,
मन सा तो संसार नहीं होता !!! "
आज मुड में था तो SMS कर दिया
जवाब देंहटाएंBadhiya kavita. Thanks Bhaiya.
Bandagi!!
वाह-वाह, मौसम के मुताविक आप भी रूमानी हो लिए ललित जी , बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंबड़ा रूमानी अंदाज है.... क्या खूब बारिश हो गई है ... हा हा बढ़िया प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंयो चसको कद सू लाग्गो |
जवाब देंहटाएंलास्ट वाला ज्यादा अच्छा है !
जवाब देंहटाएंमर कर भी छुपाने होते हैं गम शायद,
जवाब देंहटाएंइसलिए हर लाश पे एक कफ़न होता है। ...vaah, bahut majedaar.
धरती का गम छुपाने के लिए गगन होता है,
जवाब देंहटाएंदिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है।
मर कर भी छुपाने होते हैं गम शायद,
इसलिए हर लाश पे एक कफ़न होता है।
हम तो अंतर जाल की दुनिया से हो गए हैं दूर
इसके बिना किस काम का वह कंप्यूटर, जिसके कुंजी पटल
पर दौड़ती हैं अंगुलियाँ, जिसे हम और आप बटन कहते हैं
गाड़ा भर के बधाई
... bahut khoob !!!
जवाब देंहटाएंबहुत जबरदस्त.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत जबरदस्त.
जवाब देंहटाएंरामराम
मर कर भी छुपाने होते हैं गम शायद,
जवाब देंहटाएंइसलिए हर लाश पे एक कफ़न होता है।
bahut khoob bhav...
वाह वाह ललित भाई बहुत सुंदर शायरी की आप ने, लेकिन उस जमाने मै एस एम एस या मोबाईल तो था ही नही...:)
जवाब देंहटाएं:):)गम छुपाने के लिए कफ़न ....बहुत लाजवाब लिखा है ..
जवाब देंहटाएंबड़ा रूमानी अंदाज है....
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