एक गांव की लज्जाशील संकोची स्वभाव की अल्हड़ युवती लाजवंती से उसकी पड़ोसन सरिता ने पूछा,'ये जो सज्जन तुम्हारे साथ जा रहे हैं, तुम्हारे क्या लगते हैं?'
लाजवंती देवी ने संकोचपूर्वक कहा,'मैं इनका नाम तो नहीं बताऊंगी और न ही यह बताऊंगी कि ये मेरे क्या लगते हैं। हां, एक बात बता सकती हूँ कि इनकी सास और मेरी सास आपस में माँ बेटी हैं।'
बताईए, उस पुरुष और स्त्री का आपस में क्या रिश्ता था?
(बस युं ही मगज मारी)
लाजवंती देवी ने संकोचपूर्वक कहा,'मैं इनका नाम तो नहीं बताऊंगी और न ही यह बताऊंगी कि ये मेरे क्या लगते हैं। हां, एक बात बता सकती हूँ कि इनकी सास और मेरी सास आपस में माँ बेटी हैं।'
बताईए, उस पुरुष और स्त्री का आपस में क्या रिश्ता था?
(बस युं ही मगज मारी)
पहले तो ये बताईये कि इनमें आप थे या नहीं?
जवाब देंहटाएंवैसे वह आदमी अपनी सलहज (साले की पत्नी) के साथ जा रहा था.
रिश्ता - सलहज और नंदोई का |
जवाब देंहटाएंसाथ वाला व्यक्ति उस औरत का नंदोई है यानि ननद का पति
aise risto me humara dimag to nahi chalta lalit ji
जवाब देंहटाएंआपने ससुर के सॅढू भाई के साथ
जवाब देंहटाएंअपनी सास के जीजा के साथ
जवाब देंहटाएंबढ़िया रही यह मगजमारी!
जवाब देंहटाएंचलो हटाओ..जो भी हो..अपने क्यूँ पड़ना टंटे में
जवाब देंहटाएंललित भाई,
जवाब देंहटाएंऐसी मगजमारी करानी है तो पहले चार-पांच किलो बादाम भिजवा दो...
जय हिंद...
किसी बहू का उसकी सास के जीजा के साथ क्या रिश्ता होता है यह तो हमें भी नहीं पता।
जवाब देंहटाएंमुझे तो ऐसा जान पड़ता है की वो स्त्री अपने स्वसुर के साथ जा रही थी ....स्वसुर की सास स्त्री की सास की माँ ही तो होगी न ....
जवाब देंहटाएंसही उत्तर तो बताइए
ससुर और बहु (पुत्रवधु)
जवाब देंहटाएंप्रणाम
सर में दर्द है अभी ....!
जवाब देंहटाएंअचरज की बात है आज रतन सिंह जी ने भी गलत जवाब दिया है | लगता है महनसर वाली महारानी का असर है | संगीता स्वरूप और अंतर सोहिल जी ने सही जवाब दिया है | वैसे सभी लोग संडे को आराम करते है इसी लिए कोइ मगजमारी करना नहीं चाहता है |
जवाब देंहटाएंअरे ससूर ओर बहु यानि, यह ऒरत जिस का नाम नही लेना चाहती उस के लडके की बहू है जी. क्योकि हमारे जमाने मै बडो का नाम नही लेते थे, उन की इज्जत करते थे, आज कल कोई अपने बाप की इज्जत नही करता तो ससूर किस खेत की मुळी...
जवाब देंहटाएंक्यों इतनी महेनत करवा रहे है भाई जी ?
जवाब देंहटाएंआजकल रिश्ते रह कहाँ गए है, ललित जी ?
जवाब देंहटाएंअरे कौन मगजमारी करे जब पता चले बता देना।
जवाब देंहटाएंवो भला आदमी उस औरत की ननद का जँवाई था.....
जवाब देंहटाएंवैसे संगीता जी ने सही जवाब दिया है..लेकिन गलत हमने भी नहीं कहा....:)
जवाब देंहटाएंदिमग्वे हिला दिया आपने तो...
जवाब देंहटाएंउत्तर-
जवाब देंहटाएंवह स्त्री अपने ससुर के साथ जा रही थी,
इसलिए उनका नाम नहीं ले रही थी।
कहाँ और क्यों जा रही थी ?
जवाब देंहटाएंबस यूँ ही पूछ लिया । :)
इत्ते उलझन भरे रिश्ते? भाई इतना ही मगज होता तो ताऊ काहे कहलाते?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
लाजवंती अपने श्वसुर जी के साथ जा रही थी.. क्योंकि उसके श्वसुर की सास की बेटी लाजवंती के श्वसुर की पत्नी यानि उसकी सास हुई..
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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